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Railways News: अब जंक्शन व बड़े स्टेशनों से कंट्रोल होंगी ट्रेनें, बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे में सिस्टम लगाने की दी मंजूरी

अब जंक्शन और बड़े स्टेशनों से ही ट्रेनें कंट्रोल होंगी। स्टेशन मास्टर अब सिर्फ हरी झंडी दिखाने के साथ स्टेशन प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके लिए भारतीय रेलवे स्तर पर सभी प्रमुख स्टेशनों पर केंद्रीयकृत यातायात नियंत्रण प्रणाली (सीटीसी) कार्य करेगी। रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर जंक्शन सहित प्रमुख स्टेशनों पर सीटीसी लगाने के कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी है।

By Prem Naranyan Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 05 Sep 2024 10:14 AM (IST)
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स्थापित होगी केंद्रीयकृत यातायात नियंत्रण प्रणाली। जागरण
प्रेम नारायण द्विवेदी, जागरण गोरखपुर। अब जंक्शन और बड़े स्टेशनों से ही ट्रेनें कंट्रोल होंगी। छोटे स्टेशनों से रूट रिले इंटरलाकिंग पैनल सिस्टम समाप्त हो जाएंगे। स्टेशन मास्टर अब सिर्फ हरी झंडी दिखाने के साथ स्टेशन प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालेंगे।

इसके लिए भारतीय रेलवे स्तर पर सभी प्रमुख स्टेशनों पर केंद्रीयकृत यातायात नियंत्रण प्रणाली (सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम या सीटीसी) कार्य करेगी। रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर जंक्शन सहित प्रमुख स्टेशनों पर सीटीसी लगाने के कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी है।

रेलवे प्रशासन ने सीटीसी लगाने की तैयारी आरंभ कर दी है। सीटीसी लगने के बाद ट्रेनें पैनल बटन की जगह अब कंप्यूटर माउस के इशारे से चलने लगेंगी। रेल लाइनों और समपार फाटकों पर ट्रेन दुर्घटनाओं पर अंकुश तो लगेगा ही, ट्रेनों की गति भी बढ़ जाएगी। ट्रेनें छोटे स्टेशनों और आउटर पर बिना वजह नहीं रुकेंगी। समय पालन दुरुस्त होगा।

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रेल लाइनों पर आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम लग जाने के बाद ही स्टेशनों पर केंद्रीयकृत यातायात नियंत्रण प्रणाली कार्य करेगी। रेल मंत्रालय ने आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम के साथ ही केंद्रीयकृत यातायात नियंत्रण प्रणाली का बजट भी आवंटित कर दिया है।

पूर्वोत्तर रेलवे के सभी प्रमुख रेलमार्गों पर आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम लगाने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का कार्य स्वीकृत है। लखनऊ-गोरखपुर-छपरा, छपरा-बनारस-प्रयागराज, सीतापुर-बुढ़वल 875 रूट किमी रेलमार्ग पर सिस्टम लगाने की स्वीकृति मिल चुकी है। वर्ष 2025 तक सभी रूटों पर सिस्टम लगाने का लक्ष्य है। प्रथम चरण में गोरखपुर के रास्ते चुरेब से चौरी चौरा स्टेशन तक आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम लग गया है।

जानकारों के अनुसार केंद्रीयकृत यातायात नियंत्रण प्रणाली को चालू करने के लिए रेल लाइनों पर आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम और स्टेशनों पर इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम लगाने के कार्य तेज कर दिए गए हैं। यह सिस्टम ट्रेन परिचालन को भी पूरी तरह डिजिटल प्लेटफार्म पर ला देगा।

विभागीय कार्यों के अलावा ट्रेनों का संचालन भी पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड हो जाएगा। फिलहाल, गोरखपुर कैंट और नकहा जंगल स्टेशन पर इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम कार्य करने लगा है। गोरखपुर जंक्शन पर भी सिस्टम लगाने की तैयारी तेज हो गई है। स्टेशन के उत्तर तरफ भवन तैयार हो गया है।

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जापानी तकनीक से तैयार इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम लगाने के साथ सिग्नल एवं दूरसंचार प्रशिक्षण केंद्र गोरखपुर में प्रशिक्षण की व्यवस्था भी शुरू हो गई है। प्रशिक्षण केंद्र में चार करोड़ की लागत से इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम लगाया गया है। आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर रेलवे के सभी 505 स्टेशनों से होकर ट्रेनों का निर्बाध संचालन शुरू हो जाएगा।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि  केंद्रीयकृत यातायात नियंत्रण प्रणाली के लिए कार्य की स्वीकृति मिल चुकी है। आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम और इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं। इन सिस्टमों के लग जाने से ट्रेनों का निर्बाध संचालन आरंभ हो जाएगा। ट्रैक क्षमता और ट्रेनों की गति बढ़ेगी। संरक्षा और सुरक्षा मजबूत होने के साथ समय पालन दुरुस्त होगा।

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