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Indian Railway: पटरी पर लौटी ट्रेनें तो गुलजार हुए रेलवे स्टेशन Gorakhpur News

जनरल टिकटों के काउंटर खुल जाने से जंक्‍शन के अलावा छोटे स्टेशन और हाल्ट भी गुलजार हो गए हैं। चहुंओर चहल-पहल बढ़ गई है। हालांकि अभी एक्सप्रेस ट्रेनों में जनरल टिकटों की बुकिंग नहीं हो रही। आरक्षित टिकट पर ही यात्रा की अनुमति है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 25 Mar 2021 11:45 AM (IST)
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गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन पर आने लगीं ट्रेनें। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। तब जब ट्रेनों के पहिए थमे तो लोगों का जीवन ही थम गया है। गाडिय़ां यार्डों में खड़ी हो गईं। रेलवे स्टेशन वीरान हो गए। जैसे लगा जिंदगी ही ठहर सी गई है। दरअसल, भारतीय रेल को भारत की जीवन रेखा भी कहा जाता है। ऐसे में यात्री ट्रेनों के ठहरने से जन-जीवन भी ठहर गया। लेकिन न रेलवे ने हिम्मत हारी और न आम जन ने आस छोड़ी। आज स्पेशल के नाम पर ही सही सभी ट्रेनें पटरी पर लौट आई हैं। लंबी दूरी ही नहीं पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाडिय़ां) के अलावा डेमू और मेमू ट्रेनें भी चलने लगी हैं।

हाल्ट भी हुए गुलजार

जनरल टिकटों के काउंटर खुल जाने से छोटे स्टेशन और हाल्ट भी गुलजार हो गए हैं। चहुंओर चहल-पहल बढ़ गई है। हालांकि, अभी एक्सप्रेस ट्रेनों में जनरल टिकटों की बुकिंग नहीं हो रही। आरक्षित टिकट पर ही यात्रा की अनुमति है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सवारी गाडिय़ों को भी एक्सप्रेस बनाकर चलाया जा रहा है। बावजूद इसके लंबी दूरी की ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। सामान्य दिनों की यादें ताजा हो उठी हैं।

प्रवासियों के लिए देवदूत बन गई थी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें

रेलवे के इतिहास में पहली बार 39 दिन एक भी यात्री ट्रेन नहीं चली थी। दो माह में पूर्वोत्तर रेलवे को ही 350 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा था। लाकडाउन में जब पूर्वांचल के कामगार मुंबई, पुणे, गुजरात, अहमदाबाद, बेंगलुरु, दिल्ली और पंजाब में फंस गए थे, उस समय ट्रेनें श्रमिक स्पेशल के रूप में देवदूत बनकर प्रकट हुई थीं। 911 श्रमिक ट्रेनों ने 9.38 लाख परिवार में खुशियां लौटाई थीं। 

बाजार में भी बढ़ी चहल-पहल

रंगों के त्योहार होली को लेकर बाजार में काफी चहल-पहल बढ़ गई है। सबसे ज्यादा भीड़ रेडीमेड कपड़ों की दुकानों पर नजर आई। लोगों ने पसंद के कपड़ों के साथ-साथ खाने-पीने की चीजों की भी जमकर खरीदारी की। वहीं कचहरी क्लब मैदान में लगा होली बाजार भी देर शाम तक गुलजार रहा। लोगों ने डिजाइनर कपड़े, खादी के वस्त्र, कुर्ती, जूता-चप्पल, जींस-टीशर्ट, पापड़, चिप्स खरीदें। होली मेला 26 मार्च तक चलेगा।

होली में महज चार दिन शेष है इसलिए लोग तैयारियों में जुटे हुए हैं। बुधवार को ग्राहकों की भीड़ की वजह से रेती, गीता प्रेस रोड, घंटाघर और पांडेयहाता में जाम जैसे हालात रहे। किसी ने ब'चों ने लिए डिजाइनर फ्राक तो किसी ने रंगीन व डिजाइनर कुर्ते, जींस, टीशर्ट, ट्राउजर खरीदा।

कोरोना की छाया से मुक्‍त हुआ बाजार

रेडीमेड कारोबारी मोहम्मद जैदी ने बताया कि त्योहार को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। लोग कपड़ों एवं जूते-चप्पल पर दिल खोलकर खर्च कर रहे हैं। होली को ध्यान में रखकर कंपनियों ने कई तरह के खास उत्पाद उतारे हैं। महिलाओं को प्लाजो सेट के अलावा हल्के रंग की कुर्तियां बहुत पंसद आ रही है। गर्मी को देखते हुए काटन कपड़ों की मांग बढ़ी है।

दूसरी तरफ दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, कश्मीर, वाराणसी, सहारनपुर समेत कई प्रदेशों से आए कारोबारियों ने कचहरी क्लब में स्टाल लगाया है। सबसे ज्यादा भीड़ कपड़ों के स्टाल पर दिख रही है। डिजाइनर कुर्ती, टाप, प्लाजो-सेट, साड़ी, सूट, कुर्ता-पैजामा, बेडशीट एवं पर्दे खूब बिक रहे हैं। कोलकाता के तपस दत्ता ने बताया कि गोरखपुर में उम्मीद से कहीं अ'छा रिस्पांस मिल रहा है। कोई ऐसा स्टाल नहीं होगा जहां ग्राहकों की भीड़ न हो। होली को ध्यान में रखकर आकर्षक छूट भी दी जा रही है।   

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