हमसफर एक्सप्रेस की रफ्तार पर स्लीपर कोच लगा रहा ब्रेक, जानें- कैसे ? Gorakhpur News
पूरी से तरह वातानुकूलित हमसफर एक्सप्रेस में स्लीपर कोच लगने के कारण हमसफर एक्सप्रेस की स्पीड पर ब्रेक लग रहा है।
प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर : पूरी तरह वातानुकूलित हमसफर एक्सप्रेस की रफ्तार एक स्लीपर कोच ने रोक दी। पांच मार्च को पहली बार जब 12595 हमसफर में एक स्लीपर कोच लगा तो कानपुर से गाजियाबाद के बीच ट्रेन की रफ्तार 130 से घटकर 110 किमी प्रति घंटा हो गई। हमसफर तीन घंटे विलंबित तो हुई ही इससे अन्य ट्रेनें भी प्रभावित हो गईं। मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंचा तो दूसरे दिन ही स्लीपर कोच हटा लिया गया।
आनंद विहार तक चलने वाली हमसफर में नहीं लग रहे स्लीपर के कोच
फिलहाल गोरखपुर से आनंद विहार तक चलने वाली हमसफर में स्लीपर के कोच नहीं लग रहे हैं। ट्रेन में 18 एसी थर्ड और दो पॉवर कार सहित कुल 20 कोच लग रहे हैं। जबकि पांच मार्च से नियमित रूप से एक स्लीपर कोच अनिवार्य रूप से लगाया जाना था। इसे हटाने के बाद अब फिर पूवरेत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और बोर्ड के अधिकारियों के बीच मंथन चल रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जल्द ही इस फार्मूले का हल निकाल लिया जाएगा।
इसलिए दिया गया था स्लीपर कोच लगाने का निर्देश
दरअसल आफ सीजन में लगातार खाली चल रहीं हमसफर ट्रेनों में यात्रियों की संख्या व राजस्व बढ़ाने के लिए रेलवे बोर्ड ने स्लीपर कोच भी लगाने का दिशा-निर्देश जारी कर रखा है। इस संबंध में पूछे जाने पर पूवरेत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि जल्द ही स्लीपर कोच लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
130 की रफ्तार से चलती हैं एसी ट्रेनें
उत्तर मध्य रेलवे के कानपुर-गाजियाबाद रूट पर स्लीपर कोच वाली ट्रेनें 110 तथा एसी ट्रेनें अधिकतम 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। 20 कोच वाली हमसफर को भी 130 किमी प्रति घंटे के रफ्तार की अनुमति है। इस रूट पर कुछ स्लीपर कोच वाली ट्रेनों को भी 130 की अनुमति मिली है। ऐसे में हमसफर में भी स्लीपर कोच लगने के बाद रफ्तार कायम रखने की गुंजाइश बनी हुई है। दरअसल, खिड़कियां, गेट खुले होने के कारण स्लीपर कोच वाली ट्रेनों की रफ्तार हवा के दबाव में 110 से अधिक नहीं बढ़ पाती है। जबकि एसी कोच पूरी तरह पैक होते हैं।