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खाने पर गर्मी का असर: पांच दिनों में मुर्गों के बढ़े भाव, महंगाई की मार से सब्जी से लेकर दाल तक का स्‍वाद हुआ कड़वा

vegetables pulses and chicken price असुरन स्थित चिकन विक्रेता मो.कलीम उफ गोलू ने बताया कि पिछले चार से पांच दिनों के अंदर मुर्गे के भाव में तेजी आई है। जो खड़ा मुर्गा 120 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा था वह बढ़कर 180 पहुंच गया है वहीं 200 प्रति किलो बिकने वाले मुर्गें का मीट भी 280 से 300 रुपये प्रति किग्रा पहुंच गया है।

By Prabhat Pathak Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 03 May 2024 10:48 AM (IST)
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तेज पड़ रही गर्मी के बीच आवक घटने से हरी सब्जियां भी महंगी हुई है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दाल व सब्जी के बाद मुर्गे पर भी महंगाई की मार पड़ गई है। पांच दिनों के अंदर जहां मुर्गें के भाव में प्रति किग्रा 80 से 100 रुपये की तेजी आई है वहीं सरकार की तरफ से भाव पर नियंत्रण की तमाम कोशिशों के बाद भी अरहर दाल दोहरा शतक लगाने को तैयार है। इधर तेज पड़ रही गर्मी के बीच आवक घटने से हरी सब्जियां भी महंगी हुई है।

पिछले हफ्ते तक चिकन का भाव सामान्य था। नानवेज के शौकीन कम खर्च कर चिकन का स्वाद ले रहे थे। चार से पांच दिनों के अंदर अचानक भाव में तेजी आने से चिकन के शौकीनों की परेशानी बढ़ गई है।

असुरन स्थित चिकन विक्रेता मो.कलीम उफ गोलू ने बताया कि पिछले चार से पांच दिनों के अंदर मुर्गे के भाव में तेजी आई है। जो खड़ा मुर्गा 120 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा था वह बढ़कर 180 पहुंच गया है वहीं 200 प्रति किलो बिकने वाले मुर्गें का मीट भी 280 से 300 रुपये प्रति किग्रा पहुंच गया है।

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उन्होंने बताया कि गर्मी के कारण कई फार्म संचालकों ने मुर्गा पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में उत्पादन कम होने व मांग बढ़ने से भाव में तेजी आई है।

पोल्ट्री फार्म संचालन अभय प्रताप सिंह ने बताया कि गर्मी में मुर्गे का उत्पादन सामान्य दिनों की अपेक्षा कम हो जाता है। मृत्युदर बढ़ जाती है। यही वजह है कि भाव में तेजी आ जाती है। ठंड के मौसम में 40 दिन में जो मुर्गा ढाई से पौने तीन किग्रा तक तैयार हो जाता है। इस समय तमाम कोशिशों के बाद भी डेढ़ से पौने दो किग्रा तक ही तैयार हो पाता है।

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तेजी बरकरार, दाल निकाल रहा दम

सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी दाल के भाव में तेजी बनी हुई है। होली के समय में लोगों के राहत देने वाला दाल एक बार फिर दोहरा शतक लगाने को तैयार है। कारोबारियों का कहना है कि फिलहाल भाव में कमी के कोई आसार नहीं है।

किराना कमेटी साहबगंज के महामंत्री गोपाल जायसवाल ने बताया कि फसल अच्छी न होने से पैदावार अच्छा नहीं हुआ है। साथ ही सट्टेबाजी दाल में तेजी का प्रमुख कारण है। इस समय थोक में जहां दाल प्रति किग्रा 165 रुपये हैं तो वहीं फुटकर 185 पहुंच गया है।

उन्होंने बताया कि हाेली के दौरान जो थोक में 120 व फुटकर 140 से 150 था। आज उसमें गुणवत्ता के अनुसार प्रति किग्रा 40 से 50 रुपये तक की तेजी आ गई है। किराना व्यवसायी निकुंज टेकड़ीवाल दाल के भाव में तेजी से एक बार फिर लोगों के किचन का बजट बिगड़ गया है। अच्छी व गुणवत्ता वाली दाल फुटकर में 185 रुपये किग्रा बिक रही है। तेजी नहीं थमी तो भाव दो सौ रुपये प्रति किग्रा के पार पहुंच जाएगा।

गर्मी से घटी सब्जियों की आवक, बढ़े भाव

गर्मी बढ़ने व लू के कारण सब्जियाें के भाव बढ़े हैं। आमतौर पर 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिकने वाला नेनुआ जहां 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। वहीं परवल, करैला, लौकी व बोड़ा समेत अन्य हरी सब्जियों के भाव में तेजी है।

सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि गर्मी व लू के कारण अचानक आवक में कमी आने से भाव में तेजी आई है।फल सब्जी विक्रेता एसोसिएशन के अध्यक्ष अवध गुप्ता ने बताया कि लू के कारण कुछ सब्जियों की आवक कम हुई है। इस कारण खासकर नेनुआ, बोड़ा, सरपुतियां आदि सब्जियां थोड़ी महंगी हुई है। हां यह जरूर है कि थोक के मुकाबले फुटकर में कुछ अधिक तेजी देखने को मिल रही है।

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