मोबाइल पर व्यस्त थीं- यात्री से बोलीं- एटीवीएम से ले लो टिकट, रेलवे ने सस्पेंड किया Gorakhpur News
रेलवे के काउंटर पर बैठी महिला बुकिंग क्लर्क मोबाइल में व्यस्त थी। यात्री ने जब उनसे टिकट की मांग की तो उन्होंने कहा कि एटीवीएम से ले लो। रेलवे ने महिला को सस्पेंड कर दिया है।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 08:32 AM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 04:16 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। लगातार काउंसिलिंग और कार्यशाला के बाद भी रेलवे फ्रंट लाइन के कर्मचारियों के व्यवहार में सुधार नहीं हो रहा। गोरखपुर का पूछताछ हो या जनरल टिकट काउंटर। विशेषकर रात के समय रेलकर्मी यात्रियों से ठीक ढंग से बात नहीं करते। रविवार रात, जनरल काउंटर पर बैठी महिला बुकिंग क्लर्क एक तो मोबाइल में व्यस्त थी। यात्री ने जब उनसे टिकट की मांग की तो उन्होंने कहा कि आटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम) से ले लो। ऊपर से जीआरपी बुलाने की धमकी भी दे डाली।
रेलवे ने शुरू की जांच
मामला मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ विजय लक्ष्मी कौशिक तक पहुंचा तो उन्होंने तत्काल निलंबन की कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए जांच शुरू करा दी है। दरअसल, देवरिया के एक यात्री ने काउंटर पर बैठी महिला बुकिंग क्लर्क की व्यस्तता और अपनी बातचीत का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। विडियो में महिला रेलकर्मी मोबाइल चलाने में व्यस्त दिख रही हैं और यात्री से एटीवीएम से टिकट लेने की भी बात कर रही हैं। बातचीत के अंत में वह जीआरपी को भी बुलाने की धमकी दे रही हैं।
यात्री ने बनाया वीडियो
सूत्रों के अनुसार इस महिला कर्मी की शिकायत पहले भी रेलवे प्रशासन को मिलती रही है। हालांकि, महिला बुकिंग क्लर्क ईभा शर्मा ने अपने नियमित विभागीय रजिस्टर में लिखा है कि यात्री नशे में था और लाइन तोड़कर आगे आ गया था। वहीं वीडियो वायरल करने वाले यात्री विनय का कहना है कि इस तरह की घटनाएं रोजाना होती हैं। रेल अधिकारियों के विश्वास के लिए वीडियो बना लिया है। पिछले माह एक अगस्त को पूछताछ काउंटर पर तैनात रेलकर्मी दिन में काउंटर पर गत्ता लगाकर अंदर आराम से बैठा था और बाहर दर्जनों यात्री ट्रेनों की जानकारी के लिए परेशान थे।
लगातार 12 दिन से टिकट के लिए परेशान हैं लोग
22 अगस्त से रेलवे स्टेशन के बाहर स्थापित प्राइवेट टिकट काउंटर जेटीबीएस बंद हैं। बीएसएनएल का केबिल कट जाने से जेटीबीएस से टिकट ही नहीं बुक हो पा रहा। इसको लेकर टिकट काउंटरों पर भीड़ बढ़ गई है। स्टेशन प्रबंधन के अनुसार 17 में से आठ जेटीबीएस चालू हो गया है। एक से दो दिन में सभी जेटीबीएस कार्य करने लगेंगे। यात्री जेटीबीएस पर दो रुपये अतिरिक्त देकर जनरल और प्लेटफार्म टिकट बुक करा लेते हैं। इसके अलावा स्टेशन परिसर में एटीवीएम स्थापित हैं, लेकिन यहां सहयोगी कर्मचारी दिखते ही नहीं। ऐसे में यात्रियों का रुझान एटीवीएम की तरफ नहीं हो पाता। दूर-दराज गांवों के लोग भागकर स्टेशन के काउंटर पर ही पहुंचते हैं।
रेलवे ने शुरू की जांच
मामला मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ विजय लक्ष्मी कौशिक तक पहुंचा तो उन्होंने तत्काल निलंबन की कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए जांच शुरू करा दी है। दरअसल, देवरिया के एक यात्री ने काउंटर पर बैठी महिला बुकिंग क्लर्क की व्यस्तता और अपनी बातचीत का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। विडियो में महिला रेलकर्मी मोबाइल चलाने में व्यस्त दिख रही हैं और यात्री से एटीवीएम से टिकट लेने की भी बात कर रही हैं। बातचीत के अंत में वह जीआरपी को भी बुलाने की धमकी दे रही हैं।
यात्री ने बनाया वीडियो
सूत्रों के अनुसार इस महिला कर्मी की शिकायत पहले भी रेलवे प्रशासन को मिलती रही है। हालांकि, महिला बुकिंग क्लर्क ईभा शर्मा ने अपने नियमित विभागीय रजिस्टर में लिखा है कि यात्री नशे में था और लाइन तोड़कर आगे आ गया था। वहीं वीडियो वायरल करने वाले यात्री विनय का कहना है कि इस तरह की घटनाएं रोजाना होती हैं। रेल अधिकारियों के विश्वास के लिए वीडियो बना लिया है। पिछले माह एक अगस्त को पूछताछ काउंटर पर तैनात रेलकर्मी दिन में काउंटर पर गत्ता लगाकर अंदर आराम से बैठा था और बाहर दर्जनों यात्री ट्रेनों की जानकारी के लिए परेशान थे।
लगातार 12 दिन से टिकट के लिए परेशान हैं लोग
22 अगस्त से रेलवे स्टेशन के बाहर स्थापित प्राइवेट टिकट काउंटर जेटीबीएस बंद हैं। बीएसएनएल का केबिल कट जाने से जेटीबीएस से टिकट ही नहीं बुक हो पा रहा। इसको लेकर टिकट काउंटरों पर भीड़ बढ़ गई है। स्टेशन प्रबंधन के अनुसार 17 में से आठ जेटीबीएस चालू हो गया है। एक से दो दिन में सभी जेटीबीएस कार्य करने लगेंगे। यात्री जेटीबीएस पर दो रुपये अतिरिक्त देकर जनरल और प्लेटफार्म टिकट बुक करा लेते हैं। इसके अलावा स्टेशन परिसर में एटीवीएम स्थापित हैं, लेकिन यहां सहयोगी कर्मचारी दिखते ही नहीं। ऐसे में यात्रियों का रुझान एटीवीएम की तरफ नहीं हो पाता। दूर-दराज गांवों के लोग भागकर स्टेशन के काउंटर पर ही पहुंचते हैं।