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Good News: अब सफर करते समय जेब में पैसे लेकर चलने की जरूरत नहीं, डेबिट व क्रेडिट कार्ड से करें बस किराये का भुगतान

गोरखपुर को 755 एंड्रायड टिकट मशीनें मिली हैं। ऐसे में यात्री बसों के किराये का ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। पहले दिन गोरखपुर डिपो के लखनऊ कानपुर दिल्ली रूट के 20 परिचालकों को एंड्रायड टिकट मशीन दी गई है।

By Pragati ChandEdited By: Updated: Thu, 07 Jul 2022 01:28 PM (IST)
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गोरखपुर को मिली 755 एंड्रायड टिकट मशीनें। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अब सफर के दौरान जेब में पैसे लेकर चलने की जरूरत नहीं। रोडवेज की बसों में भी डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अलावा भीम, पेटीएम और गूगल पे से किराये का भुगतान होने लगे हैं। परिचालक इलेक्ट्रानिक टिकट मशीन (ईटीएम) की जगह हाईटेक एंड्रायड टिकट मशीन लेकर चलने लगे हैं। मुख्यालय लखनऊ ने प्रथम चरण में गोरखपुर परिक्षेत्र को 755 एंड्रायड टिकट मशीन उपलब्ध करा दिया है।

20 परिचालकों को दी गई मशीन: एंड्रायड टिकट मशीन की शुरुआत गोरखपुर डिपो से हो गई है। पहले दिन गोरखपुर से लखनऊ, कानपुर और दिल्ली रूट पर चलने वाली 20 बसों के परिचालकों को एंड्रायड टिकट मशीन और चार्जर दी गई। नवागत सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) महेश लाल श्रीवास्तव के अनुसार गोरखपुर डिपो को 180 मशीनें मिली हैं।

मशीन देने से पहले दिया जा रहा प्रशिक्षण: मशीन देने से पहले परिचालकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। धीरे-धीरे सभी परिचालकों को एंड्रायड टिकट मशीन और चार्जर उपलब्ध करा दी जाएगी। पुरानी मशीनें खुलने में जहां चार से पांच मिनट लेती थीं, वहीं नई एंड्रायड टिकट मशीनें मोबाइल की तरह कार्य कर रही हैं। मशीनों को चार्ज करने के लिए डिपो परिसर में नए प्वाइंट बनाए गए हैं। एक बार चार्ज होने के बाद मशीनें पूरे दिन चलती हैं। यात्रियों को तो सहूलियत मिलेगी ही, परिचालकों की कार्यप्रणाली भी आसान हो जाएगी।

दूर होगी बसों की लेटलतीफी, नहीं चलेगी परिचालकों की मानमानी: नई व्यवस्था से नकद भुगतान के बाद पैसे की वापसी तथा फुटकर को लेकर यात्रियों और परिचालकों के बीच होने वाली किचकिच समाप्त हो जाएगी। परिचालकों की मनमानी नहीं चलेगी। मैनुअल टिकट की बुकिंग के साथ बसों के विलंबन से भी मुक्ति मिलेगी। दरअसल, इलेक्ट्रानिक टिकट मशीनों के खराब हो जाने के बाद परिचालक हाथ से टिकट बनाने लगे थे। इसके चलते बसें रास्ते में खड़ी हो जा रही थी। सभी यात्रियों का टिकट बनने के बाद ही बसें आगे बढ़ती थीं। यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई थीं।

परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके तिवारी ने बताया कि यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से परिचालकों को एंड्रायड टिकट मशीनें उपलब्ध कराई जा रही हैं। परिक्षेत्र को कुल 755 मशीनें मिली हैं। यात्री डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अलावा भीम, पेटीएम और गूगल पे से भी किराये का भुगतान कर सकेंगे। टिकटों की बुकिंग प्रक्रिया सुविधाजनक और पारदर्शी होगी।

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