आतंकी तारिक ने कितने लोगों का किया ब्रेनवाश, कौन-कौन हैं मददगार; एटीएस व खुफिया एजेंसी कर रही जांच
गोरखपुर के रहने वाले मोहम्मद तारिक अतहर की काली करतूत को जानकर पूरे मोहल्लेवाले हैरान हैं। लोगों का कहना है कि तारिक शुरू से ही होनहार लड़का था। शिक्षक का बेटा होने के चलते पढ़ाई में वह बहुत तेज था। उधर उसकी गिरफ्तारी के बाद एटीएस व खुफिया एजेंसी के रडार पर उसके मददगार हैं। एजेंसी पता लगा रही कि कि कितने लोगों का उसने ब्रेनवाश किया है।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 09 Jul 2023 01:05 PM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एटीएस (आतंक निरोधक दस्ता) व खुफिया एजेंसी के रडार पर मोहम्मद तारिक अतहर के साथी हैं। लखनऊ में दो दिन चली पूछताछ में एजेंसी को जानकारी मिली थी टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर तारिक गोरखपुर के साथ ही पूर्वांचल के युवाओं को वह जिहाद के लिए तैयार कर रहा था। अब एटीएस यह जांच कर रही है कि कितने लोगों का उसने ब्रेनवाश किया था और कौन-कौन उसके मददगार हैं।
खूनीपुर मोहल्ले के लोग हैरान
खूनीपुर मोहल्ले में अंजुमन स्कूल के पास रहने वाले लोग मोहम्मद तारिक के आतंकी गतिविधि में लिप्त होने से हैरान हैं। पड़ोसियों ने बताया कि उस पर इस तरह के काम में शामिल होने का शक नहीं हुआ, वह पढ़ने में होनहार था। दो वर्ष से तारिक घर पर कम ही रहता था। उसके घरवाले भी उसके इस कृत्य से हैरान हैं और किसी से बात नहीं कर रहे। तारिक की गिरफ्तारी के बाद एटीएस के साथ ही खुफिया एजेंसियों के रडार पर शहर के रहने वाले एजाज व अदनान के अलावा दर्जन भर युवा हैं। इन लोगों से फोन पर तारिक की अक्सर बात होती थी। उसके मोबाइल फोन से आइएसआइएस से जुड़ी कई आपत्तिजनक तस्वीर भी मिली है।
यह है मामला
खूनीपुर में अंजुमन स्कूल के पास रहने वाला मोहम्मद तारिक अतहर तीन भाइयों में छोटा है। उसके पिता घसीकटरा स्थित स्कूल में शिक्षक हैं। देश विरोधी गतिविधि में लिप्त होने पर दो दिन पहले एटीएस ने तारिक को गिरफ्तार किया। पूछताछ व जांच में पता चला कि वह इस्लामिक स्टेट आफ खुरासान प्रोविंस (आइएसकेपी) से जुड़ा है। गुजरात में पकड़ी गई आतंकी सुमैरा बानू के संपर्क में था।अब तक भारत-नेपाल सीमा से पकड़े गए आतंकी
- 1991 मे खालिस्तान एरिया फोर्स का डिप्टी कमांडर सुखबीर सिंह
- 1991 में ही नेपाल की बढ़नी सीमा पर खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के भागा सिंह और अजमेर सिंह की गिरफ्तारी हुई थी
- 1993 में आतंकी टाइगर मेमन।
- 1995 में आइएसआइ एजेंट यासिया बेगम
- 2000 में आसिम अली और चार आतंकी
- 2007 में लश्कर के आतंकी सादात रशीद मसूद आलम की गिरफ्तारी
- 2009 में मुंबई के आतंकी नूरबक्श और इश्तियाक उर्फ शैतान पकड़े गए
- 2013 में आतंकी लियाकत अली शाह की गिरफ्तारी
- 2013 में आतंकी आंतकी यासीन भटकल पकड़ा गया
- 2020 में एटीएस ने आइएसआइ के जासूज को कोतवाली क्षेत्र से पकड़ा
- 2022 में गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाला मुर्तजा अब्बासी पकड़ा गया
- 2023 में एनआइए ने गोरखपुर से आतंकी दीपक रंगा को गिरफ्तार किया
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