Gorakhpur News: कृषि विभाग के लिए परेशानी का सबब बना सैटेलाइट सुविधा, खेत का डंटल जलाने की कर रहा निगरानी
सेटेलाइट सुविधा के जरिए खेतों में डंटल जलने की निगरानी की जा रही है लेकिन यह सुविधा कृषि विभाग के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सहजनवां में धुआं देख सेटेलाइट तीन दिनों से लोकेशन रिपोर्ट कर रहा है। जिसके चलते कृषि विभाग की टीम दौड़ रही है। लगातार तीन दिन दौड़ने के बाद टीम ने उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सैटेलाइट की सुविधा कृषि विभाग के लिए परेशानी का सबब बन गया है। बीते तीन दिनों से सहजनवां क्षेत्र में धुंआ देख वह फोटो और लोकेशन का रिपोर्ट कर रहा है। सत्यापन के लिए जब टीम मौके पर पहुंच रही है तो वहां पर फैक्ट्री से निकलने वाला धुंआ मिल रहा। लगातार तीन दिन दौड़ने के बाद टीम ने उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी है।
सैटेलाइट से की जा रही निगरानी
इस बार डंठल जलने की निगरानी सैटेलाइट से की जा रही है। किसान अगर गलती से भी डंठल जलाए तो सैटेलाइट इसकी रिपोर्ट कृषि विभाग और तहसील प्रशासन के पास भेज देगा। इसके बाद कृषि विभाग की टीम उसके द्वारा दिए गए लोकेशन पर पहुंचेगी और सत्यापन कर किसान के विरुद्ध कार्रवाई करेगी।
डंटल जलाया तो लगेगा जुर्माना
यदि किसान ने एक एकड़ खेत का डंठल जलाया है तो उस पर 2500 रुपये और दो एकड़ खेत पर पांच हजार रुपये जुर्माना के साथ पीएम किसान सम्मान निधि से उसे वंचित कर दिया जाएगा। ऐसी सख्त कार्रवाई का प्रावधान पहली बार हुआ है। सैटेलाइट से लिए गए अब तक कृषि विभाग को दस फोटो भेजे गए हैं। इसमें से छह फोटो सहजनवां क्षेत्र की है और दो फोटो कौड़ीराम व दो चौरी चौरा क्षेत्र की है। इन सभी जगहों पर सत्यापन को पहुंची टीम को कहीं भी डंठल जलने जैसा मामला नहीं मिला।
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दूसरे ने जलाई है डंठल तो करना होगा साबित
किसानों की तरफ से दूसरे के द्वारा डंठल जलाने की शिकायत मिलने पर संबंधित किसान को नोटिस जारी की जाएगी। यह नोटिस तहसील या कृषि विभाग से जारी होगी। किसान को नोटिस प्राप्त होने पर विभाग में उपस्थित होकर सबूत देना होगा। बताना होगा कि उनके खेत का डंठल दूसरे व्यक्ति ने जलाया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
सैटेलाइट की रिपोर्ट पर सत्यापन करने जाना ही होगा। इसमें कोई सुधार नहीं हो सकता है। वह धुंआ देख लोकेशन के साथ रिपोर्ट देगा। स्थानीय या जिले की टीम मौके पर पहुंचकर सत्यापन करेगी। डंठल जला होगा तो संबंधित किसान को नोटिस दी जाएगी। नहीं जलने पर टीम सूचना गलत होने का रिपोर्ट लगा देगी। अरविंद सिंह, उपकृषि निदेशक