Flood in Gorakhpur: श्रावस्ती के रास्ते नेपाल से आ रहा पानी, तेजी से बढ़ रही राप्ती, प्रशासन अलर्ट
गोरखपुर में नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने कहा कि संवेदनशील तटबंधों की विशेष निगरानी की जाए। वहां बाढ़ से बचाव की पूरी तैयारी रहे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ से बचाव के लिए सभी तैयारी समय से पूरी कर ली जाए। महराजगंज के महाव नाले में जल निकासी ठीक की जाए! इससे कहीं भी जल प्लावन की स्थिति न आने पाए।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नेपाल से श्रावस्ती के रास्ते आ रहे पानी ने राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार शाम चार बजे राप्ती नदी बर्डघाट में खतरे के निशान 74.98 मीटर से 2.76 मीटर नीचे 72.22 मीटर पर बह रही थी।
हालांकि पानी उतर रहा था लेकिन नेपाल में लगातार हो रही वर्षा को देखते हुए अगले हफ्ते राप्ती नदी के खतरे के निशान को पार करने की आशंका है। इसे देखते हुए डीएम कृष्णा करुणेश ने जिले के बाढ़ संवेदनशील 146 गांवों में राहत चौपाल लगाने के निर्देश दिए हैं।
अपर जिलाधिकारी को 10, उप जिलाधिकारी को 15, तहसीलदार को 20 और नायब तहसीलदार व अन्य अधिकारियों को उनके क्षेत्र के सभी राहत चौपालों में पहुंचना होगा। चौपाल में सर्पदंश, वज्रपात, डूबने से मृत्यु, बाढ़ आदि से बचाव की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए प्रोफार्मा भी जारी किया गया है।
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मुख्य अभियंता गंडक कार्यालय की ओर से बताया गया है कि घाघरा नदी अयोध्या पुल पर चढ़ाव की स्थिति में है। कुआनो नदी मुखलिसपुर में भी बढ़त पर है। रोहिन नदी त्रिमुहानी घाट पर खतरे के निशान से तकरीबन ढाई मीटर नीचे बह रही है।
16 घंटे में नेपाल ने छोड़ा 44 लाख लीटर पानी
नेपाल ने वाल्मीकिनगर बैराज से गुरुवार शाम चार बजे और शुक्रवार सुबह आठ बजे 44 लाख लीटर से ज्यादा पानी छोड़ा। यह पानी गंडक नदी से होते हुए कुशीनगर के रास्ते बिहार में जा रहा है। गोरखपुर में नेपाल की नदियों का पानी श्रावस्ती के रास्ते भिनगा, बांसी होते हुए आता है।
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