UP पुलिस की नाकामी से नेपाल में छिपे हैं खूंखार राघवेंद्र जैसे कई इनामी, गोरखपुर में चार लोगों की हत्या कर फरार है बदमाश
28 अपराधियों की सूची में शामिल प्रदेश का मोस्ट वांटेड राघवेंद्र एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर फरार है। उस पर ढाई लाख रुपये इनाम घोषित किया गया है। बावजूद इसके अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर है। ऐसे कई इनामी नेपाल में शरण लिए हुए हैं। पुलिस को फरार राघवेंद्र व विनोद उपाध्याय की अंतिम लोकेशन नेपाल ही मिली है इसके बाद पता नहीं चला।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sat, 04 Nov 2023 09:35 AM (IST)
जितेन्द्र पाण्डेय, गोरखपुर। जोन का सबसे बड़ा ढाई लाख रुपये का इनामी राघवेंद्र यादव और एक लाख का इनामी विनोद उपाध्याय कहां छिपे हैं? इसके जवाब में पुलिस यही कहती है कि इनकी अंतिम लोकेशन नेपाल में मिली है। इसके बाद से दोनों का पता नहीं चल रहा। राघवेंद्र को ढूंढने के लिए पुलिस के पास उसकी एक धुंधली फोटो के सिवाय कुछ नहीं है।
28 अपराधियों की सूची में शामिल है प्रदेश का मोस्ट वांटेड राघवेंद्र यादव
प्रदेश के मोस्ट वांटेड 28 अपराधियों की सूची में शामिल राघवेंद्र ने वर्ष 2016 से 2018 के बीच एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या करके फरार है। इसे व विनोद उपाध्याय को पकड़ने के लिए पुलिस के साथ एसटीएफ व क्राइम ब्रांच की टीमें भी लगी हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही। यद्यपि नेपाल में 18 वर्ष से छिपे हत्यारोपित सत्यपाल सिंह उर्फ भोला को पकड़कर पुलिस ने अपनी पीठ जरूर थपथपा ली है।
जोन के फरार बदमाशों की सूची में झंगहा के सुगहा का रहने वाला राघवेंद्र यादव का नाम सबसे ऊपर है। पुलिस 2016 से उसे ढूंढ तो नहीं पाई, पर इनाम जरूर बढ़ाती रही। छह जनवरी 2016 में इसने पुरानी रंजिश में सेवानिवृत्त दारोगा जय सिंह के छोटे भाई बलवंत व बेटे कौशल की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
स्वजन को एक मुकदमे की पैरवी न करने की धमकी देकर फरार हो गया था। पुलिस उसे पकड़ने में असफल रही। 10 अप्रैल 2018 को फिर वह क्षेत्र में पहुंचा और गजाईकोल पुलिया के पास मुकदमे की सुनवाई कर लौट रहे जय सिंह व उनके पुत्र नागेन्द्र की गोली मारकर हत्या कर दी और भाग गया।
पुलिस के अनुसार वर्ष 2019 में उसकी लोकेशन कोलकाता में मिली थी। घेराबंदी कर उसे पकड़ने की कोशिश की गई, पर वह भाग निकला। इसके बाद से पुलिस उसके नेपाल में छिपे होने की बात बता रही है, जबकि गांव व आसपास के लोग कहते हैं कि वह गांव आता है और घूम-फिरकर चला जाता है। उसके घर पर कोई नहीं रहता और घर भी गिर चुका है।
खौफ के साए में जय सिंह का परिवार
चार हत्याओं के बाद जय सिंह का पूरा परिवार खौफ के साए में सात वर्षों से जी रहा है। पीड़ित परिवार का कहना है कि अभी राघवेंद्र का मकसद पूरा नहीं हुआ है। वह और भी लोगों की हत्या करने की फिराक में है। उन्हें बाहर निकलने में भी डर लगता है। यद्यपि परिवार की सुरक्षा के लिए थाने के पुलिसकर्मी उनके घर पर ड्यूटी में लगे हैं। झंगहा थानेदार को भी प्रतिदिन मिलना है, लेकिन कुछ माह से उनका जाना बंद हो गया है।
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