Move to Jagran APP

अब बोध कथाओं का वाहक बनेगी गीताप्रेस की कल्याण पत्रिका, बढ़ रही डिमांड Gorakhpur News

कल्याण पत्रिका का प्रकाशन 1926 में शुरू हुआ। अब तक इसकी 16 करोड़ 17 लाख प्रतियां छप चुकी हैं। कल्याण पत्रिका ही भाईजी के गोरखपुर आने का कारण बनी।

By Satish ShuklaEdited By: Updated: Tue, 03 Dec 2019 04:00 PM (IST)
Hero Image
अब बोध कथाओं का वाहक बनेगी गीताप्रेस की कल्याण पत्रिका, बढ़ रही डिमांड Gorakhpur News
गोरखपुर, जेएनएन। गीताप्रेस की मासिक पत्रिका 'कल्याण आगामी वर्ष में बोध कथाओं का वाहक बनेगी। वेदों, उपनिषदों, पुराणों व अन्य धार्मिक ग्रंथों के प्रेरक प्रसंग कल्याण के माध्यम से जन-जन तक पहुंचेंगे। दिसंबर में ही 'कल्याण प्रकाशित हो जाएगी। वर्ष का पहला अंक विशेषांक छपेगा, जो 94वां होगा। शेष अंक साधारण होंगे।

1926 में शुरू हुआ कल्‍याण पत्रिका का प्रकाशन

कल्याण पत्रिका का प्रकाशन 1926 में शुरू हुआ। अब तक इसकी 16 करोड़ 17 लाख प्रतियां छप चुकी हैं। 93 विशेषांकों व 1117 साधारण अंकों के माध्यम से कल्याण गीता, उपनिषद, पुराणों का संदेश लोगों तक पहुंचा चुकी है। इसके प्रथम संपादक गृहस्थ संत भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार थे। कल्याण पत्रिका ही भाईजी के गोरखपुर आने का कारण बनी। 1982 से संपादक राधेश्याम खेमका की देखरेख में कल्याण का प्रकाशन हो रहा है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई संस्करणों का दोबारा प्रकाशन करना पड़ा। मांग पर कुछ विशेषांक अनवरत प्रकाशित होते रहते हैं।

इन विशेषांकों के प्रकाशित हुए अनेक संस्करण

आरोग्य अंक- 26 संस्करण प्रकाशित हुआ। इसी तरह से श्रीभक्तमाल अंक छह संस्करण, ज्योतिषतत्वांक सात संस्करण, श्रीहनुमान अंक 33 संस्करण, वेद कथांक आठ संस्करण, शिव पुराण अंक 68 संस्करण, संक्षिप्त पद्मपुराण अंक 31 संस्करण, श्रीमद्देवी भागवत अंक 34 संस्करण, संक्षिप्त गरुण पुराण अंक 28 संस्करण और संक्षिप्त भविष्य पुराण अंक का 21 संस्करण छप चुका है।

ऐसे हुई कल्याण की शुरुआत

दिल्ली में अप्रैल 1926 में आयोजित मारवाड़ी अग्रवाल सभा के आठवें अधिवेशन में घनश्यामदास बिड़ला ने भाईजी को अपने विचारों व सिद्धांतों की एक पत्रिका निकालने की सलाह दी। गीताप्रेस के संस्थापक सेठजी जयदयाल गोयंदका की सहमति से 22 अप्रैल 1926 को पत्रिका का नाम 'कल्याण निश्चित हुआ। इसी वर्ष भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार के संपादकत्व में कल्याण का प्रथम साधारण अंक मुंबई से प्रकाशित हुआ। दूसरे वर्ष कल्याण का प्रथम विशेषांक 'भगवन्नामांक गोरखपुर से प्रकाशित हुआ।

विशेषांक की तैयारी पूरी

इस संबंध में गीताप्रेस के उत्‍पाद प्रबंधक लालमणि तिवारी का कहना है कि कल्याण के नए बोध कथा विशेषांक की तैयारी पूरी हो चुकी है। 15 दिसंबर के बाद छपाई शुरू हो जाएगी। पहले माह करीब दो लाख प्रतियां प्रकाशित होंगी। पूरे साल में कुल लगभग 24 लाख प्रतियां प्रकाशित होंगी। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।