Vande Bharat: वंदे भारत ने ब्रेक लगाकर बचा ली 22 लाख 55 हजार रुपये की बिजली, इस सिस्टम का मिला लाभ
vande bharat प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर जंक्शन पर सात जुलाई 2023 को पूर्वोत्तर रेलवे की पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। 9 जुलाई से यह ट्रेन अधिकतम 110 किमी प्रति घंटे की गति से नियमित रूप से चल रही है। अब तो यह ट्रेन अयोध्या और लखनऊ के रास्ते गोरखपुर से प्रयागराज के बीच चलने लगी है।
प्रेम नारायण द्विवेदी, जागरण, गोरखपुर। सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत ने ब्रेक लगाकर करीब 22 लाख, 55 हजार 600 रुपये की बिजली बचा ली है। ट्रेन के इंजन में लगे हेड आन जेनरेशन सिस्टम (एचओजी) के साथ रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम ने करीब 347017 किलो वाट बिजली तैयार की है। जिससे कुल खपत हुई बिजली में करीब 16 प्रतिशत तैयार हो गई है।
रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम के माध्यम से ट्रेन के ब्रेक लगने पर स्वत: बिजली तैयार होती रहती है। ट्रेन में ब्रेक लगने के दौरान जितनी बिजली खर्च होती है, इंजन के गति पकड़ने पर उससे दोगुणा फिर से तैयार हो जाती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर जंक्शन पर सात जुलाई 2023 को पूर्वोत्तर रेलवे की पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। 9 जुलाई से यह ट्रेन अधिकतम 110 किमी प्रति घंटे की गति से नियमित रूप से चल रही है। अब तो यह ट्रेन अयोध्या और लखनऊ के रास्ते गोरखपुर से प्रयागराज के बीच चलने लगी है।
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जानकारों का कहना है कि वंदे भारत की रेक के साथ ही इंजनों में रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम लग जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे ने आधा दर्जन वंदे भारत का प्रस्ताव तैयार किया है। गोरखपुर से प्रयागराज के बीच वाराणसी के रास्ते एक और वंदे भारत की योजना है। गोरखपुर से आगरा और गोरखपुर से दिल्ली के लिए भी चलाई जाएंगी।
आने वाले दिनों में सभी ट्रेनों में रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम कार्य करेगा। रेलवे बोर्ड ने नए माडल वाले थ्री फेज के डब्लूएपी-7 क्षमता वाले सभी इलेक्ट्रिक इंजनों में रिजनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम लगाने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
इन नए इंजनों में एचओजी और रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम लगने से पावरकार को भी बिजली मिलती रहेगी। डीजल नहीं जलने से राजस्व की बचत के साथ पर्यावरण भी संरक्षित होगा। न धुआं उठेगा और न शोरगुल होगा। रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर इलेक्ट्रिक शेड के लिए और लगभग दो दर्जन थ्री फेज के डब्लूएपी- 7 माडल के इलेक्ट्रिक इंजनों की मांग की है।इसे भी पढ़ें- गोरखपुर काली मंदिर की अनोखी है कहानी, यहां जमीन फाड़कर निकली है मां की मूर्ति
एक वर्ष में तैयार कर ली 45750 मेगावाट बिजलीभारती रेलवे स्तर पर 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य लेकर कार्य कर रहा है। इसीक्रम में हेड आन जेनरेशन और रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम के माध्यम से ऊर्जा की बचत की जा रही है। पूर्वोत्तर रेलवे रूट पर चलने वाली कुछ ट्रेनों में लगने वाले थ्री फेज इंजनाें में हेड आन जेनरेशन सिस्टम और रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम कार्य करने लगे हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल के रूटों पर चलने वाली ट्रेनों में ब्रेक लगने से 45750 मेगावाट बिजली तैयार हो चुकी है।
धुलाई-सफाई के दौरान वाशिंग पिट में भी तैयार होगी बिजली
वाशिंग पिट में धुलाई-सफाई के लिए जाते समय भी बिजली तैयार होगी। पूर्वोत्तर रेलवे के 21 स्टेशनों के वाशिंग पिट लाइनों पर ओवर हेड इक्यूपमेंट (ओएचई) लगाए जाएंगे। ओएचई लगते ही एचओजी और रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम कार्य करने लगेगा।इसके लिए 750 वोल्ट बिजली की आपूर्ति प्रदान की जाएगी। गोरखपुर स्थित न्यू वाशिंग पिट के तीन में से एक पिट में ओएचई लग गई है, जिसपर वंदे भारत की धुलाई व सफाई होती है।
पूर्वोत्तर रेलवे मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के क्रम में एनर्जी एफ्फिसिएंट रेल इंजनों से ट्रेनें चलायी जा रही हैं। वंदे भारत ट्रेन भी इसी तकनीकी पर आधारित है, इसके अंतर्गत रिजनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम के माध्यम से ऊर्जा की बचत की जा रही है।
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