खबर आई… माफिया विनोद मारा गया तो फूट-फूटकर रोने लगा भाई, इन जुर्मों में दिया था साथ, अब पछता रहा
Vinod upadhyay news - रंगदारी मांगने बलवा धमकी देने के मुकदमे में जेल भेजे गए माफिया विनोद के छोटे भाई संजय की शुक्रवार को कोर्ट में पेशी थी। सुबह 11 बजे कचहरी में पहुंचने के बाद उसे मुठभेड़ में विनोद के मारे जाने की जानकारी हुई। इसके बाद वह फूटकर रो पड़ा। साथ में दूसरे बंदी व पुलिसकर्मियों ने उसे संभाला।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। रंगदारी मांगने, बलवा धमकी देने के मुकदमे में जेल भेजे गए माफिया विनोद के छोटे भाई संजय की शुक्रवार को कोर्ट में पेशी थी। सुबह 11 बजे कचहरी में पहुंचने के बाद उसे मुठभेड़ में विनोद के मारे जाने की जानकारी हुई। इसके बाद वह फूटकर रो पड़ा। साथ में दूसरे बंदी व पुलिसकर्मियों ने उसे संभाला।
भाइयों के पकड़े जाने पर गायब हो गया था विनोद
25 मई को कैंट क्षेत्र के दाउदपुर नहर रोड पर रहने वाले प्रवीण श्रीवास्तव ने गुलरिहा थाने में माफिया विनोद उपाध्याय उसके भाई संजय, नौकर छोटू व दो अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध रंगदारी मांगने, जान से मारने की धमकी देने और तोड़फोड़ करने का मुकदमा दर्ज कराया था।
प्रवीण का आरोप था कि माफिया भूमि बेचने के लिए उनके ऊपर दबाव बना रहा था। बात न मानने पर प्रति प्लाट पांच लाख रुपये मांग रहा था। इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने संजय उपाध्याय व छोटू को जेल भेज दिया। पुलिस के तलाश करने पर विनोद चकमा देकर फरार हो गया।
तीन जून काेतवाली के धम्माल मोहल्ला में रहने वाले राजकुमार श्रीवास्तव ने विनोद, संजय उनके सहयोगी बाबू नंदन यादव, रमेश शर्मा और दो अज्ञात के विरुद्ध दर्ज कराया। इसी मुकदमे में शुक्रवार को एसीजेएम अमित कुमार की कोर्ट में सुनवाई थी।
थाने में गुंडई करने पर बसपा से हुआ था बर्खास्त
विनोद के भाई ने कौवा बाग पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों से विवाद कर लिया था। मामला बढ़ने पर थाने पहुंचे विनोद ने पुलिसकर्मियों से अभद्रता की थी। अधिकारियों को पता चला तो उन्होंने विनोद और उसके भाइयों पर मुकदमा दर्ज हुआ। मामले के राजनीतिक रूप लेने पर बसपा से विनोद को बर्खास्त कर दिया गया, इसके बाद दोबारा उसकी राजनीति में एंट्री नहीं हुई।
सपा पार्षद की लखनऊ में कराई थी हत्या
सात मार्च, 2007 को तिवारीपुर से सपा पार्षद अफजल फैजी की लखनऊ के हजरतगंज श्रीराम टावर्स के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पार्षद फैजी की हत्या में भी विनोद उपाध्याय, प्रभाकर और विश्वजीत सिंह उर्फ पपलू का नाम आया।पपलू उस समय माधोपुर वार्ड का पार्षद था।
लाल बहादुर हत्याकांड में सामने आया था नाम
2007 में विनोद उपाध्याय गैंग पर हमला कराने वाले लाल बहादुर यादव की 2014 में विश्वविद्यालय गेट के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई।इस घटना में पुलिस ने धनंजय तिवारी समेत 11 लोगों को जेल भेजा था।
पुलिस की जांच में सामने आया कि चिड़ियाघर में मिट्टी गिराने के विवाद में लाल बहादुर की हत्या हुई है। वारदात में शामिल धनंजय तिवारी की उस समय विनोद से गहरी दोस्ती थी।
चार करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है पुलिस
एनकाउंटर में मारे गए विनोद उपाध्याय की करीब चार करोड़ रुपये की संपत्ति को गोरखपुर पुलिस गैंगस्टर एक्ट में जब्त करा चुकी है। विनोद के गैंग के लाल बाबू की दो कार सहित 13 लाख, सूरज पासवान का एक ट्रैक्टर, पक्का मकान, अर्जुन पासवान की चार, चार पहिया गाड़ी, भूमि के साथ 96 लाख रुपये की संपत्ति जब्त हुई है।
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