Gorakhpur Weather: अक्टूबर में गोरखपुर शहर की गर्मी ने तोड़ा बीते 26 सालों का रिकॉर्ड, प्रदूषण ने बिगाड़ा पूरा मौसम
गोरखपुर में बढ़ते प्रदूषण का तापमान पर गहरा असर पड़ रहा है। अक्टूबर के महीने में तापमान ने पिछले 26 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। न्यूनतम तापमान मानक से 2.3 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया जो 1998 के बाद सबसे अधिक है। अधिकतम तापमान ने भी पिछले चार सालों का रिकॉर्ड बनाया। जानिए इस बढ़ते तापमान के पीछे क्या कारण है और इससे कैसे निपटा जा सकता है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। तेजी से बढ़ते प्रदूषण का असर शहर के तापमान पर पड़ने लगा है। यहां का तापमान मानक से अधिक रिकार्ड हाेने लगा है। इस वर्ष अक्टूबर का तापमान इसका प्रमाण है, जिसने बीते 26 वर्ष की गर्मी का रिकार्ड तोड़ दिया है।
शहर का न्यूनतम तापमान मानक से 2.3 डिग्री सेल्सियस अधिक रिकॉर्ड हुआ है। इससे अधिक अक्टूबर का औसत न्यूनतम तापमान 26 वर्ष पहले यानी 1998 में रिकार्ड हुआ था। अधिकतम तापमान ने अक्टूबर की गर्मी को लेकर बीते चार वर्ष का रिकार्ड बनाया है। यह मानक से .5 डिग्री सेल्सियस अधिक रिकॉर्ड हुआ है। इससे अधिक अक्टूबर का औसत अधिकतम तापमान 2021 में रहा था।
अक्टूबर के तापमान की स्थिति पर मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय के अध्ययन के बाद यह स्थिति सामने आई है। अध्ययन के मुताबिक अक्टूबर के अधिकतम व न्यूनतम तापमान का मानक 32.8 और 20.9 है। जबकि इस वर्ष अधिकतम तापमान 33.5 व न्यूनतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इससे अधिक अक्टूबर का अधिकतम तापमान 2021 में 33.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ था।
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अक्टूबर 1998 में न्यूनतम तापमान 24.1 रहा था। उसके बाद अक्टूबर का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान 26 वर्ष बाद इस वर्ष रिकार्ड हुआ है, जो 23.2 डिग्री सेल्सियस है। न्यूनतम तापमान का बढ़ना रात के निरंतर गर्म होने का द्योतक है। साथ ही संपूर्ण गर्मी के बढ़ने का भी द्योतक है क्योंकि व्यक्ति रात में गर्मी से राहत से उम्मीद करता है।
गोरखपुर में छाया कोहरा-जागरण
नहीं महसूस की गई ठंड वाली सिहरन : कैलाश पांडेयआमताैर पर अक्टूबर से ठंड की दस्तक मानी जाती है। अक्टूबर की रात में कई बार ठंड वाली सिहरन भी महसूस होती है लेकिन बीते कुछ वर्षों से ऐसा नहीं हो रहा। क्योंकि प्रदूषण के चलते सामान्य रूप से तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। प्रदूषण का सर्वाधिक प्रभाव रात के तापमान पर पड़ रहा है, यही वजह है कि न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसे रोकने के लिए प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सभी को जागरूक होना होगा। इसे भी पढ़ें-छठ पूजा पर घर आने वालों के लिए रेलवे का तोहफा, चलेगी बांद्रा से गोरखपुर तक स्पेशल ट्रेन बीते पांच वर्ष में अक्टूबर का औसत न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस मेंं)
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।नहीं महसूस की गई ठंड वाली सिहरन : कैलाश पांडेयआमताैर पर अक्टूबर से ठंड की दस्तक मानी जाती है। अक्टूबर की रात में कई बार ठंड वाली सिहरन भी महसूस होती है लेकिन बीते कुछ वर्षों से ऐसा नहीं हो रहा। क्योंकि प्रदूषण के चलते सामान्य रूप से तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। प्रदूषण का सर्वाधिक प्रभाव रात के तापमान पर पड़ रहा है, यही वजह है कि न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसे रोकने के लिए प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सभी को जागरूक होना होगा। इसे भी पढ़ें-छठ पूजा पर घर आने वालों के लिए रेलवे का तोहफा, चलेगी बांद्रा से गोरखपुर तक स्पेशल ट्रेन बीते पांच वर्ष में अक्टूबर का औसत न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस मेंं)