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भूकंप के झटके दे रहे बड़े खतरे के संकेत, भारत और नेपाल में एक साल में कई बार हिली धरती; जानें- विशेषज्ञों की राय

गोरखपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में बार - बार मिल रहे भूकंप के झटके बड़े खतरे के संकेद दे रहे हैं। इसको लेकर भूगोलविद् प्रो. शिवाकांत सिंह ने बताया है कि एक वर्ष में भारत और नेपाल में कई बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं लेकिन इससे संदेश मिल रहा है कि जमीन की नीचे विवर्तनिक प्लेट की हलचल शुरू हो गई है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Mon, 23 Oct 2023 10:06 AM (IST)
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बड़े भूकंप के संकेत हैं निरंतर मिल रहे छोटे झटके। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में रविवार को तड़के लोगों ने भूकंप का हल्का झटका महसूस किया। भूकंप का केंद्र नेपाल का भरतपुर था और इसकी तीव्रता 5.02 थी। भूगोलविद् प्रो. शिवाकांत सिंह के अनुसार यह किसी बड़े भूकंप के संकेत हैं।

जमीन के नीचे विवर्तनिक प्लेट की हलचल शुरू होने के मिल रहे संदेश

प्रो. सिंह ने बताया कि एक वर्ष में भारत और नेपाल में कई बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं, लेकिन इससे संदेश मिल रहा है कि जमीन के नीचे विवर्तनिक प्लेट की हलचल शुरू हो गई है। रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक तीव्रता होने पर खतरा माना जाता है। चूंकि अभी हलचल मामूली है, इसलिए भूकंप की तीव्रता भी नियंत्रित है। यह हलचल जल्द बड़ा परिणाम देने वाली भी हो सकती है।

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संपूर्ण पृथ्वी पर छह मुख्य प्लेट और 20 लघु प्लेट का निर्धारण किया गया है। मुख्य प्लेट के दायरे में यूरेशियन और इंडियन प्लेट भी आती है। इन प्लेटों की आपस में दो स्थितियां विवर्तनिक हलचलों के लिहाज से महत्वपूर्ण होती हैं। रचनात्मक प्लेट किनारा और विनाशी प्लेट किनारा। रचनात्मक प्लेट किनारा दो प्लेट के विपरीत दिशा में जाने तथा विनाशी प्लेट किनारा दो प्लेट के एक दूसरे के पास आने से बनता है।

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इंडियन प्लेट भारी होने का कारण यूरेशियन प्लेट के नीचे निरंतर क्षेपित होती जा रही है। भूतल की इसी प्रक्रिया में भूकंप के झटके आए दिन देश के उत्तरी क्षेत्र में महसूस किए जा रहे। हिमालय की तलहटी में होने की वजह से गोरखपुर भूकंप के लिहाज से उच्च खतरे वाले क्षेत्र में आता है। ऐसे में हमें किसी बड़े झटके लिए तैयार रहना होगा।