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जागरण प्रभाव: बनारस इंटरसिटी के तीन कोच बदले, कसे गए हैंडल के पेच; उठाया था बदहाली का मुद्दा

इंटरसिटी की रेक से जर्जर नान एसी तीन कोचों को हटाकर उन्हें मरम्मत के लिए भेजा गया है। सीटों पर लगे हैंडल (हत्था) और टी या स्नैक्स टेबल के पेच कसते हुए उन्हें ठीक कर दिया गया है। सीटों और कवर को सही करते हुए कोच व टायलेट की धुलाई व सफाई भी करा दी गई है। ‘दैनिक जागरण’ ने यात्रियों को हो रही परेशानियों को प्रमुखता से उठाया था।

By Prem Naranyan Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Tue, 02 Apr 2024 07:56 AM (IST)
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‘दैनिक जागरण’ ने अपने 30 मार्च के अंक में मुद्दा उठाया था।
प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर। बनारस इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन के कोचों की बदहाली को लेकर ‘दैनिक जागरण’ की खबर का संज्ञान लेते हुए रेलवे प्रशासन ने उसका कायाकल्प कर दिया है। अब गोरखपुर से वाराणसी तक की यात्रा सुगम हो जाएगी।

इंटरसिटी की रेक से जर्जर नान एसी तीन कोचों को हटाकर उन्हें मरम्मत के लिए भेजा गया है। सीटों पर लगे हैंडल (हत्था) और टी या स्नैक्स टेबल के पेच कसते हुए उन्हें ठीक कर दिया गया है। सीटों और कवर को सही करते हुए कोच व टायलेट की धुलाई व सफाई भी करा दी गई है।

‘दैनिक जागरण’ ने अपने 30 मार्च के अंक में ‘बनारस इंटरसिटी : सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’ शीर्षक से फोटो के साथ खबर प्रकाशित कर यात्रियों को हो रही परेशानियों को प्रमुखता से उठाया था। उसमें यह बताया गया था कि ट्रेन में लगी चेयरकार की सीटें बदहाल हैं। सीटों से अधिकतर हत्थे गायब हैं। कुछ नीचे गिर गए हैं तो कई उठते ही नहीं।

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सीटों के सामने लगी टी-टेबल तो यात्रियों को न बैठने देती है और न उठने। ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों ने बताया था कि सीटों पर बैठते और उठते समय आए दिन कपड़े फट जाते हैं। शरीर पर खरोंच लग जाती है। थोड़ी-सी भी सावधानी हटते ही दुर्घटना घट जाती है, जबकि इस ट्रेन से मऊ, बेल्थरा, लार रोड, सलेमपुर, भटनी और देवरिया आदि से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में छात्र, मरीज, नौकरीपेशा और व्यवसायी गोरखपुर से वाराणसी के बीच आवागमन करते हैं। उसकी मरम्मत नहीं हो पाई। अब सीटों व अन्य साधन को पूरी तरह दुरुस्त करा दिया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन में दो अतिरिक्त जनरल कोच भी लगा दिए गए हैं।

सुगम होगी राह

सभी सीटों को ठीक करा रेलवे ने कोचों और टायलेट की कराई सफाई-धुलाई

'दैनिक जागरण' ने उठाया था ट्रेन की बदहाली का मामला रेलवे ने लिया संज्ञान

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इंटरसिटी की रेक में हुए ये बदलाव

3 नान एसी कोच को बदला गया और उन्हें गहन अनुरक्षण के लिए भेजा गया।

15 स्नैक्स टेबल ठीक कराए गए।

30 फुट रेस्ट बदले गए।

60 आर्म रेस्ट बदले गए।

72 स्नैक्स टेबल स्टापर लगाए गए।

गैस स्प्रिंग की मरम्मत कराई गई।

सभी शार्प कार्नर्स को ग्राइंड कर हटाया गया।

ट्रेन की समुचित धुलाई और सफाई कराई गई।

रेलवे प्रशासन ने कहा, डिजाइन में होगा परिवर्तन

रेलवे प्रशासन का कहना है कि बनारस इंटरसिटी एक्सप्रेस में लगी चेयरकार पुरानी डिजाइन वाली हैं। सीटों पर लगे हत्थे और प्लेट थोड़े दबाव में टूट जाते हैं। वाराणसी मंडल के वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर का कहना है कि संरचनात्मक दृढ़ता को बढ़ाने के लिए उत्पादन इकाइयों के साथ डिजाइन में परिवर्तन का अन्वेषण किया जा रहा है।

ट्रेनों की प्रतिदिन दैनिक अभाव रिपोर्ट तैयार की जाती है। रिपोर्ट के अनुसार ही कार्रवाई की योजना तैयार की जाती है। दुर्भाग्यवश, होली जैसे शीर्ष त्योहार के समय अधिक भीड़ के साथ सीटों और अन्य की क्षति हो गई

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