Move to Jagran APP

UP Lok Sabha Election: मोदी के सपनों की रेल पर सवार पूर्वांचल, लोगों की राह हुई आसान

रेलमार्गों का निर्माण पूरा होने से से न सिर्फ आवागमन बेहतर होगा बल्कि क्षेत्रीय लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा। अब तो पूर्वांचल में वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों के युग का भी शुभारंभ हो गया है। सपनों की रेल पर सवार पूर्वांचल के लोग चुनाव में बड़ी भूमिका निभाएंगे। नई रेल परियोजनाओं के साथ वंदेभारत और अमृत भारत युग को रेखांकित करती प्रेम नारायण द्विवेदी की रिपोर्ट...

By Prem Naranyan Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 31 May 2024 11:01 AM (IST)
Hero Image
महराजगंज के लोग भी रेलगाड़ी की छुक-छुक सुन सकेंगे।
गोरखपुर दक्षिणांचल के लोग आज भी 50 किमी की दूरी तय करते हैं तो दिल्ली और मुंबई की ट्रेन मिलती है। पूर्वांचल के महत्वपूर्ण जनपद महराजगंज के बुजुर्गों के कान रेलगाड़ियों की आवाज सुनने को तरस रहे हैं। ऐसे लोग भी हैं जो अपने गांव के आसपास रेलगाड़ी देखने के इंतजार में बुजुर्ग हो गए। यातायात की दृष्टि से पिछड़े सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच आज भी प्रगति की मुख्य धारा से कटे रहे।

इन क्षेत्रों में न रेलगाड़ी की छुक-छुक सुनाई दी और न विकास का मार्ग प्रशस्त हो पाया। लोग वर्षों से अपनी और आने वाली पीढ़ियों की समृद्धि की राह देख रहे हैं। ऐसा नहीं है कि लोग चुप रहे। दिल्ली तक बात नहीं पहुंची। समय-समय पर आवाज उठती रही। लेकिन, गूंजने से पहले ही फाइलों में दम तोड़ दे रही थी।

हर साल रेल बजट में परिवहन की दृष्ट से पिछड़े क्षेत्र के लोगों को नई रेल लाइन की सर्वे का झुनझुना मिलता रहा। सर्वे भी होता रहा, लेकिन नई रेल लाइनें कागजों से धरातल पर नहीं उतर पाई। सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन के लिए 70 और 80 के दशक में पांच बार सर्वे हुआ। लेकिन न बात बनी और न किसी की दृष्टि गई।

आखिरकार, इंतजार की घड़ियां समाप्त हुईं। मोदी सरकार ने यातायात की दृष्टि से पिछड़े क्षेत्र के लोगों की सुध ली। सहजनवा-दोहरीघाट, आनंदनगर- घुघली और खलीलाबाद-बहराइच नई रेल लाइन का न सिर्फ सर्वे कार्य पूरा हुआ, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुआई में कैबिनेट ने इन तीन नई रेल लाइनों के निर्माण की हरी झंडी देते हुए बजट भी आवंटित कर दिया।

इसे भी पढ़ें-मां को दस्त आई तो गला रेतकर सिर को कुएं में फेंका, 10 साल बाद पिता की गवाही पर बेटे को हुई उम्रकैद की सजा

तीनों नए रेलमार्ग का निर्माण आरंभ हो गया है। रेलवे के स्पेशल प्रोजेक्ट में आने के बाद निर्माण कार्य में तेजी भी आ गई है। मोदी सरकार में मिले उपहार के फलस्वरूप यह परियोजनाएं धरातल पर उतरने लगी हैं। इसका इन क्षेत्रों के मतदाताओं के मन पर गहरा असर पड़ा है।

महराजगंज के लोग भी रेलगाड़ी की छुक-छुक सुन सकेंगे। जनपद मुख्यालय महराजगंज के रास्ते आनंदनगर-घुघली नई रेल लाइन निर्धारित समय पर बिछ जाएगी। 52.70 किमी लंबी रेल लाइन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बोर्ड के निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने सहजनवां-दोहरीघाट और खलीलाबाद- बांसी-बहराइच के बाद आनंदनगर-घुघली रेल लाइन को भी स्पेशल प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया है।

आनंदनगर-घुघली रेल लाइन के लिए कुल 191.059 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया जाना है। भूमि अर्जित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। रेल मंत्रालय ने मार्च 2019 में आनंदनगर-घुघली नई रेल लाइन की मंजूरी दी थी। निर्माण परियोजना को पूरा करने के लिए 958.27 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी मिल गई है। इस नई रेल लाइन पर 9 बड़े एवं 14 छोटे पुल बनाए जाएंगे।

07 स्टेशन में आनन्दनगर, महराजगंज एवं घुघली क्रासिंग स्टेशन होंगे। आनंदनगर और घुघली जंक्शन के रूप में विकसित होंगे। 04 हॉल्ट स्टेशन बनेंगे। इस नई रेल लाइन के बन जाने से महराजगंज जनपद का विकास होगा। उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा नेपाल के लोगों का आवागमन भी सुगम होगा। उत्तर भारत से आने वाली ट्रेनों को वाल्मीकिनगर एवं रक्सौल होते हुए पूर्वोत्तर भारत के लिए एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। पूर्वोत्तर रेलवे को भी एक नया बाइपास रेलमार्ग मिल जाएगा। गोरखपुर जंक्शन का लोड कम होगा।

लाखों लोगों की राह आसान करेगी सहजनवां-दोहरीघाट लाइन

गोरखपुर दक्षिणांचल के लाखों लोगों की राह आसान होगी। रेलवे के स्पेशल प्रोजेक्ट में शामिल होते ही सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन के निर्माण प्रक्रिया में तेजी आ गई है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भूमि का सीमांकन भी होने लगा है। गड़े हुए पिलर दिखने लगे हैं। निर्माण कार्य के लिए टेंडर जारी होने लगे हैं।

81.17 किमी नई रेल लाइन बिछाने के लिए 112 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। जिसमें गोरखपुर के 109 और मऊ जनपद के 3 गांव शामिल हैं। सहजनवां से दोहरीघाट के बीच नई रेल लाइन पर कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। बांसगांव के अलावा सहजनवां, पिपरौली, खजनी, उनवल, बैदौली बाबू, उरुवा बाजार, बनवारपार, गोला बाजार, भरौली, बड़हलगंज और दोहरीघाट शामिल हैं।

इन स्टेशनों के निर्माण की प्रक्रिया भी आरंभ है। सहजनवां और दोहरीघाट में पहले से ही स्टेशन हैं, लेकिन इनका भी कायाकल्प किया जाएगा। गोरखपुर के गोला तहसील में सर्वाधिक गांव शामिल हैं। वर्ष 2026 तक नई रेल लाइन के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन में सरयू नदी पर सबसे लंबा पुल बनाया जाएगा। लगभग 1200 मीटर लंबा पुल के निर्माण के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। इस रेल लाइन पर दो उपरिगामी पुल, 15 अंडरपास, महत्वपूर्ण 11 बड़े पुल तथा 47 छोटे पुल का निर्माण किया जाना है।

प्रधानमंत्री ने गोरखपुर में की थी वंदे भारत युग की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर में सात जुलाई 2023 को पूर्वोत्तर रेलवे की पहली गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई थी। इसी दिन से पूर्वोत्तर रेलवे खासकर पूर्वांचल में वंदे भारत ट्रेन युग की शुरुआत हुई। पहली वंदे भारत ट्रेन गोरखपुर से अयोध्या होते हुए लखनऊ तक चली थी। बाद में इसका मार्ग विस्तार प्रयागराज तक कर दिया गया।

12 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद से गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत का प्रयागराज तक मार्ग विस्तार को वर्चुअल हरी झंडी दिखाई थी। वर्तमान में तीन वंदे भारत ट्रेनें पूर्वोत्तर रेलवे में चल रही हैं। पहली गोरखपुर से अयोध्या और लखनऊ होते हुए प्रयागराज तक चल रही है। दूसरी गोमती नगर से पटना और तीसरी लखनऊ जंक्शन से देहरादून तक चलाई जा रही हैं।

इसे भी पढ़ें-आगरा-गोरखपुर में बारिश ने किया सूरज के तेवर को ठंडा, प्रयागराज में प्रचंड गर्मी से त्राहि-त्राहि

पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर से प्रयागराज के बीच सप्ताह में छह दिन के लिए एक और वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना बनाई है। यह सेमी हाईस्पीड ट्रेन बनारस के रास्ते चलाई जाएगी। इसके अलावा दो चेयरकार तथा तीन स्लीपर वंदे भारत का प्रस्ताव तैयार है। इसमें गोरखपुर-प्रयागराज सहित काठगोदाम से नई दिल्ली के लिए चेयरकार वाली वंदे भारत शामिल है।

गोरखपुर से नई दिल्ली सप्ताह में तीन दिन, गोरखपुर के रास्ते मऊ से काचीगुड़ा तथा छपरा से आजमगढ़ के रास्ते एलटीटी (मुंबई) के बीच सप्ताह में दो दिन एक-एक स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने का प्रस्ताव तैयार है। गोरखपुर से दिल्ली, आगरा और प्रयागराज सहित प्रस्तावित सात वंदे भारत और दो अमृत भारत के अलावा 17 नई एक्सप्रेस ट्रेनों के संचालन की योजना मूर्त रूप लेने लगी है।

बड़ी हो गई छोटी लाइन, वाराणसी और प्रयागराज से जुड़ा दोहरीघाट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 दिसंबर 2023 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्वोत्तर रेलवे की महत्वाकांक्षी दोहरीघाट से इंदारा तक आमान परिवर्तित (छोटी से बड़ी लाइन) रेलमार्ग का उद्घाटन किया। इसके साथ ही मेमू ट्रेन का परिचालन आरंभ हो गया। इस क्षेत्र में भी विकास की बयार बहने लगी।

रेल मंत्रालय ने वर्ष 2016-17 में 213.35 करोड़ रुपये बजट आवंटित कर आमान परिवर्तन की स्वीकृति प्रदान की थी। इस रेल लाइन पर ट्रेनों के संचालन से मऊ जनपद के कोपा और घोसी के अलावा गोरखपुर दक्षिणांचल (बड़हलगंज, हाटा और गोला आदि) के हजारों लोगों की रेलयात्रा सुगम हो गया है।

दोहरी लाइनें बढ़ाएंगी रेलगाड़ियों की रफ्तार, आसान होगी राह

पूर्वोत्तर रेलवे की लाइनों का दोहरीकरण भी तेज हो गया है। बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा 425 किमी मुख्य रेलमार्ग का दोहरीकरण पहले ही हो चुका है। भटनी से औड़िहार तक डबल लाइन बिछाने का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। 6 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के बेतिया में 8700 करोड़ लागत की परियोजनाओं के साथ गोरखपुर कैंट से वाल्मीकिनगर तक 96 किलोमीटर रेल लाइन के दोहरीकरण व विद्युतीकरण की आधारशिला भी रखी।

इसके साथ ही इस क्षेत्र में भी सुखद रेल यात्रा की नींव पड़ गई।तीन साल बाद उत्तर और पूर्वोत्तर को एक वैकल्पिक रेलमार्ग मिल जाएगा, जिसपर यात्रियों की मांग के अनुसार ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। करीब 15 अतिरिक्त मालगाड़ियों के अलावा दर्जनभर और यात्री ट्रेनें चल सकेंगी। गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज और बिहार के लोगों की राह आसान होगी।

पूर्वोत्तर रेलवे की छोटी लाइनें 2025 तक पूरी तरह बड़ी लाइन में परिवर्तित हो जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 मार्च 2024 को आजमगढ़ में आयोजित सभा से लगभग 8200 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं में भटनी-पिवकोल बाइपास लाइन का लोकार्पण और बहराइच-नानपारा-नेपालगंज रोड के आमान परिवर्तन की भी आधारशिला रखी थी।

बहराइच-नानपारा-नेपालगंज रोड लगभग 56 किमी छोटी रेल लाइन के आमान परिवर्तन के बाद पूर्वोत्तर रेलवे का कोई रेलखंड छोटी लाइन नहीं रह जाएगा। मैलानी-नानपारा को छोड़कर 4391 ट्रैक किमी रेल लाइन का आमान परिवर्तन पूरा हाे जाएगा। दुधवा वन क्षेत्र में मैलानी से नानपारा 170 किमी छोटी लाइन ही बच जाएगी, जिसे इको टूरिज्म के लिए संरक्षित कर लिया गया है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।