यूपी-बिहार में क्यों बढ़ रहा गालब्लाडर कैंसर, होगा अध्ययन- एम्स ने तैयार किया तीन सौ मरीजों का डाटा
Gallbladder Cancer in UP-Bihar पूर्वी उत्तर प्रदेश व पश्चिमी बिहार से गालब्लाडर कैंसर के ज्यादा मामले आ रहे हैं। एम्स ने तीन सौ मरीजों का डाटा एकत्र किया है। इन पर शोध कर यह देखा जाएगा क्यों हो रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Pradeep SrivastavaUpdated: Fri, 18 Nov 2022 12:30 AM (IST)
गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। अन्य राज्यों की अपेक्षा पूर्वी उत्तर प्रदेश व पश्चिमी बिहार में गालब्लाडर कैंसर के मामले क्यों बढ़ रहे हैं? एम्स, इसका कारण जानने के लिए अध्ययन करेगा, ताकि इस रोग की रोकथाम के उपाय खोजे जा सकें। आंकोलाजी विभाग ने इसके लिए एम्स में उपचार करा रहे 300 रोगियों का डाटा एकत्रित किया गया है। इनकी उम्र 40 से 60 वर्ष के बीच है। इसमें दो सौ महिलाएं व एक सौ पुरुष रोगी हैं। सबसे ज्यादा रोगी उत्तर प्रदेश -बिहार सीमा से से सटे जिलों- सिवान, गोपालगंज, छपरा, रक्सौल, नरकटियागंज के हैं। इनके खान-पान, रहन-सहन, पारिवारिक, सामाजिक व आर्थिक माहौल को केंद्र में रखकर अध्ययन किया जाएगा। यह भी अध्ययन का हिस्सा होगा कि महिलाओं में इसके मामले ज्यादा क्यों हैं ?
एम्स में लगातार पहुंच रहे हैं मरीज
पूर्वी उत्तर प्रदेश व पश्चिमी बिहार में अभी तक कैंसर के सबसे ज्यादा मामले मुंह व गले के कैंसर के आ रहे थे। एम्स पहुंचने वाले रोगियों ने अब गंभीर संकेत देने शुरू कर दिए हैं। कैंसर को लेकर नई धारणा तैयार होने लगी है। पिछले दो साल में लगभग एक हजार कैंसर रोगी एम्स पहुंचे। इसमें से तीन-तीन सौ रोगी मुंह-गले, सर्वाइकल (बच्चेदानी के मुंह) व गालब्लाडर कैंसर हैं। इन तीनों अंगों के कैंसर के मामले 30-30 प्रतिशत अर्थात बराबर आए। कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. शशांक शेखर के मुताबिक गालब्लाडर कैंसर के मामले दिल्ली व आसपास तथा अन्य राज्यों में बहुत कम मिलते हैं, इनकी संख्या एक-दो प्रतिशत होती है। लेकिन यहां 30 प्रतिशत मिलना, हैरत में डालने वाला है। इसका कारण पता करना जरूरी है। इसलिए अध्ययन का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इन वजहों से होता है गालब्लाडर कैंसर
गालब्लाडर कैंसर का मुख्य कारण पथरी है। कुछ रोगियों में शुरुआत में इसका पता नहीं चलता है, कुछ रोगियों को दर्द होता है लेकिन से इसे नजरअंदाज कर देते हैं। बाद में यह कैंसर का रूप धारण कर लेती है। पथरी होने के कारणों में उच्च वसायुक्त आहार, तेल-मसालों का उपयोग, कोलेस्ट्राल आदि हैं। आनुवांशिक कारणों से भी पथरी होती है। - डा. शशांक शेखर, कैंसर रोग विशेषज्ञ, एम्स।गालब्लाडर के कैंसर रोगियों की संख्या चौंकाने वाली है। इसके मामले बहुत कम आते हैं। लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार में इनका 30 प्रतिशत मिलना आश्चर्यजनक है। इसलिए गालब्लाडर कैंसर के कारणों को पता करना बेहद जरूरी है। इसके लिए अध्ययन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। 300 रोगी अभी हमारे पास हैं। इन्हीं पर अध्ययन होगा। - डा. सुरेखा किशोर, कार्यकारी निदेशक, एम्स।
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