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वंदे भारत के लिए गोरखपुर में न्यू वाशिंग पिट का होगा कायाकल्प, पूर्वोत्तर रेलवे ने बोर्ड को भेजा प्रस्ताव

गोरखपुर स्टेशन यार्ड में आधुनिक वाशिंग पिट बन सकता है। इसके लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है। उधर रेलवे बोर्ड की चिट्ठी के बाद गोरखपुर से दिल्ली के बीच वंदे भारत को संचालित करने की कवायद भी तेज हो गई है।

By Pragati ChandEdited By: Updated: Tue, 12 Jul 2022 06:18 PM (IST)
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वंदे भारत के लिए न्यू वाशिंग पिट का होगा कायाकल्प। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। वंदे भारत एक्सप्रेस की सफाई- धुलाई और मरम्मत गोरखपुर स्टेशन यार्ड स्थित न्यू वाशिंग पिट में होगा। इसके लिए पिट का कायाकल्प होगा। स्टेशन यार्ड से पिट तक विद्युतीकरण के साथ शेड भी लगाए जाएंगे। पिट को पूरी तरह से व्यवस्थित कर वंदे भारत एक्सप्रेस के लायक तैयार किया जाएगा। जिससे ट्रेन प्लेटफार्म से सीधे पिट तक पहुंच सके। गोरखपुर के अलावा मानीराम स्टेशन यार्ड में भी अति आधुनिक वाशिंग पिट बनाने की योजना है। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने इन दोनों स्थलों का प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड को भेज दिया है। बोर्ड की हरी झंडी मिलते ही किसी एक स्थल पर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

रेलवे प्रशासन ने भले ही गोरखपुर स्थित वाशिंग पिट के कायाकल्प की योजना तैयार कर ली है, लेकिन जगह पर्याप्त नहीं है। ऐसे में प्रशासन ने मानीराम स्टेशन यार्ड को भी वाशिंग पिट के लिए विकल्प के रूप में चुना है। गोरखपुर यार्ड के लिए बोर्ड की अनुमति नहीं मिली तो मानीराम में ही वाशिंग पिट तैयार कर लिया जाएगा। फिलहाल बोर्ड ने पत्र के माध्यम से वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन में आने वाले संसाधनों और उपकरणों को तैयार रखने के लिए निर्देशित कर दिया है।

निर्देशों के क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे ने इस महत्वाकांक्षी एक्सप्रेस ट्रेन को चलाने की कवायद तेज कर दी है। ताकि, घोषणा होते ही ट्रेन का निर्बाध संचालन शुरू हो सके। जानकारों के अनुसार प्रथम या द्वितीय चरण में गोरखपुर से दिल्ली के बीच ट्रेन की घोषणा के साथ रूट और समय सारिणी भी जारी हो जाएगी। इस ट्रेन के चल जाने से गोरखपुर से दिल्ली की राह आसान हो जाएगी।

यहां जान लें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर (अमृत महोत्सव के दौरान) देशभर में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की घोषणा की है। वर्तमान में वाराणसी-प्रयागराज-दिल्ली और दिल्ली-जम्मू-कटरा रूट पर शताब्दी एक्सप्रेस की तर्ज पर वंदेभारत एक्सप्रेस चल रही हैं।

वंदे भारत के लिए तैयार है एनईआर का मुख्यमार्ग: पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) का मुख्यमार्ग बाराबंकी- गोरखपुर- छपरा लगभग (425 किमी) देश की प्रमुख गतिमान ट्रेनों के संचालन लायक बनकर तैयार है। यह ट्रैक राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलने लायक बन गया है। जिसपर वंदे भारत ही नहीं शताब्दी और दूरंतो एक्सप्रेस भी 110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भर सकती हैं।

एक नजर में वंदे भारत

  • अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। 180 किमी प्रति घंटे करने की है योजना।
  • इसे ट्रेन सेट-18 भी कहते हैं। सिर्फ विद्युतीकृत रेलमार्ग पर चलती है। दोनों तरफ इंजन होते हैं।
  • पूरी तरह वातानुकूलित इस ट्रेन में दो पावर कार, 14 चेयर कार और दो एक्जीक्यूटिव कार होती हैं।
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