देव विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा को आज से गोरखनाथ मंदिर में शुरू होगी कथा, संत बालकदास सुनाएंगे शिव महापुराण
गोरखनाथ मंदिर में नवनिर्मित मंदिरों में देवविग्रहों की प्राण- प्रतिष्ठा 21 मई को होगी। इसके लिए आज से कथा की शुरुआत हो रही है। हर दिन अलग- अलग अनुष्ठान होंगे। आज कथाव्यास संत बालकदास शिव महापुराण कथा सुनाएंगे।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखनाथ मंदिर के नवनिर्मित देव-मंदिरों में 21 मई को होने वाली देवविग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए कथा ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ सोमवार से हो रहा है। दो चरणों में आयोजित होने वाली कथा के पहले चरण में आठ से 14 मई तक व्यास पीठ पर कथाव्यास के रूप में संत बालकदास विराजमान रहेंगे। वह शिव महापुराण की कथा सुनाएंगे। यह कथा श्रद्धालु मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ सभागार में शाम तीन से छह बजे के बीच सुन सकेंगे।
कथा के शुभारंभ से पहले दोपहर ढाई बजे गोरखनाथ मंदिर के गर्भगृह से विविध वाद्ययंत्रों की गूंज के बीच शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें कथा वाचक के साथ-साथ साधु-संत और यजमान शामिल रहेंगे। शोभायात्रा कथा स्थल पर पहुंचकर सम्पन्न होगी। गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया कि कथा सुनने आने वाले श्रद्धालुओं के बैठने के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से समुचित व्यवस्था की गई है।
पहले चरण की कथा 14 मई को सम्पन्न होगी। समापन अवसर पर मंदिर प्रबंधन की ओर से भंडारे का आयोजन किया जाएगा। योगी कमलनाथ ने बताया कि इस दौरान प्रतिदिन अलग-अलग धार्मिक अनुष्ठान होंगे। यज्ञाचार्य की भूमिका का निर्वहन मंदिर के प्रधान पुरोहित पंडित रामानुज त्रिपाठी वैदिक करेंगे।
15 मई से होगी श्रीमद्भागवत कथा, सुनाएंगे डॉ. पराशर
कथा का दूसरा चरण 15 मई से शुरू होकर 21 मई को सम्पन्न होगा। इस दौरान श्रीमद्भागवत कथा सुनाई जाएगी, जिससे सुनाने के लिए सिद्ध कथावाचक डा. श्याम सुंदर पाराशर को आमंत्रित किया गया है। कथा के समापन के बाद नव निर्मित मंदिरों में देव-विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान सम्पन्न किया जाएगा।