गोरखपुर में पटरी से उतरी बाघ एक्सप्रेस, यात्रियों में अफरातफरी भगदड़ जैसे हालात
काठगोदाम से हावड़ा जा रही 13020 बाघ एक्सप्रेस गोरखपुर के डोमिनगढ़ स्टेशन पर पटरी से उतर गई। इससे यात्रियों में अफरातफरी मच गई। भगदड़ की स्थिति में लोग बोगियों से नीचे कूदने लगे।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 11 Oct 2018 05:48 PM (IST)
गोरखपुर, (जेएनएन)। काठगोदाम से हावड़ा जा रही बाघ एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 13020) गुरुवार को दोपहर लगभग एक बजे डोमिनगढ़ स्टेशन यार्ड में पटरी से उतर गई। हालांकि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। ट्रेन के पटरी से उतरते ही यात्रियों में अफरातफरी मच गई। गोरखपुर में मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को जानकारी होते ही जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन और एसएसपी शलभ माथुर को तत्काल मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया। इस बीच रेलवे अधिकारी तथा राहत और बचाव दल भी मौके पर पहुंच गया। हादसे की वजह से दोपहर एक से 3.30 बजे तक ट्रेनों का संचलन प्रभावित रहा।
20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में थी ट्रेन
ट्रेन लगभग 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यार्ड में प्रवेश कर रही थी। इसी बीच होम सिग्नल के पास स्थित प्वाइंट पर इंजन से ठीक पीछे वाले एसएलआर (ब्रेक यान) कोच के चार पहिए पटरी से उतर गए। पटरी से कोच के उतरते ही तेज आवाज हुई और झटका भी लगा। लोको पायलटों ने सतर्कता दिखाते हुए ट्रेन को रोक लिया। इस बीच यात्रियों के बीच अफरातफरी मच गई। भगदड़ की स्थिति में लोग बोगियों से नीचे कूदने लगे। तेज आवाज रेल लाइन के किनारे रहने वाले लोगों तक पहुंच गई। आसपास मौजूद लोगों ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया। स्कार्ट में चल रहे रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन सतर्क हो गया। मौके पर संबंधित रेल अधिकारियों के अलावा दुर्घटना सहायता यान भी मौके पर पहुंच गई। बेपटरी हुए एसएलआर कोच को काटकर अलग कर दिया गया। 3.30 बजे के आसपास ट्रेन गोरखपुर के लिए रवाना हो गई। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने कहा कि मामले की जांच के लिए अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
एसएलआर के साथ बेपटरी हुई महिला बोगी
एसएलआर में महिला बोगी भी अटैच थी। एसएलआर के साथ महिला बोगी भी बेपटरी हो गई। ट्रेन के बेपटरी होते ही बोगी में मौजूद महिला यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। स्कोर्ट में चल रही आरपीएफ कांस्टेबिल शांति यादव और मीना ने महिला यात्रियों को संभाला और उन्हें बोगी से नीचे उतारा। एसएलआर के ठीक पीछे जनरल बोगी के यात्रियों में भी भगदड़ मच गई। वे नीचे कूदने लगे। इस दौरान एक यात्री चोटिल भी हो गया।
प्वाइंट पर लाइन के बीच पड़ी थी पटरी
विभागीय सूत्रों के अनुसार प्वाइंट के पास रेल लाइन के बीच में एक अनुपयोगी लोहे की पटरी पड़ी थी। आशंका जताई जा रही है कि इंजन तो लोहे की पटरी को क्रास कर गया लेकिन उसके पीछे एसएलआर के पहिए लोहे की पटरी पर चढ़ गए। इसके चलते ट्रेन बेपटरी हुई।
बसियाडीह माता मंदिर से गूंजने लगे जयकारे
जहां रेल हादसा हुआ वहीं रेल लाइन के किनारे बसियाडीह माता का मंदिर भी है। नवरात्र में मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी थी। ट्रेन की आवाज उनके कानों तक पहुंची तो वे भी शोर मचाने लगे। इसी बीच कुछ श्रद्धालु माता का जयकारे लगाने लगे। भक्तों के अलावा आसपास के लोगों की भी भीड़ जुट गई। बोगियों में बैठे यात्री नीचे उतरकर उपर वाले को धन्यवाद देने लगे।
साढ़े तीन घंटे ब्लाक रही डाउन लाइन, संचलन प्रभावित
ट्रेन के बेपटरी होने से डाउन लाइन साढ़े तीन घंटे तक ब्लाक रही। हालांकि अप लाइन चालू थी लेकिन सुरक्षा को देखते हुए ट्रेनों को पास नहीं कराया गया। बाघ के पीछे चल रही कामाख्या एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 15656) दोपहर एक बजे से ही जगतबेला में खड़ी रही। इसके अलावा बांद्रा-गोरखपुर अवध (ट्रेन नंबर 19037) और मथुरा-छपरा एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 22532) का संचलन भी कुछ देर के लिए प्रभावित रहा।
20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में थी ट्रेन
ट्रेन लगभग 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यार्ड में प्रवेश कर रही थी। इसी बीच होम सिग्नल के पास स्थित प्वाइंट पर इंजन से ठीक पीछे वाले एसएलआर (ब्रेक यान) कोच के चार पहिए पटरी से उतर गए। पटरी से कोच के उतरते ही तेज आवाज हुई और झटका भी लगा। लोको पायलटों ने सतर्कता दिखाते हुए ट्रेन को रोक लिया। इस बीच यात्रियों के बीच अफरातफरी मच गई। भगदड़ की स्थिति में लोग बोगियों से नीचे कूदने लगे। तेज आवाज रेल लाइन के किनारे रहने वाले लोगों तक पहुंच गई। आसपास मौजूद लोगों ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया। स्कार्ट में चल रहे रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन सतर्क हो गया। मौके पर संबंधित रेल अधिकारियों के अलावा दुर्घटना सहायता यान भी मौके पर पहुंच गई। बेपटरी हुए एसएलआर कोच को काटकर अलग कर दिया गया। 3.30 बजे के आसपास ट्रेन गोरखपुर के लिए रवाना हो गई। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने कहा कि मामले की जांच के लिए अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
एसएलआर के साथ बेपटरी हुई महिला बोगी
एसएलआर में महिला बोगी भी अटैच थी। एसएलआर के साथ महिला बोगी भी बेपटरी हो गई। ट्रेन के बेपटरी होते ही बोगी में मौजूद महिला यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। स्कोर्ट में चल रही आरपीएफ कांस्टेबिल शांति यादव और मीना ने महिला यात्रियों को संभाला और उन्हें बोगी से नीचे उतारा। एसएलआर के ठीक पीछे जनरल बोगी के यात्रियों में भी भगदड़ मच गई। वे नीचे कूदने लगे। इस दौरान एक यात्री चोटिल भी हो गया।
प्वाइंट पर लाइन के बीच पड़ी थी पटरी
विभागीय सूत्रों के अनुसार प्वाइंट के पास रेल लाइन के बीच में एक अनुपयोगी लोहे की पटरी पड़ी थी। आशंका जताई जा रही है कि इंजन तो लोहे की पटरी को क्रास कर गया लेकिन उसके पीछे एसएलआर के पहिए लोहे की पटरी पर चढ़ गए। इसके चलते ट्रेन बेपटरी हुई।
बसियाडीह माता मंदिर से गूंजने लगे जयकारे
जहां रेल हादसा हुआ वहीं रेल लाइन के किनारे बसियाडीह माता का मंदिर भी है। नवरात्र में मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी थी। ट्रेन की आवाज उनके कानों तक पहुंची तो वे भी शोर मचाने लगे। इसी बीच कुछ श्रद्धालु माता का जयकारे लगाने लगे। भक्तों के अलावा आसपास के लोगों की भी भीड़ जुट गई। बोगियों में बैठे यात्री नीचे उतरकर उपर वाले को धन्यवाद देने लगे।
साढ़े तीन घंटे ब्लाक रही डाउन लाइन, संचलन प्रभावित
ट्रेन के बेपटरी होने से डाउन लाइन साढ़े तीन घंटे तक ब्लाक रही। हालांकि अप लाइन चालू थी लेकिन सुरक्षा को देखते हुए ट्रेनों को पास नहीं कराया गया। बाघ के पीछे चल रही कामाख्या एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 15656) दोपहर एक बजे से ही जगतबेला में खड़ी रही। इसके अलावा बांद्रा-गोरखपुर अवध (ट्रेन नंबर 19037) और मथुरा-छपरा एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 22532) का संचलन भी कुछ देर के लिए प्रभावित रहा।
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