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वो पी रहे, हम घुट-घुट कर जी रहे; पति के नशे की लत बढ़ा रही महिलाओं का तनाव

पति की नशे की लत महिलाओं का स्वास्थ्य बिगाड़ रही है। वे मानसिक रोग की शिकार हो रही हैं। रोज घर में कलह व मारपीट की घटनाएं होने से वे तनाव में हैं। यह तनाव बढ़कर उदासी (डिप्रेशन) में परिवर्तित हो रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Wed, 29 Dec 2021 11:33 AM (IST)
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पत‍ि की शराब की लत मह‍िलाओं को रोगी बना रही है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। पति की नशे की लत महिलाओं का स्वास्थ्य बिगाड़ रही है। वे मानसिक रोग की शिकार हो रही हैं। रोज घर में कलह व मारपीट की घटनाएं होने से वे तनाव में हैं। यह तनाव बढ़कर उदासी (डिप्रेशन) में परिवर्तित हो रहा है। जिला अस्पताल में रोज लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं तनाव, उदासी, सिर दर्द, घबराहट व बैचैनी की शिकायत लेकर आ रही हैं। पूछने पर बताती हैं कि पति बेहिसाब पी रहे और हम घुट-घुटकर जी रहे हैं। उपचार के लिए इन बीमारियों से पीड़ित लगभग सभी महिलाएं कमजोर आय वर्ग की हैं।

जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग पहुंच रहे पीड‍ि़त

बसंतपुर की एक महिला ने जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग के ओपीडी में पहुंचकर अपनी परेशानी बताई। उन्होंने कहा कि हमेशा तनाव में रहती हूं। हमेशा सिर दर्द बना रहता है। छोटी-छोटी बात पर बच्चे को मार देती हूं, फिर बाद में पछताती हूं। किसी काम में मन नहीं लगता। हमेशा रोना आता है। कहीं भाग जाने का मन करता है। मानसिक रोग विशेषज्ञ ने जब परिवार के बारे में पूछा तो वह बताने लगीं कि उनके पति रोज शराब पीकर आते हैं। मारपीट करते हैं। मेरी व बच्चों की जिम्मेदारियां नहीं उठाते हैं। घर की जरूरतें पूरी करने के लिए मुझे मोहल्ले में काम करना पड़ता है। मियां बाजार की एक महिला रोगी ने बताया कि उसे घबराहट बहुत होती है। नींद नहीं आती है। उसे ज्यादातर बातें भूल जाती हैं। हमेशा तनाव में रहती है। पति रोज पीकर आते हैं, मारपीट करते हैं। वह ठेला लगाते हैं, खुद जो कमाते हैं, उसका शराब पी जाते हैं। मैं मेहनत-मजदूरी करके जो कमा कर लाती हूं, वह भी छीनने लगते हैं। उन्हें न परिवार के खर्च से मतलब है न किसी के स्वास्थ्य से। यह रोज की कहानी है। मैं ऊब गई हूं।

लगभग इसी तरह की कहानी जिला अस्तपाल के मानसिक रोग विभाग के ओपीडी में आ रही 70 प्रतिशत महिलाओं की है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं मानसिक रोग से ज्यादा परेशान हैं। इसमें लगभग आठ प्रतिशत महिलाएं दूसरी लहर में कोविड संक्रमित भी रह चुकी हैं।

ओपीडी में आए पुरुष महिला रोगियों की संख्या

तिथि पुरुष महिला

15 दिसंबर 36 58

17 दिसंबर 13 25

20 दिसंबर 28 32

27 दिसंबर 25 66

जो भी रोगी आते हैं, उनसे रोग का कारण जानने का भी प्रयास किया जाता है। ज्यादातर महिलाएं पति के नशे की लत से परेशान हैं। उनके पति या तो कुछ नहीं करते अथवा जो कमाते हैं, उसे शराब पीने में खर्च कर देते हैं। महिलाएं जो कमा कर लाती हैं, उसे भी छीन लेते हैं। न बच्चों पर ध्यान दे रहे हैं और परिवार पर। इसलिए महिलाएं तनाव का शिकार हो रही हैं। तनाव बढ़ते-बढ़ते उदासी में परिवर्तित हो जा रहा है। - डा. अमित कुमार शाही, मानसिक रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल।

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