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तेज हवा में नहीं चलती ट्रेनें, हवा का दबाव बढ़ने पर मिल जाती है चेतावनी Gorakhpur News

यास चक्रवाती तूफान में पूर्वोत्तर रेलवे के रूटों पर अभी तक इस तरह की परिस्थिति नहीं उत्पन्न हुई है। गोरखपुर में अभी हवा की गति 40 किमी प्रति घंटे से कम ही है। लेकिन अगर कभी भी इस तरह की परिस्थिति बन सकती है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 29 May 2021 12:55 PM (IST)
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तेज हवाओं के चलने पर ट्रेन की फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। आंधी और तूफान में हवा की 72 किमी प्रति घंटे की रफ्तार होते ही ट्रेनों के पहिए थम जाते हैं। अगर ट्रेन स्टेशन पर खड़ी है तो उसे हरी झंडी नहीं मिलती। ट्रेन चल रही है तो लोको पायलट सुरक्षित रेल लाइन पर ले जाकर (जहां सार्प कर्व, कटिंग, ऊंचाई और पुल न हो) ट्रेन रोक देते हैं। कोच कंडक्टर सुरक्षा बलों के सहयोग से सभी कोचों की खिड़कियां खोलवा देते हैं। ताकि, ट्रेन पर हवा का दबाव न बन सके और यात्री सुरक्षित हो सकें।

यास चक्रवाती तूफान में अभी वह स्थिति नहीं

यास चक्रवाती तूफान में पूर्वोत्तर रेलवे के रूटों पर अभी तक इस तरह की परिस्थिति नहीं उत्पन्न हुई है। गोरखपुर में अभी हवा की गति 40 किमी प्रति घंटे से कम ही है। लेकिन अगर कभी भी इस तरह की परिस्थिति बनती है तो लोको पायलट और गार्ड स्टेशन कंट्रोल रूम व  स्टेशन मास्टरों से समन्वय स्थापित कर ट्रेन तथा यात्रियों को सुरक्षित कर सकते हैं। इसके लिए रेलवे प्रशासन यास आने से पहले सतर्कता बरतते हुए संबंधित  रेलकर्मियों को अलर्ट कर दिया है। यह सतर्कता पुलों पर और उसके आसपास वाले स्टेशनों पर अधिक बढ़ा दी गई है। इसके लिए पुलों के पास वाले स्टेशनों पर एनीमोमीटर (हवा की गति मापने वाला यंत्र) भी लगाए गए हैं। जानकारों के अनुसार खराब मौसम में एनीमोमीटर को देखने के बाद ही स्टेशन मास्टर ट्रेन को आगे बढऩे के लिए ग्रीन सिग्नल देते हैं। अन्यथा की स्थिति में वे ट्रेनों को रोके रहते हैं। फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे में पनियहवा, मानीराम, मिहिनपुरवा और मानपुर नगरिया में एनीमोमीटर लगाए गए हैं। वैसे भी हवा की गति 65 किमी प्रति घंटे से अधिक होने पर स्टेशन मास्टरों, लोको पायलटों और गार्डों को चेतावनी दे दी जाती है। इस स्थिति में वे सतर्क हो जाते हैं और एनीमोमीटर तथा कंट्रोल रूम के आपसी समन्वय से ही ट्रेनों का संचालन करते हैं। इसके लिए उन्हें समय-समय पर पुनश्चर्या पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित भी किया जाता है। ताकि वे किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।

चार स्टेशनों पर लगाए गए हैं  एनीमोमीटर

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि आंधी, तूफान या साइक्लोन आने की स्थिति में ट्रेनों के सुरक्षित एवं संरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे के संबंधित विभागों के लिए उच्च दिशा-निर्देश जारी हैं। जिनका अनुपालन करते हुए ट्रेनों का सुरक्षित एवं संरक्षित संचालन किया जा रहा है। दिशा- निर्देशों के क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के कुल चार स्टेशनों पर एनीमोमीटर लगाए गए हैं। जिससे हवा की गति का आंकलन किया जाता है।

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