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सलाखों के पीछे से चला रहे जुर्म का साम्राज्य, ऐसे सामने आया सच Gorakhpur News

गोरखपुर जिला जेल में बंद बदमाश सलाखों के पीछे से जुर्म का साम्राज्य चला रहे हैं। मुकदमा दर्ज कराने वाले को धमकाया जा रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Wed, 26 Feb 2020 02:45 PM (IST)
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सलाखों के पीछे से चला रहे जुर्म का साम्राज्य, ऐसे सामने आया सच Gorakhpur News
गोरखपुर, सतीश कुमार पांडेय। गोरखपुर जेल में बंद बदमाश सलाखों के पीछे से जुर्म का साम्राज्य चला रहे हैं। मुकदमा दर्ज कराने वाले को धमकाया जा रहा है। गुलरिहा के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर के पास जेल से फोन जाने की पुष्टि होने के बाद स्पष्ट हो गया है कि सींखचों के भीतर बंदी बेखौफ हैं। बाहरी दुनिया से संपर्क में हैं और जेल में बैठकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। 

गुलरिहा क्षेत्र के झुंगिया बाजार निवासी प्रॉपर्टी डीलर आशीष को 14 दिसंबर, 2019 की रात मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी के पास बाइक सवार बदमाशों ने गोली मार दी थी। इस मामले में पुलिस ने पिपराइच क्षेत्र के जंगल छत्रधारी, टोला साहगंज निवासी बेचू यादव को तमंचे के साथ गिरफ्तार किया था। तीन जनवरी को बेचू ने जेल से प्रॉपर्टी डीलर के चचेरे भाई अरविंद के मोबाइल पर फोन किया। मुकदमा वापस न लेने पर परिवार को जान से मारने की धमकी दी। एसएसपी के निर्देश पर गुलरिहा पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। सर्विलांस सेल की जांच में मोबाइल फोन का लोकेशन जेल के मोबाइल टॉवर से संबद्ध मिला।

2017 में डॉक्टर से मांगी गई थी रंगदारी

जुलाई 2017 में डॉ. शिवशंकर शाही के पास फोन करने वाले ने खुद को जेल में बंद एक अपराधी बताते हुए 20 लाख रुपये रंगदारी मांगी थी। इससे पहले गोला के एक स्वर्ण व्यापारी और बेलीपार के कपड़ा व्यापारी के मोबाइल फोन पर भी रंगदारी के लिए फोन आया था। पहले तो पुलिस इसे शरारती तत्व की हरकत मान रही थी, लेकिन डॉक्टर के पास फोन आने के बाद जब शासन स्तर से सख्ती हुई तब पुलिस ने जांच पड़ताल तेज की। पुलिस की जांच में सामने आया है कि फोन करने वाला कोई और नहीं बल्कि जेल में बंद  जिले का शातिर लुटेरा संजय यादव है।

काम नहीं करता है जैमर

अपराधी जेल से बात न कर सकें, इसके लिए जिला कारागार में टू जी नेटवर्क को जाम करने वाले जैमर लगाए गए हैं। केवल दिखावे के ही ये रह गए हैं। जेल के भीतर थ्री जी और फोर जी नेटवर्क काम करता है।

जेल की तलाशी में कब कितने मोबाइल मिले

दो दिसंबर, 2014 : सात मोबाइल फोन, छह बैट्री, छह चार्जर, आठ सिमकार्ड मिलें।

13 दिसंबर, 2014 : एक मोबाइल, सिमकार्ड, बोतल सहित कई सामान मिलें।

आठ जून, 2015 : चार मोबाइल, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू व चाकू मिले।

11 अक्टूबर, 2016 : जेल की तलाशी में 129 मोबाइल मिले।

चार जुलाई, 2017 : तलाशी में एक मोबाइल, दो सिमकार्ड मिला।

पांच जुलाई, 2017 : बैरक नंबर पांच में मोबाइल मिला। 

प्रॉपर्टी डीलर को जेल से धमकी देने की जांच चल रही है। कोर्ट से अनुमति लेकर विवेचक आरोपित से जेल में पूछताछ करेंगे। जेल में बंद शातिर बदमाशों की गतिविधियों पर पुलिस की नजर है।  - डॉ. सुनील गुप्तेेा, एसएसपी

इनामी बदमाशों के सामने बेबस पुलिस

फरार चल रहे दो दर्जन से अधिक इनामी बदमाश, जनपद पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं। फरारी में रहते हुए आपराधिक गतिविधियों में इनकी संलिप्तता ने पुलिस की मुश्किल और बढ़ा दी है। एक लाख का इनामी बदमाश राघवेंद्र करीब चार साल से चुनौती बना हुआ है। उसकी तलाश में कई बार कोलकाता गई टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। लंबे समय से फरार चल रहे इनामी बदमाशों के सामने पुलिस बेबस नजर आ रही है।

झंगहा क्षेत्र के सुगहा गांव निवासी राघवेंद्र यादव पर एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या का आरोप है। वर्ष 2016 में अपने ही गांव के एक परिवार के दो लागों की उसने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में नामजद होने के बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। फरारी के दौरान ही वर्ष 2018 में उसी परिवार के दो और लोगों को उसने मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। 29 मार्च 2019 को पुलिस ने उस पर एक लाख का इनाम घोषित किया था।

राघवेंद्र के अलावा जिले की पुलिस के लिए वांछित चल रहे 50 हजार के पांच और 25 हजार के 11 बदमाशों के अलावा 15 हजार, 10 हजार व पांच हजार के दो दर्जन से अधिक बदमाश फरार चल रहे हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए हर बदमाश के पीछे एक पुलिस वाले को लगा रखा है, लेकिन लंबे समय से इनका सुराग नहीं लग पा रहा है।

फरार चल रहे हैं एक लाख व 50 हजार के ये इनामी बदमाश

झंगहा क्षेत्र के सुगहा निवासी एक लाख का इनामी बदमाश राघवेंद्र

मुंडेरा बाजार, चौरीचौरा निवासी 50 हजार का इनामी मोहम्मद आलम

सीतामढ़ी, बिहार निवासी 50 हजार का इनामी राजू अंसारी

एकला बाजार, बेलीपार निवासी 50 हजार का इनामी जीवन शर्मा

कैंट, फैजाबाद निवासी 50 हजार का इनामी अभिषेक

मधुबन, मऊ निवासी 50 हजार का इनामी अजीत उर्फ एजाज

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