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गोरखपुर के युवाओं की इस टोली ने किया कमाल, डिजिटल अभियान से छोटे कारोबारियों को दे रहे ऊंची उड़ान

गोरखपुर शहर के युवाओं की एक टोली ने स्टार्टअप के जरिए अनूठी मुहिम छेड़ रखी है। इस अभियान के तहत दो दर्जन छोटे कारोबारियों की वेबसाइट बना कर इनके कारोबार का दायरा बढ़ा चुके हैं। इन युवाओं के जुनून से काफी लोगों को फायदा मिला है।

By Pragati ChandEdited By: Updated: Thu, 28 Apr 2022 09:50 AM (IST)
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डिजिटल अभियान से छोटे कारोबारियों को दे रहे ऊंची उड़ान। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गोरखपुर, डा. राकेश राय। गोरखपुर शहर के राजेंद्र नगर की रहने वाली अनुरागिका श्रीवास्तव घर से ही क्राफ्ट बनाने का काम करती थीं तो उन्हें आसपास के मोहल्ले और अधिकतम जिले के दायरे में ही आर्डर मिलते थे। आनलाइन हुईं तो अब व्यवसाय का दायरा प्रदेश व देश स्तर का हो गया है।

मांगलिक कार्यक्रमों के मिलने लगे आर्डर: चाट का ठेला लगाने वाले अजय जायसवाल बताते हैं कि उनकी दुकान पहले भी ठीक चलती थी पर जबसे वह आनलाइन हुए हैं, उन्हें मांगलिक कार्यक्रमों के बड़े-बड़े आर्डर भी मिलने लगे हैं। कई कैटरर्स भी संपर्क में रहने लगे हैं।

आनलाइन आए तो मिला फायदा: बक्शीपुर में ठेले पर पकौड़ा बेचने वाले दीपक गुप्ता को पहले तो अपने पकौड़े को आनलाइन करने की बात समझ में नहीं आई लेकिन जब उन्होंने इसे लेकर आफर स्वीकार किया तो आज काम और मुनाफा दोनों काफी बढ़ गया है।

युवाओं की टोली ने छेड़ रखी है अनूठी मुहिम: यह सब यूं ही नहीं हो गया। इसे संभव बनाया है शहर के युवाओं की एक टोली के जुनून ने, जिन्होंने छोटे कारोबारियों को बड़ा बनाने की यानी उनके व्यवसाय को ऊंची उड़ान देने का अभियान छेड़ रखा है। 'डिजिटल उड़ान' नाम के इस अभियान से वह अबतक दो दर्जन से अधिक छोटे कारोबारियों के व्यवसाय को बड़ा दायरा दे चुके हैं। इसमें कई ठेले वाले भी शामिल हैं। यह सिलसिला निरंतर जारी है।

दो दर्जन छोटे कारोबारियों को मिला वेबसाइट का लाभ: टीम का नेतृत्व करने वाले ई. राहुल मिश्रा व विशाल मिश्रा बताते हैं कि अपने अभियान के तहत वह व उनके साथी शहर के ठेले-खोमचे वालों सहित छोटे कारोबारियों के लिए वेबसाइट डिजाइन कर मुफ्त आनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध कराते, जिससे उनके कारोबार का दायरा बढ़ जाए। अबतक दो दर्जन से अधिक छोटे कारोबारी इस मुहिम के जरिए अपने कारोबार को बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के बढ़ाने में सफल हो चुके हैं। इनमें बक्शीपुर में लिट्टी बेचने वाले गुप्ता जी शामिल हैं तो क्राफ्ट का व्यापार करने वाली अनुरागिका श्रीवास्तव का व्यवसाय भी आनलाइन होकर चल निकला है। फोटोग्राफरों की संस्था क्लिकर्स और चित्रकारों को मंच देने के लिए पेंटेकल वेबसाइट भी यह युवा बना चुके हैं। वेबसाइट बनने के बाद अजय जायसवाल का चाट का ठेला तो चमक उठा है।

ऐसे पड़ी अभियान की नींव: टीम के नेतृत्वकर्ता राहुल मिश्र इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक और सीडैक नोएडा से मोबाइल एप्लीकेशन में एमटेक करने के बाद जब कार्यक्षेत्र में उतरे तो उन्होंने नौकरी की जगह खुद के व्यवसाय को तरजीह दी। उन्हें इसकी प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के आह्वान से 2016 में मिली। उन्होंने अपने भाई विशाल मिश्रा के साथ मिलकर कोड्स गेस्चर नाम से स्टार्टअप शुरू किया। शुरुआत दिनों में उन्होंने नोएडा को अपना कार्यक्षेत्र बनाया पर बाद में शहर के लिए कुछ करने की लालसा के साथ गोरखपुर आ गए। यहां कुछ ठेले-खोमचे वालों को जब उन्होंने कारोबार के लिए संघर्ष करते देखा तो अपने स्टार्टअप के जरिए मदद करने की ठान ली। इसी क्रम में उन्होंने कई ठेले वालों के आगे मुफ्त में वेबसाइट डिजाइन करने का आफर दिया तो कुछ ने स्वीकार कर लिया। परिणाम बेहतर मिला तो कई और छोटे व्यवसायी जुड़ते चले गए। अब तो इस टीम में संतोष विश्वकर्मा, मोनिका साहनी, अना नूर सहित आधा दर्जन से ज्यादा युवा शामिल हो गए हैं।

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