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Railway News: रेलवे बोर्ड की विजिलेंस टीम भी करेगी पेंशन अंशदान बदलने की जांच, NER की टीम ने शुरू कर दी है पड़ताल

पूर्वोत्तर रेलवे की टीम ने रेलकर्मियों का पेंशन अंशदान बदलने के मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं रेलवे बोर्ड के बाद विजिलेंस टीम ने भी भ्रष्टाचार का संज्ञान लिया है। सीबीआइ को मामला सौंपने की भी तैयारी चल रही है। जीएम ने मामले का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को तलब कर जल्द मामले के निस्तारण का निर्देश दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sat, 21 Oct 2023 07:54 AM (IST)
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रेलकर्मियों का पेंशन अंशदान बदलने का मामला। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। रेलकर्मियों का पेंशन अंशदान बदलने के मामले की जांच रेलवे बोर्ड की विजिलेंस टीम भी करेगी। रेलवे बोर्ड के बाद विजिलेंस टीम ने भी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार का संज्ञान लिया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए सीबीआइ से जांच कराने की भी तैयारी चल रही है। पूर्वोत्तर रेलवे की विजिलेंस टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच शुरू होने के बाद यांत्रिक कारखाने में हड़कंप मचा हुआ है। परिचालन विभाग सहित अन्य विभागों, कारखानों और मंडलों के रेलकर्मी भी डरे हुए हैं। रेलकर्मियों के बीच सिर्फ पेंशन अंशदान बदलने की ही चर्चा है।

पेंशन अंशदान बदलने का मामला पूर्वोत्तर रेलवे ही नहीं अन्य क्षेत्रीय रेलवे में भी फैल चुका है। अधिकारियों और कर्मचारियों के रैकेट ने कमीशन के रूप में लाखों कमाने के चक्कर में पूर्वोत्तर रेलवे के करीब 20 हजार रेलकर्मियों का पेंशन का करोड़ों अंशदान असुरक्षित हाथों में पहुंचा दिया है।

पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक चन्द्र वीर रमण ने भी मामले को गंभीरता से लिया है। शुक्रवार को उन्होंने पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी, प्रमुख मुख्य वित्त सलाहकार, वरिष्ठ उप महाप्रबंधक आदि विभागाध्यक्षों को अपने दफ्तर में तलब कर प्रकरण के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

इस दौरान उन्होंने चल रही जांच की बिंदुवार जानकारी लेने के साथ मुख्य कारखाना प्रबंधक से भी वार्ता की। उन्होंने उच्चस्तरीय जांच कराने को लेकर भी चर्चा की। अहम सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि प्रकरण का यथाशीघ्र निस्तारण करें, ताकि बोर्ड को रिपोर्ट से अवगत कराया जा सके। इस दौरान एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्ता ने भी कर्मचारियों की मुश्किलों से अवगत कराया।

उन्होंने महाप्रबंधक के समक्ष नई पेंशन में कटौती की धनराशि बिना कर्मचारियों की सहमति लिए निर्धारित बैंक से अलग दूसरे बैंक/ पेंशन फंड में भेजने का मुद्दा उठाते हुए कटौती की धनराशि दिलाने सहित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। महाप्रबंधक ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया।

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27 के बाद एसबीआइ, यूटीआइ और एलआइसी में बदल जाएगा अंशदान

महाप्रबंधक के दिशा-निर्देश के बाद मामले की जांच में तेजी आ गई है। रेलवे प्रशासन ने रेलकर्मियों के अंशदान विकल्प को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर ने सुधारात्मक कार्रवाई के अंतर्गत यांत्रिक कारखाना के कर्मचारियों को 27 अक्टूबर तक का समय दिया है। उनका कहना है कि रेलकर्मी अपने निवेश विकल्प की स्थिति जांच लें।

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यदि वे वर्तमान में विद्यमान स्कीम से संतुष्ट हैं तो अपने विकल्प की सहमति शाप प्रभारी द्वारा अग्रसारित करा कर कार्मिक विभाग को निर्धारित तिथि तक उपलब्ध करा दें। अन्यथा की स्थिति में उनका निवेश विकल्प नेशनल सेक्योरिटी डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के माध्यम से एसबीआइ में 34.5 प्रतिशत, यूटीआइ में 32 प्रतिशत और एलआइसी 33.5 प्रतिशत में परिवर्तित कर दिया जाएगा। यद्यपि, एक साल में एक ही बार अंशदान में बदलाव हो पाता है।

ऐसे में चरणवार कर्मचारियों का अंशदान बदला जाएगा। यहां जान लें कि कार्मिक व लेखा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के रैकेट ने सरकार के अधीन बैंकों एसबीआइ, यूटीआइ और एलआइसी की जगह प्राइवेंट बैंकों में कर्मचारियों का पेंशन अंशदान बदल दिया है। इस प्रकरण में कुछ अधिकारी और कर्मचारी शक के दायरे में आ गए हैं।

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