Vande Bharat Express: एनईआर ने शुरू की गोरखपुर से नई दिल्ली तक वंदे भारत चलाने की तैयारी
Vande Bharat Express गोरखपुर से नई दिल्ली व प्रयागराज से गोरखपुर तक वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। पूर्वोत्तर रेलवे ने इस ट्रेन के चलने लायक पटरियों को बनाने का कार्य शुरू कर दिया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को जैसे ही हिमाचल के अंदौरा (ऊना) में नई दिल्ली के लिए नई वंदेभारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई, गोरखपुर रूट पर भी इस ट्रेन के संचालन को लेकर आस जग गई। गोरखपुर से दिल्ली और प्रयागराज से गोरखपुर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की योजना है। रेलवे बोर्ड की पहल पर वंदे भारत के रखरखाव को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। न्यू वाशिंग पिट या मानीराम में वंदे भारत के लिए वाशिंग पिट बनाने का प्रस्ताव है। न्यू वाशिंग पिट का कायाकल्प कर वंदे भारत का रखरखाव व सफाई-धुलाई की जा सकती है। इन स्थलों का सर्वे पूरा कर लिया गया है।
महज 52 सेकेंड में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेगी वंदे भारत
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार नए वर्जन की वंदे भारत की अधिकतम गति 180 किलोमीटर प्रति घंटे है। नए वर्जन की वंदे भारत- 2.0 महज 52 सेकेंड में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेगी। 430 टन के पिछले संस्करण की तुलना में इस उन्नत वंदे भारत एक्सप्रेस का वजन 392 टन होगा। इसमें वाई-फाई कंटेंट ऑन डिमांड की सुविधा भी होगी। पिछले संस्करण में जहां 24 इंच की स्क्रीन थी, वही नई ट्रेन के हर कोच में 32 इंच की स्कीन रहेगी। वंदेभारत एक्सप्रेस पर्यावरण अनुकूल भी होगी। एग्जीक्यूटिव कोच में 180 डिग्री घूमने वाली सीटों की सुविधा मिलेगी।
नए डिजाइन में हैं कई अत्याधुनिक चीजें
वंदेभारत एक्सप्रेस के नए डिजाइन में वायु शोधन के लिए रूफ-माउंटेड पैकेज यूनिट (आरएमपीयू) में वायु शोधन प्रणाली स्थापित की गई है। जिससे कीटाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस आदि से हवा को फिल्टर और साफ हो सकेगा। वंदे भारत एक्सप्रेस 2.0 बहुत बेहतरीन और विमान जैसी यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली कवच भी शामिल है।
वंदे भारत के लिए तैयार है एनईआर का मुख्यमार्ग
पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यमार्ग बाराबंकी- गोरखपुर- छपरा लगभग (425 किमी) देश की प्रमुख गतिमान ट्रेनों के संचालन लायक बनकर तैयार है। यह ट्रैक राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलने लायक बन गया है। जिसपर वंदे भारत ही नहीं शताब्दी और दूरंतो एक्सप्रेस भी 110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भर सकती हैं।