UP Lok Sabha Election 2024: चुनाव से पहले गोरखपुर का बदला माहौल, पीड़ितों की कतार न फौजदारी का दर्द
गोरखपुर में चुनाव का असर दिखने लगा है। यहां सोमवार सुबह 11 बजे पर्यटन कार्यालय स्थित डीएम दफ्तर के भीतर और बाहर दोनों तरफ सन्नाटा पसरा था। डीएम कृष्णा करूणेश अपने कैंप आफिस में चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक रहे थे। इस दौरान एक दो फरियादी उनके कार्यालय पहुंचे भी तो बाहर खड़े सुरक्षा गार्ड या फिर कर्मचारियों ने उन्हें लौटा दिया।
अरुण चन्द, गोरखपुर। आम चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी होने के बाद सोमवार को पहला कार्य दिवस था। लेकिन, प्रशासनिक कार्यालयों का नजारा रोज से बिल्कुल अलग दिखाई पड़ा। सुबह दस से दो बजे के बीच कमिश्नर, डीएम, सीडीओ समेत सभी एडीएम कार्यालयों के बाहर न तो शिकायतकर्ताओं की लंबी कतार लगी न ही किसी के हाथ में जमीन कब्जा, फौजदारी आदि की समस्याओं से जुड़ा प्रार्थनापत्र दिखा। ऐसा लग रहा था जैसे जिले से अचानक समस्या ही खत्म हो गई।
चुनावी व्यस्तता के चलते कहीं अधिकारी ही नहीं पहुंचे तो कहीं बैठे भी तो इक्का-दुक्का शिकायतकर्ताओं को छोड़ कोई उनके पास ही नहीं पहुंचा। हालांकि नगर निगम में रोज की ही तरह लोग सड़क, नाली, पानी की समस्या लेकर पहुंचे हुए थे तो वहीं जीडीए में भी नजारा रोज की ही तरह दिखा।सुबह 11 बजे पर्यटन कार्यालय स्थित डीएम दफ्तर के भीतर और बाहर दोनों तरफ सन्नाटा पसरा था। डीएम कृष्णा करूणेश अपने कैंप आफिस में चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक रहे थे। इस दौरान एक दो फरियादी उनके कार्यालय पहुंचे भी तो बाहर खड़े सुरक्षा गार्ड या फिर कर्मचारियों ने उन्हें लौटा दिया। 11.10 मिनट पर कमिश्नर कार्यालय के बाहर भी खामोशी फैली थी।
इसे भी पढ़ें- गोरखपुर में 3 फरवरी को तिवारी हाता पर पड़ा था छापा, अब 23 दिन बाद हुई कार्रवाईकमिश्नर अनिल ढींगरा, आयुक्त सभागार में 10 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम, एनएचएआई जैसे विभागों के अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे कि जो परियोजनाएं चल रही हैं, किसी भी दशा में उनकी रफ्तार धीमी नहीं होनी चाहिए।
समझा रहे थे कि अधिसूचना का चल रही परियोजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। हालांकि उनकी अनुपस्थिति में अपर आयुक्त प्रशासन उनके कक्ष में बैठे रहे। थोड़ी-थोड़ी देर में दो-चार अधिवक्ता कमिश्नर कक्ष में पहुंचे। कुछ ने अपर आयुक्त से बात की तो कुछ दाखिल होते ही कमिश्नर के बारे में जानकारी लेकर तत्काल लौट आए। गिनती के दो-तीन शिकायतकर्ता भी पहुंचे।करीब एक घंटे तक चली बैठक के बाद दोपहर 12 बजे के करीब कमिश्नर भी अपने कक्ष में लौट आए। लेकिन, उनसे भी सिर्फ तीन-चार शिकायतकर्ताओं ने ही संपर्क साधा। दोपहर 1.30 तक वह बैठे रहे फिर दौरे पर निकल गए। पूछने पर कमिश्नर का कहना था कि किसी जरूरी समस्या को लेकर कोई फरियादी आ गया तो उसे लौटाया नहीं जाएगा।
इसे भी पढ़ें- करोड़ों की हेराफेरी में आया नया मोड़, मुंबई से जुड़े जांच के तार, फर्जी खाता खोलकर करते थे बड़ा खेलकोई भी ऐसी समस्या जो कानून व्यवस्था को प्रभावित कर सकती है, उसे लेकर पूरी सतर्कता बरती जाएगी। पहले की ही तरह उसका समय से निस्तारण कराना प्राथमिकता होगी। दोपहर 12.30 बजे के करीब विकास भवन स्थित सीडीओ कार्यालय के बाहर भी सन्नाटा पसरा था।
सीडीओ संजय मीना चुनाव के मद्देनजर डीएम, एसएसपी के साथ गोरखपुर यूनिवर्सिटी का निरीक्षण करने निकले थे। उनके कार्यालय के कर्मचारी फाइलों में व्यस्त थे। दोपहर 12.45 बजे पुराने कलेक्ट्रेट में उप जिलानिर्वाचन अधिकारी और एडीएम फाइनेंस विनीत सिंह के कार्यालय के बाहर भी खामोशी थी। वह भी डीएम के साथ गोरखपुर यूनिवर्सिटी का निरीक्षण करने निकले थे।चुनाव तक स्थगित रहेगा जनता दर्शन
उप जिला निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि आचार संहिता लागू रहने तक संपूर्ण समाधान दिवस, थाना समाधान दिवस के साथ ही रोजाना सुबह 10 बजे से लगने वाले जनता दर्शन का कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया है। हालांकि कोई पीड़ित पहुंच गया तो उसे खाली वापस नहीं लौटाया जाएगा।उसकी समस्या का निस्तारण कराया जाएगा। लेकिन, अमूमन शिकायतकर्ता खुद ही आना बंद कर देते हैं। साथ ही चुनावी व्यस्तता के चलते रोजाना संबंधित अधिकारी के जनता दर्शन वाले समय पर कार्यालय में ही उपस्थित रहना भी संभव नहीं हो पाता।
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