Gorakhpur: नए साल पर विनोद वन में पसरा रहेगा सन्नाटा, न मनेगा जश्न-न गूंजेगा संगीत; जानें क्या है कारण
Gorakhpur Vinod Van गोरखपुर में में नए साल के जश्न के लिए लोगों की पसंद वाले चुनिंदा स्थलों में विनोद वन भी शामिल है। बड़ी संख्या में लोग 31 दिसंबर और एक जनवरी को बीतते हुए साल की विदाई और नए के स्वागत में यहां जश्न मनाते हैं। मगर इस बार इन सभी आयोजनों पर प्रतिबंध रहेगा। जानें क्या है कारण...
अरुण चन्द, गोरखपुर। इस बार विनोद वन में नए वर्ष के आगमन का स्वागत नहीं होगा। न जश्न मनेगा न संगीत गूंजेगा। यह पहरा कानून व शांति व्यवस्था को लेकर मुस्तैदी की वजह से नहीं, बल्कि हाथी गंगाराम की वजह से लगाया जा रहा है। जिम्मेदारों को जश्न से होने वाले शोर की वजह से गंगाराम के भड़कने की आशंका है।
यही वजह है कि वन विभाग और प्रशासन ने एहतियातन यहां जश्न पर पहरे का निर्णय किया है। वन विभाग का कहना है कि हाथी का स्थायी बाड़ा नहीं बनने तक विनोद वन को आमजन के लिए बंद ही रखा जाएगा। कभी पहचान तो कभी अपनी खुराक को लेकर पिछले दस महीने से सुर्खियों में बना गंगाराम एक बार फिर नए साल के जश्न को लेकर भी लोगों के बीच चर्चा में है।
शहर में नए साल के जश्न के लिए लोगों की पसंद वाले चुनिंदा स्थलों में विनोद वन भी शामिल है। बड़ी संख्या में लोग 31 दिसंबर और एक जनवरी को बीतते हुए साल की विदाई और नए के स्वागत में यहां जश्न मनाते हैं। मगर, इस बार इन सभी आयोजनों पर प्रतिबंध रहेगा।
विनोद वन में मौजूद गंगाराम (फाइल फोटो)
फरवरी में ली थी तीन लोगों की जान
फरवरी, 2023 में शहर से सटे चिलुआताल थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर माफी गांव में यज्ञ के दौरान कलश यात्रा में बिदक कर गंगाराम हाथी ने तीन लोगों की जान ले ली थी। तभी से गंगाराम जिला प्रशासन और वन विभाग के साथ ही आपदा विभाग के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है। हाथी के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होने से वन विभाग इसे विनोद वन में रखे हुए है।
मुआवजे के बाद प्रतिपूर्ति के लिए मची खींचतान
पीड़ित परिवार को दिए मुआवजे के बाद प्रतिपूर्ति को लेकर आपदा विभाग भी परेशान है। मुआवजे के रूप में पीड़ित परिवारों को दिए गए पांच-पांच लाख रुपये में से वन विभाग ने अभी एक-एक लाख का अंशदान नहीं दिया है, जिससे दोनों विभागों में अभी तक खींचतान मची है। यद्यपि, वन विभाग द्वारा इस संबंध में शासन को मांग भेज दी गई है।
चिड़ियाघर में बनना है स्थायी बाड़ा
हाथी को रखने के लिए चिड़ियाघर में बाड़ा बनाने की योजना है। इसके लिए पूर्व में 16 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया था, मगर स्वीकृति नहीं मिली। फिर से करीब साढ़े छह करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही अनुमति भी मिल जाएगी।
खुराक के लिए प्रशासन से मदद मांग चुका है विभाग
हाथी के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होने की वजह से वन विभाग ही फरवरी से इसकी देखरेख कर रहा है। रोजाना हाथी के लिए 25 किलो गन्ना, दो क्विंटल चरी, दो क्विंटल हरा पत्ता, 50 किलो गुड़ की खुराक दी जाती है, जिसपर मोटी रकम खर्च हो रही है। इस खुराक को जुटा पाने में खुद को असमर्थ बताते हुए वन विभाग प्रशासन से मदद भी मांग चुका है।
हाथी का बाड़ा नहीं बनने तक एहतियातन विनोद वन आमजन के लिए बंद ही रहेगा। इसके यहां से शिफ्ट होने के बाद ही विनोद वन खुल सकेगा। डा. हरेंद्र सिंह, उप वनाधिकारी,