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UP Election 2022: स्वामी प्रसाद मौर्य, सूर्य प्रताप शाही समेत 27 विधायकों व 17 पूर्व विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर

UP Vidhan Sabha Chunav 2022 पूर्वांचल में कई बड़े दिग्गजों के साथ ही 27 विधायकों व 17 पूर्व विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इसमें सरकार के कई मंत्री भी शामिल हैं। चुनावी समर में उतरे दिग्गज अपनी प्रतिष्ठा बचाने की हर कोशिश कर रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 13 Feb 2022 06:30 AM (IST)
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UP Vidhan Sabha Chunav 2022: स्वामी प्रसाद मौर्य व सूर्य प्रताप शाही। - फाइल फोटो
गोरखपुर, डा. राकेश राय। गोरखपुर-बस्ती मंडल के विधानसभा चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब सभी प्रमुख दलों के प्रत्याशियों की नाम की सामने आ चुके हैं। यह भी साफ हो चुका है कि इस बार का चुनाव किसी भी प्रत्याशियों के लिए आसान नहीं होगा। आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करते हैं। दोनों मंडलों की 41 विधानसभा सीटों पर 27 विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है तो 17 पूर्व विधायक भी अपने प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशियों के खिलाफ पूरी दमदारी से ताल ठोंक रहे हैं। यहीं नहीं 31 ऐसे प्रत्याशियों से विधायकों और पूर्व विधायकों को चुनौती मिलने वाली है, जो पहले भी विधानसभा चुनाव में हाथ आजमा चुके हैं। चुनाव मैदान में इनके होने से मुकाबला और दिलचस्प होगा।

विस चुनाव में ताल ठोक चुके 31 पूर्व प्रत्याशी भी मुकाबले को बनाएंगे दिलचस्प

जीत की दावेदारी मजबूत करने के लिए कुछ विधायक पार्टी बदलकर मैदान में हैं तो कुछ ने विधानसभा क्षेत्र बदल दिया है। कुछ तो पार्टी और क्षेत्र दोनों बदलकर सियासी समर में किस्मत आजमा रहे हैं। यही स्थिति कई पूर्व विधायकों की भी है। घनघटा के विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीराम चौहान को भाजपा ने विधायक संत प्रसाद का टिकट काटकर खजनी से प्रत्याशी बनाया है। चिल्लूपार के विधायक विनयशंकर तिवारी इस बार इसी विधानसभा सीट पर हाथी को छाेड़कर साइकिल की सवारी कर रहे हैं। देवरिया की पथरदेवा सीट पर तो पुराने प्रतिद्वंद्वी एक बार फिर आमने सामने हैं। यहां कसया के सपा विधायक ब्रह्माशंकर त्रिपाठी भाजपा विधायक व कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के सामने हैं। दोनों ही 2012 से पहले कसया सीट पर आमने-सामने होते थे। बरहज के बसपा विधायक सुरेश तिवारी ने इस बार रुद्रपुर से पर्चा दाखिल किया है। कुशीनगर स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी और क्षेत्र दोनों बदल दिया है।

कई बड़े नेता भी मैदान में

भाजपा से सपा में आने के बाद पड़रौना के विधायक स्वामी प्रसाद इस बार फाजिलनगर सीट से ताल ठोक रहे हैं। महाराजगंज की नौतनवां विधानसभा सीट के निर्दल विधायक अमन मणि त्रिपाठी बसपा में शामिल होकर हाथी की सवारी कर रहे हैं। भाजपा के साथ गठबंधन वाले अपना दल से सिद्धार्थनगर की शौहरतगढ़ विधानसभा सीट से विधायक अमर सिंह चौधरी न केवल पार्टी छोड़कर सपा में शमिल हो गए बल्कि क्षेत्र भी बदल दिया। इस बार वह बांसी के विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री जय प्रताप सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।

गोरखपुर, देवरिया और सिद्धार्थनगर में सर्वाधिक विधायक प्रत्याशी

वर्तमान विधायकों पर राजनीतिक दलों ने सबसे ज्यादा भरोसा गोरखपुर, देवरिया और सिद्धार्थनगर जिलों ने जताया है। गोरखपुर में छह और देवरिया व सिद्धार्थनगर में पांच-पांच विधायक एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। गोरखपुर से खजनी के भाजपा विधायक का टिकट कटा तो उनके बदले घनघटा के विधायक श्रीराम चौहान टिकट दिया गया। ऐसे में यहां चार टिकट कटने के बाद भी भाजपा के पांच विधायक चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले चुनाव में भाजपा को नौ में आठ सीटें मिली थीं। चिल्लूपार सीट से बसपा के विनय शंकर तिवारी विधायक हुए थे। बस्ती और महराजगंज में चार-चार विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर है। कुशीनगर और संतकबीर नगर इस कतार में सबसे पीछे हैं। कुशीनगर में दो तो संतकबीर नगर में एक विधायक फिर से किस्मत आजमा रहे हैं।

चार प्रमुख दलों में विधायक और पूर्व विधायक प्रत्याशियों का आंकड़ा

जिला विधायक पूर्व विधायक

गोरखपुर 06 04

देवरिया 05 02

कुशीनगर 02 02

महराजगंज 04 01

बस्ती 04 04

सिद्धार्थनगर 05 03

संतकबीर नगर 01 01

कुल 27 17

इतने प्रत्याशी पहले भी आजमा चुके हैं दांव

गोरखपुर : 06

देवरिया : 06

कुशीनगर : 06

महराजगंज : 04

बस्ती : 02

सिद्धार्थनगर : 05

कुल : 31।

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