UP News: गोरखपुर की सड़कों और नालों को दिया गया यूनिक नंबर, अब एक क्लिक पर मिलेगी सारी जानकारी
गोरखपुर नगर निगम ने अपने 20 वार्डों की सभी सड़कों और नालों को यूनिक पहचान संख्या प्रदान की है। अब तक 20 वार्ड में कोडिंग एवं डाटा सत्यपान का काम पूरा हो गया है। इस परियोजना से भविष्य में सड़कों एवं नालियों की कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी वहीं एक क्लिक में सड़कों और नालियों से संबंधित सभी डेटा सामने आ जाएगा।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नगर निगम के 20 वार्डों की सभी सड़क और बड़े, छोटे व मझोले नाला-नालियों को यूनिक पहचान देने का काम पूरा हो गया है। अब ये इन्हीं नंबरों से जाने जाएंगे। नगर निगम प्रशासन के मुताबिक दिसंबर 2024 तक बाकी वार्ड की सड़क, नाला, नालियों को भी यूनिट नंबर आवंटित कर दिया जाएगा। इसके बाद निगम क्षेत्र के तहत जिस तरह सभी मकानों का एक नंबर है, उसी तरह यहां की सड़क और नाला, नालियों को भी एक नंबर से ही जाना, पहचाना जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गोरखपुर नगर निगम समेत सूबे के सभी नगर निगम में,‘रिमोट सेंसिंग एवं एप्लीकेशन सेंटर (आरएसएसी) लखनऊ’ हाई रेज्युलेशन सेटेलाइट के जरिए मैपिंग कर रहा है। शुक्रवार को नगर निगम कार्यालय में मुख्य अभियंता संजय चौहान ने सभी अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता और परियोजना वैज्ञानिक अतुल वर्मा आदि के साथ बैठक कर परियोजना की समीक्षा की।
सेटेलाइट मैपिंग और यूनिक आइडी के लाभ
नगर निगम क्षेत्र में निजी सड़कों के अलावा विभिन्न सरकारी विभागों की सड़कें होती है। आम नागरिक जान ही नहीं पाते हैं कि किस सड़क के लिए किस विभाग को शिकायत करनी है। दूसरे, कई बार एक ही सड़क पर दो -दो विभाग निर्माण कार्य कर देते हैं।इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में जगदीशपुर से जैतपुर तक बनेगा एक्सप्रेस-वे, सिलीगुड़ी से दिल्ली तक का सफर होगा आसानमामला सामने आने पर दोनों ही विभागों की किरकिरी होती है। यूनिक आइडी नंबर आवंटित हो जाने से प्रत्येक सड़क, नाला-नाली की कुंडली एक क्लिक पर सामने होगी। इसमें यह सभी जानकारी दर्ज होगी कि संबंधित सड़क की कितनी लंबाई-चौड़ाई है। वह कब-कब बनी और क्या लागत थी।
इसे भी पढ़ें-आगरा-लखनऊ और गोरखपुर सहित कई जिलों में बारिश के आसार, उमस कर रही लोगों को परेशाननगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने कहा कि नगर निगम में सड़कों और नालियों की सेटेलाइट मैपिंग के साथ ही यूनिक पहचान दी जा रही है। अब तक 20 वार्ड में कोडिंग एवं डाटा सत्यपान का काम पूरा हो गया है। इस परियोजना से भविष्य में सड़कों एवं नालियों की कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी, वहीं एक क्लिक में सड़कों और नालियों से संबंधित सभी डेटा सामने आ जाएगा। -
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