North Eastern Railway: फाग सेफ डिवाइस लगने के बाद ही ट्रेनों को मिलेगी हरी झंडी
ट्रेनों के इंजनों में फाग सेफ डिवाइस लगने के बाद ही ट्रेनों को हरी झंडी मिलेगी। कोहरे में सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए रेलवे प्रशासन ने यात्री ट्रेनों के अलावा मालगाड़ियों में भी फाग सेफ डिवाइस अनिवार्य कर दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे में अब बिना फाग सेफ डिवाइस के ट्रेनें रवाना नहीं होंगी। इंजनों में डिवाइस लगने के बाद ही ट्रेनों को हरी झंडी मिलेगी। कोहरे में सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए रेलवे प्रशासन ने यात्री ट्रेनों के अलावा मालगाड़ियों में भी फाग सेफ डिवाइस अनिवार्य कर दिया है।
फाग सेफ डिवाइस लगाने के साथ रेलवे ने ट्रेनों की गति भी बढ़ा दी है। जिन ट्रेनों में डिवाइस लगी है उनकी अधिकतम गति 70 किमी प्रति घंटे निर्धारित की गई है। जिन ट्रेनों में डिवाइस नहीं है, वह अधिकतम 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं। दरअसल, जीपीएस आधारित फाग सेफ डिवाइस सिग्नल और समपार फाटकों के के 500 मीटर पहले से ही लोको पायलटों को सतर्क करना शुरू कर देती हैं। दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए सिग्नलों पर परंपरागत चूने की मार्किंग, पटाखा और रिफ्लेक्टर का भी उपयोग किया जा रहा है। रात के समय फुट प्लेटिंग बढ़ा दी गई है।
फिलहाल, गुरुवार से ठंड के साथ ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ गई। पछुआ हवा से कोहरा छंटते ही ट्रेनों की टाइमिंग दुरुस्त हो गई। शुक्रवार को तो 03020 बाघ एक्सप्रेस निर्धारित समय से आधे घंटे पहले ही गोरखपुर पहुंच गई। एक से दो घंटे की देरी से चल रही गोरखधाम और वैशाली एक्सप्रेस भी समय से पहुंची। दरअसल, कोहरा के चलते दिल्ली-गोरखपुर रेलमार्ग पर गाड़ियां विलंबित होने लगी थीं।
स्टेशनों और ट्रेनों में ठिठुरने को मजबूर हैं यात्री
ठंड बढ़ने के साथ स्टेशनों और ट्रेनों में यात्री ठिठुरने को मजबूर हैं। दरअसल कोरोना काल में रेलवे बोर्ड ने एसी कोचों से कंबल, चादर, तकिया और तौलिया हटा दिया है। वातानुकूलित बोगियों में सफर करने वाले यात्रियों को कंबल लेकर चलने की आदत नहीं है। कुछ लोग ही साथ में कंबल लेकर यात्रा पर निकल रहे हैं। ऐसे में यात्रियों को ठिठुरना पड़ रहा है। बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों को सर्वाधिक परेशानी उठानी पड़ रही है। रेलवे स्टेशन परिसर में भी कहीं अलावा की व्यवस्था नहीं है। दूरदराज से ट्रेन पकड़ने पहुंचे यात्री भी ठंड के चलते वेटिंग हाल के कोने में दुबके हुए हैं।