Move to Jagran APP

संरक्षित हुआ 250 वर्षीय 'सुंदर, जानें- वनकर्मी इसका क्‍यों करेंगे दर्शन gorakhpur News

वन विभाग के मुताबिक इस वृक्ष की वास्तविक उम्र का पता नहीं है। दावा है कि यह 250 वर्ष से अधिक पुराना है। इसका तना 5.30 मीटर चौड़ा और लंबाई 58 मीटर है।

By Satish ShuklaEdited By: Updated: Thu, 09 Jan 2020 09:00 AM (IST)
Hero Image
संरक्षित हुआ 250 वर्षीय 'सुंदर, जानें- वनकर्मी इसका क्‍यों करेंगे दर्शन gorakhpur News
गोरखपुर, जेएनएन। 'सुंदर की उम्र 250 साल से भी अधिक है। वह पूरी तरह स्वस्थ है और मजबूती से खड़ा है। चार माह पूर्व ही उसके साथी 'मुंदर की मौत हुई है। इसी को देखते हुए विरासत के रूप में संरक्षित कर उसकी निगरानी बढ़ा दी गई है। दरअसल सुंदर कोई व्यक्ति नहीं बल्कि गोरखपुर डिवीजन के फरेंदा जंगल का साखू का एक वृक्ष है।

वास्‍तविक उम्र का पता नहीं

वन विभाग के मुताबिक इस वृक्ष की वास्तविक उम्र का पता नहीं है। दावा है कि यह 250 वर्ष से अधिक पुराना है। विभाग ने यह दावा फरेंदा क्षेत्र के कई बुजुर्गों से बातचीत के बाद किया है। जंगल में दो वृक्ष एक साथ के थे। उनकी आयु और महत्व को देखते हुए उन्हें सुंदर व मुंदर नाम दिया गया था। चार माह पहले मुंदर अचानक धराशायी हो गया। इसके बाद वन विभाग ने सुंदर की निगरानी बढ़ा दी। वन कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि हर दूसरे दिन उसकी देखरेख करें। सुंदर का तना 5.30 मीटर चौड़ा व 58 मीटर लंबा है।

विरासत वृक्ष का लोगो बनेगा सुंदर

वन विभाग ने निर्णय लिया है कि सुंदर को विरासत वृक्ष का लोगो बनाया जाएगा। फरेंदा के अलावा तरकुलहा, चौरीचौरा, अलीनगर, गोरखनाथ मंदिर सहित कई स्थलों पर पुराने पेड़ों को विभाग चिह्नित कर रहा है। उनकी उम्र पता लगाने की कोशिश कर रहा है। उम्र पता लगते ही उन पेड़ों को विरासत वृक्षों की श्रेणी में रखा जाएगा।

एक सौ शब्‍दों में लिख जाएगा महत्‍व

डीएफओ अविनाश कुमार का कहना है कि पुराने वृक्ष आमतौर पर नए वृक्ष की तुलना में अधिक आक्सीजन देते हैं। सुंदर अत्यंत महत्वपूर्ण वृक्ष है। उस पर 100 शब्दों में उसका महत्व लिखा जाएगा। किनारे-किनारे बाड़ बनाया जाएगा। ऐसे ही अन्य विरासत वृक्षों को संरक्षित किया जाएगा। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।