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Top Gorakhpur News Of The Day, 24 March 2020 : Lockdown : गोरखपुर की सीमाएं सील, घरों से बाहर न निकलने की सलाह Gorakhpur News

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By Satish ShuklaEdited By: Updated: Tue, 24 Mar 2020 05:00 PM (IST)
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Top Gorakhpur News Of The Day, 24 March 2020 : Lockdown : गोरखपुर की सीमाएं सील, घरों से बाहर न निकलने की सलाह Gorakhpur News
 गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस से बचाव के लिए रेड अलर्ट जारी करते हुए जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने गोरखपुर की सीमा को 25 मार्च तक सील कर दिया है। जिले से लगने वाले देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, संतकबीरनगर आदि जिलों से किसी को आने-जाने की अनुमति नहीं होगी। उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि बाहर से आए लोगों का हम परीक्षण करा रहे हैं। उनपर पूरी तरह से निगरानी रखी जा रही है। ऐसे में दूसरे जिलों से लगने वाली सीमाओं को सील करा दिया गया है। उन्होंने अपील की कि सभी लोग घर में ही रहें। अगर लोग बेवजह बाहर मिलते हैं तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा। उधर, लॉक डाउन में आमजन को परेशानियों से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने नई पहल की है। डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने विभिन्न मोहल्लों में महेवा मंडी से लोगों के घरों तक सब्जी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। कोरोना वायरस के संक्रमण के भय से हर कोई सहमा हुआ है। आतंक का पर्याय माने जाने वाले अपराधी भी इससे अछूते नहीं हैं। इस महामारी के दस्तक देने के बाद से ही अपराध के ग्राफ में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इस माह लूट, लूट  के प्रयास और हत्या की एक-एक वारदात ही हुई। छोटी-मोटी घटनाएं करीब-करीब बंद ही हो गई हैं। सदर सांसद रवि किशन ने कोरोना वायरस के खिलाफ छिड़ी जंग में जनता की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है। सांसद ने मास्क और सैनिटाइजर की खरीद के लिए अपनी निधि से 50 लाख रुपये देने की पेशकश की है। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन को लिखे पत्र में सांसद ने कहा कि 'कोरोना वायरस के संक्रमण से समूची मानव जाति संकट में है। ऑनलाइन, मॉल और सुपर बाजार में खरीदारी करने वाले संदीप कुमार सुबह थैला लेकर मोहल्ले की उस दुकान पर पहुंचे, जहां से वर्षों पहले उनका नाता टूट गया था। संदीप के मन में झिझक भी थी कि दुकानदार का व्यवहार न जाने क्या होगा, लेकिन भीड़ के बीच दुकानदार ने न सिर्फ उनका इस्तकबाल किया बल्कि कहा, लिस्ट दे जाइए, सामान घर पहुंच जाएगा। मंगलवार को शहर के अधिकांश मोहल्लों में जनरल स्टोरों पर ऐसे लोग भी पहुंचे, जो छोटी दुकान से सामान खरीदना शान के खिलाफ समझते थे।

गोरखपुर की सीमाएं सील, जगह-जगह पुलिस तैनात

कोरोना वायरस से बचाव के लिए रेड अलर्ट जारी करते हुए जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने गोरखपुर की सीमा को 25 मार्च तक सील कर दिया है। जिले से लगने वाले देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, संतकबीरनगर आदि जिलों से किसी को आने-जाने की अनुमति नहीं होगी। उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि बाहर से आए लोगों का हम परीक्षण करा रहे हैं। उनपर पूरी तरह से निगरानी रखी जा रही है। ऐसे में दूसरे जिलों से लगने वाली सीमाओं को सील करा दिया गया है। उन्होंने अपील की कि सभी लोग घर में ही रहें। अगर लोग बेवजह बाहर मिलते हैं तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए जी-जान से जुटी पुलिस ने शहर के इंट्री प्वाइंट के साथ ही अंदरूनी हिस्से में 58 स्थानों पर बैरियर लगाकर मोर्चेबंदी की है। लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने के लए शहरी क्षेत्र में 11 सौ सिपाही, दारोगा तैनात किए गए हैं। ग्रामीण इलाकों में थाने और चौकियों पर तैनात पुलिस वाले सक्रिय रहकर संक्रमण रोकने के अभियान में जुटे हुए हैं। पुलिस अधिकारी भी भ्रमण पर रहकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। बाहर से शहर में आने पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। इसके लिए शहर के सभी इंट्री प्वाइंट पर बैरियर लगाए गए हैं। साथ ही शहर के अंदर भी प्रमुख रास्तों पर भी बैरियर लगाए गए हैं। सभी बैरियरों पर बड़ी संख्या पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा चौराहों पर भी पुलिस तैनात की गई है। प्रमुख सड़कों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में लगातार गश्त की जा रही है। पुलिसकर्मियों की आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है। ग्रामीण इलाकों में क्षेत्राधिकारियों, थानेदारों और चौकी इंचार्जों को लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। एसपी नार्थ और एसपी साउथ को भी अपने इलाके में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। एडीजी दावा शेरपा, डीआइजी राजेश मोदक, एसएसपी डॉ. सुनील गुप्त और एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ तथा सभी क्षेत्राधिकारी दिनभर अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण पर रहकर हालात पर नजर रख रहे हैं।

घरों से न निकलें, इन मोहल्लों में पहुंचेगी सब्जियां

लॉक डाउन में आमजन को परेशानियों से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने नई पहल की है। डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने विभिन्न मोहल्लों में महेवा मंडी से लोगों के घरों तक सब्जी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। पहले चरण में मंगलवार से 25 मार्च तक 15 रूट के 25 मोहल्लों में मैजिक गाड़ी से सस्ते दर पर सब्जियां उपलब्ध कराई जाएंगी। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि 15 वाहन की व्यवस्था की गई है। इन वाहनों में आलू, प्याज के साथ ही हरी सब्जियां भी उपलब्ध रहेंगी। वाहन निर्धारित मोहल्लों में सात बजे से घूमना शुरू करेंगे। सभी वाहनों पर सब्जियों के मूल्य अंकित रहेंगे। मंडीकर्मी व कोटेदार लोगों को तौलकर सब्जियां उपलब्ध कराएंगे। आमजनता घरों से न निकले, इसलिए यह व्यवस्था बनाई जा रही है। बुधवार से यह व्यवस्था अन्य मोहल्लों में भी शुरू हो जाएगी। वाहन संख्या-एक : इंजीनियरिंग कॉलेज गेट से देवरिया बाईपास। वाहन संख्या-दो-जीआरडी गुरुंग चौराहे से इंजीनियरिंग कॉलेज। वाहन संख्या-तीन-मोहद्दीपुर चौराहे से आरकेबीके तक। वाहन संख्या-चार-पैडलेगंज पुलिस चौकी से रुस्तमपुर तक। वाहन संख्या-पांच-घोष कंपनी से मियां बाजार, छोटे काजीपुर तक। वाहन संख्या-छह-असुरन चौक से बशारतपुर तक। वाहन संख्या-सात-बशारतपुर से झुंगिया बाजार तक। वाहन संख्या-आठ-गोरखनाथ ओवरब्रिज से थाना और उसके आसपास के इलाके तक। वाहन संख्या-नौ-गोरखनाथ मंदिर से बरगदवा तक। वाहन संख्या-10-असुरन चौक से पादरी बाजार चौकी तक। वाहन संख्या-11-मदरसा चौक। वाहन संख्या-12-तुर्कमानपुर से हांसूपुर तक। वाहन संख्या-13-इलाहीबाग से बहरामपुर तक। वाहन संख्या-14-अलहदादपुर से रायगंज तक। वाहन संख्या-15-नौसड़ में रहेगी। सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव का कहना है कि लॉक डाउन में लोग घर पर ही रहें, इसलिए प्रायोगिक तौर पर 15 रूटों पर पडऩे वाले 25 मोहल्लों में सब्जी लोगों के घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। ठेले पर सब्जी बेचने वालों को भी एक जगह खड़े होने की बजाय मोहल्लों में घूमकर सुबह 9.30 बजे तक सब्जियां बेचने का निर्देश दिया गया है।

कोरोना के आतंक से सहमे अपराधी, घटा अपराध

कोरोना वायरस के संक्रमण के भय से हर कोई सहमा हुआ है। आतंक का पर्याय माने जाने वाले अपराधी भी इससे अछूते नहीं हैं। इस महामारी के दस्तक देने के बाद से ही अपराध के ग्राफ में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इस माह लूट, लूट  के प्रयास और हत्या की एक-एक वारदात ही हुई। छोटी-मोटी घटनाएं करीब-करीब बंद ही हो गई हैं। इस माह चोरी की तीन वारदात जरूर दर्ज की गई है, लेकिन औसत से यह काफी कम है। सामान्य तौर पर जनपद में अपराध का ग्राफ काफी ऊंचा रहता है। पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो जिले में औसतन हर माह हत्या की आठ से अधिक वारदातें हुईं। इस साल भी शुरू के दो महीने में यही औसत बना रहा लेकिन मार्च माह में अब तक हत्या की एक ही वारदात हुई है। गुलरिहा इलाके में रिश्तेदारी में आए युवक की छह मार्च को गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज है। जिले में हर माह लूट की पांच घटनाओं का औसत है, लेकिन इस माह अभी तक लूट की एक ही वारदात हुई है। पिपराइच इलाके में सात मार्च को दुकानदार से लूट के प्रयास की एक वारदात हुई। चोरी और वाहन चोरी की घटनाएं रोकना यहां की पुलिस के लिए हमेशा से बड़ी चुनौती साबित होती रही हैं। वाहन चोरी की घटनाओं का हर माह औसत 65 से अधिक घटनाओं का है, लेकिन इस माह अभी तक वाहन चोरी की सिर्फ छह घटनाएं ही हुई हैं। इसी तरह जिले में हर महीने चोरी की घटनाओं का औसत करीब 92 घटनाओं का है, लेकिन इस माह जिले में चोरी की सिर्फ तीन घटनाएं ही हुई हैं। संक्रमण के भय से लोगों के आने-जाने से बचने की वजह से सड़क हादसों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है।

भाजपा सांसद ने कहा- कोरोना वायरस के संक्रमण से मानव जाति संकट में

सदर सांसद रवि किशन ने कोरोना वायरस के खिलाफ छिड़ी जंग में जनता की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है। सांसद ने मास्क और सैनिटाइजर की खरीद के लिए अपनी निधि से 50 लाख रुपये देने की पेशकश की है। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन को लिखे पत्र में सांसद ने कहा कि 'कोरोना वायरस के संक्रमण से समूची मानव जाति संकट में है। ऐसे में अपने क्षेत्र की जनता के लिए मैं अपनी स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से 50,00,000 रुपये की धनराशि जारी कर रहा हूं। इसका उपयोग मास्क, सैनिटाइजर, दवा एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की खरीद व व्यवस्था पर किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ कोरोना से बचाव के लिए महिलाओं का समूह मास्क तैयार करने में जुटा है। इंडस्ट्रियल इस्टेट के उद्योग भवन में पिछले कुछ दिनों से मास्क तैयार हो रहा है। इसे कई उद्योगपति खरीद रहे हैं। बाजार में मास्क की कालाबाजारी शुरू हुई तो लोग किल्लत का सामना करने लगे। इसको देखते हुए चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों ने मास्क तैयार कराने की पहल की। इसका जिम्मा उद्योग भवन में सिलाई का निश्शुल्क प्रशिक्षण देने वाली मीनाक्षी राय को दिया। उन्हें कपड़ा उपलब्ध कराया गया। मीनाक्षी ने करीब 30 महिलाओं को मास्क बनाने का प्रशिक्षण दिया। जरूरी सामान उपलब्ध कराए। कई महिलाएं घर से काम कर रही हैं, जबकि कुछ उद्योग भवन में ही मास्क तैयार कर रही हैं। प्रतिदिन करीब 1500 से 2000 मास्क तैयार हो रहे हैं। मीनाक्षी के अनुसार मास्क के अंदर का हिस्सा कॉटन है, बाहरी हिस्सा नेटयुक्त है। इसको लगाने के बाद धुला भी जा सकता है। इससे यह साफ-सुथरा रहेगा। उन्होंने बताया कि महिलाओं को इस काम में लगाया गया है, उन्हें रोजगार मिलने के साथ ही लोगों को मास्क भी उपलब्ध हो जा रहा है। इस संबंध में चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष उद्योगपति एसके अग्रवाल का कहना है कि प्रशिक्षण केंद्र की महिलाएं मास्क तैयार कर रही हैं। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के सहयोग से यह काम हो रहा है। उद्योगपति मास्क खरीद रहे हैं और उसे अपने कर्मचारियों में वितरित कर रहे हैं।

फिर याद आई मोहल्ले की दुकान

ऑनलाइन, मॉल और सुपर बाजार में खरीदारी करने वाले संदीप कुमार सुबह थैला लेकर मोहल्ले की उस दुकान पर पहुंचे, जहां से वर्षों पहले उनका नाता टूट गया था। संदीप के मन में झिझक भी थी कि दुकानदार का व्यवहार न जाने क्या होगा, लेकिन भीड़ के बीच दुकानदार ने न सिर्फ उनका इस्तकबाल किया बल्कि कहा, लिस्ट दे जाइए, सामान घर पहुंच जाएगा। मंगलवार को शहर के अधिकांश मोहल्लों में जनरल स्टोरों पर ऐसे लोग भी पहुंचे, जो छोटी दुकान से सामान खरीदना शान के खिलाफ समझते थे। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते जब मॉल और ऑनलाइन शॉपिंग पर ग्रहण लगा तो लोग जरूरत का सामान खरीदने घर के आसपास मौजूद जनरल स्टोरों पर पहुंचे। बेतियाहाता में मां अंबे प्रोविजनल स्टोर चलाने वाले प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि थैला लेकर बहुत से ऐसे लोग आए, जो आसपास रहने के बावजूद उनकी दुकान से सामान नहीं खरीदते थे। बकौल प्रवीण, ऐसे लोगों को दुकान पर देखकर सुखद एहसास हुआ। कोरोना की वजह से माहौल खराब है, लेकिन रिश्तों की डोर मजबूत हुई है। बेतियाहाता चौराहे पर ऋृद्धि-सिद्धि प्रोविजनल स्टोर का नजारा भी कुछ ऐसा ही था। सुबह दुकान खुलते ही इतने लोग आ गए कि शटर गिराना पड़ गया। स्टोर मालिक श्याम टिबरेवाल ने बताया कि मोहल्लों के बहुत से ऐसे लोग भी पहुंचे जो हमारी दुकान से कभी कुछ नहीं खरीदते थे, लेकिन किसी को खाली हाथ नहीं भेजा गया। अंबेश्वरी पैराडाइज में रहने वाले अमित जगनानी ने बताया कि वक्त की कमी के चलते बिग बाजार या स्पेंसर से महीने भर का सामान ले आता हूं। दोनों स्टोर बंद है, इसलिए पड़ोस की दुकान से जरूरत का सामान खरीदना पड़ा। दाउदपुर निवासी अनिल जैन ने बताया कि बहुत सी चीजें किराने की दुकान पर नहीं मिल पातीं, इसलिए ऑनलाइन या मॉल का रुख करना पड़ता है। बंद की वजह से नजदीकी स्टोर से सामान खरीदना मजबूरी बन गई है। 

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