दुनिया में सबसे ऊंचा है गोरखपुर खाद कारखाने का प्रीलिंग टॉवर Gorakhpur News
गोरखपुर खाद कारखाने में 149.2 मीटर ऊंचा प्रीलिंग टॉवर बनकर तैयार है। विश्व में इतना ऊंचा टॉवर कहीं नहीं है। कोशिश है कि फरवरी 2021 से खाद कारखाना अपनी पूरी क्षमता से चले।
By Satish ShuklaEdited By: Updated: Sat, 26 Oct 2019 11:00 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल, हर्ल) के फर्टिलाइजर खाद कारखाना का ट्रायल अगले साल शुरू हो जाएगा। 149.2 मीटर ऊंचा प्रीलिंग टॉवर बनकर तैयार है। विश्व में इतना ऊंचा टॉवर कहीं नहीं है। कोशिश है कि फरवरी 2021 से खाद कारखाना अपनी पूरी क्षमता से चले। यह कहना है हर्ल के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट वीके दीक्षित का। वह शुक्रवार को हर्ल के कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
यूरिया की साइज होगी अच्छीउन्होंने कहा कि टॉवर बनने से यूरिया की साइज अच्छी होगी। अमोनिया के कूलिंग टॉवर के सभी नौ सेल तैयार हो चुके हैं। इसका मैकेनिकल कार्य नवंबर 2020 में पूरा हो जाएगा।
जापान से आ रही मशीनचिलुआताल संवाददाता के अनुसार खाद कारखाना में ज्यादातर भारत निर्मित मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो मशीनें देश में नहीं बन रही हैं, उन्हें जापान से मंगाया जा रहा है। जापान से जल मार्ग से मशीन को भेजा जा चुका है। छपरा से इसे सड़क के रास्ते गोरखपुर ले आया जाएगा।
16 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन खाद कारखाना में 16 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। जरूरत के हिसाब से उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा। साथ ही फर्टिलाइजर बिजली घर से 10 एमवीए की क्षमता का कनेक्शन भी लिया गया है। इमरजेंसी की स्थिति में बिजली से मशीनें चलाई जाएंगी।चिलुआताल से निकलेगा पानी खाद बनाने के लिए बहुत ज्यादा पानी की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए चिलुआताल में तीन ड्रेजर मशीनों से खोदाई की जा रही है। यहां से 1450 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा पानी निकाला जाएगा।
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