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Vande Bharat Express: यहां होगी वंदे भारत ट्रेन की मरम्मत, यांत्रिक कारखाने में 250 करोड़ के बजट से बनेगा शेड

Vande Bharat Express Train आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर रेलवे ही ही नहीं देशभर के प्रमुख रेलमार्गों पर वंदे भारत ट्रेनें ही दौड़ती नजर आएंगी। ऐसे में पूर्वोत्तर रेलवे में चलने वाली वंदे भारत की आवधिक मरम्मत गोरखपुर में हो जाएगी। इसके लिए करीब 250 करोड़ के बजट से यांत्रिक कारखाने में नया वाशिंग पिट तैयार किया जाएगा। इसका प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 15 Sep 2023 08:29 AM (IST)
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वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की फाइल फोटो।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर में ही सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत की आवधिक मरम्मत (पीओएच) भी हो जाएगी। यांत्रिक कारखाने में अलग से शेड तैयार किया जाएगा। रोजाना धुलाई व मरम्मत के लिए न्यू वाशिंग पिट के बगल में करीब 250 करोड़ के बजट से नया वाशिंग पिट तैयार होगा। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने शेड और पिट के लिए भूमि चिह्नित कर नक्शा के साथ प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है।

न्यू वाशिंग पिट में ही हो रही वंदे भारत की धुलाई

वर्तमान में न्यू वाशिंग पिट में ही एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ वंदे भारत की भी प्रतिदिन धुलाई व मरम्मत हो रही है। यांत्रिक कारखाने में नई लिंकहाफमैन बुश (एलएचबी) कोच वाली रेक की मरम्मत हो रही है। पिछले सालों से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की मेमू ट्रेनों की भी मरम्मत हो रही है। पुराने (आइसीएफ) कोच का निर्माण बंद होने के बाद भविष्य में इसकी मरम्मत भी बंद हो जाएगी। अब इसकी जगह वंदे भारत की पीओएच होगी।

देशभर के प्रमुख रेलमार्गों पर दौड़ेगी वंदे भारत

आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर रेलवे ही ही नहीं देशभर के प्रमुख रेलमार्गों पर वंदे भारत ट्रेनें ही दौड़ती नजर आएंगी। अब तो वंदे भारत का रंग भी बदल गया है। गुलाबी रंग की वंदे भारत में स्लीपर कोच भी लगने लगे हैं। रेलवे बोर्ड ने दो वित्तीय वर्ष में वंदे भारत के और 3200 कोच तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इन कोचों से वर्ष 2027 तक कम से कम आठ कोचों वाली 400 वंदे भारत ट्रेनें तैयार हो जाएंगी। यह सभी कोच इंटीग्रल कोच फैक्टी (आइसीएफ) चेन्नई, रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) कपूरथला और माडर्न कोच फैक्ट्री राय बरेली में बनाए जाएंगे। ऐसे में अब रेलवे को मरम्मत शेड की आवश्यकता भी महसूस होने लगी है। भारतीय रेलवे स्तर पर वंदे भारत की 50 सेवाएं संचालित हैं। फिलहाल, अयोध्या के रास्ते गोरखपुर से लखनऊ के बीच वंदे भारत चल रही है।

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प्रयागराज तक वंदे भारत चलाने की तैयारी

रेलवे बोर्ड की पहल पर रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर-प्रयागराज, लखनऊ-गोरखपुर-पाटलिपुत्र, लखनऊ-दिल्ली, टनकपुर-देहरादून, काठगोदाम-आनंदविहार और गोरखपुर-कानपुर रूट का प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है। गोरखपुर से लखनऊ के बीच चल रही वंदे भारत को प्रयागराज तक चलाने की भी तैयारी है। इस ट्रेन की समय सारिणी भी इसी उद्देश्य से बनाया गया है। गोरखपुर से दिल्ली तक वंदे भारत को लेकर पहले से ही प्रस्ताव तैयार है, लेकिन परिचालनिक दिक्कतों के चलते गोरखपुर से दिल्ली तक वंदे भारत के प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग पा रही।

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15 फरवरी 2019 को चली थी पहली वंदे भारत

15 फरवरी, 2019 को वाराणसी से नई दिल्ली के बीच देश की पहली वंदे भारत चली थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। सात जुलाई को गोरखपुर जंक्शन पर प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर रेलवे की पहली वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई थी। नौ जुलाई से गोरखपुर से लखनऊ के बीच यह ट्रेन शनिवार को छोड़कर प्रतिदिन चल रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन की आवधिक मरम्मत के लिए आवश्यक सुविधा विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। इसके अंतर्गत स्थल फिजिबिलिटी की भी जांच की जा रही है। वर्तमान में गोरखपुर यांत्रिक कारख़ाना में कन्वेंशनल कोच के अतिरिक्त एलएचबी कोच एवं मेमू रेक के अनुरक्षण की सुविधा उपलब्ध है।

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