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महराजगंज में तेंदुए के हमले से महिला गंभीर रूप से घायल

सेमरहवा गांव में बीते 25 नवंबर को तेंदुए के हमले से सात वर्षीय छोटेलाल की मौत हो गई थी। अभी लोग उसकी मौत को भुला भी नहीं पाए थे कि सोमवार को जंगल से सटे खेत गई महिला तिलकी पत्नी रामबेलास को झपट्टा मार दिया।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 30 Nov 2021 01:14 AM (IST)
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महराजगंज में तेंदुए के हमले से महिला गंभीर रूप से घायल

महराजगंज: सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग उत्तरी चौक रेंज के सेमरहवा गांव निवासी एक महिला पर सोमवार दोपहर तेंदुए ने हमला कर जख्मी कर दिया। महिला की चीख पुकार सुन पहुंचे ग्रामीणों को देख वह जंगल में भाग गया। आनन-फानन में स्वजन लक्ष्मीपुर सीएचसी ले गए, जहां इलाज चल रहा है। तेंदुए की हमले की एक सप्ताह के भीतर यह दूसरी घटना है, जिसको लेकर ग्रामीण भयभीत हैं।

सेमरहवा गांव में बीते 25 नवंबर को तेंदुए के हमले से सात वर्षीय छोटेलाल की मौत हो गई थी। अभी लोग उसकी मौत को भुला भी नहीं पाए थे कि सोमवार को जंगल से सटे खेत गई महिला तिलकी पत्नी रामबेलास को झपट्टा मार दिया। लेकिन उसने बचाव का प्रयास करते हुए शोर मचाया तो ग्रामीण पहुंच गए, इसके बाद तेंदुआ जंगल में ओझल हो गया। उनके दाहिने हाथ में गंभीर चोटें आई है। घायल महिला तिलकी ने बताया कि तेंदुए के हमले से बालक छोटेलाल की मौत के बाद खेत नहीं गई थी। तीन दिन बाद जब खेत में कार्य करने गई थी कि अचानक तेंदुए ने हमला कर दिया। उसको फावड़ा दिखाकर शोर मचाया, जिससे घबराकर जंगल में भाग गया। वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह ने बताया कि घायल महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लोगों को जंगल में नहीं जाने की सलाह दी गई है। वन विभाग की टीम गांव में मुस्तैद है। तेंदुए के हमले से सहमे ग्रामीण, उठाई सुरक्षा की मांग

नौतनवा थाना क्षेत्र के उत्तरी चौक रेंज के सेमरहवा गांव में गुरुवार को तेंदुए के हमले से सात वर्षीय बालक की मौत को ग्रामीण अभी भुला नहीं पाए थे कि सोमवार को तेंदुए ने एक महिला पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया, जिसको लेकर ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ नाराजगी जताते हुए तेंदुए को पकड़ कर चिड़िया घर भेजने व सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है। सेमरहवा गांव जंगल से सटे होने के कारण प्रशासन को ग्रामीणों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुख्ता इंतजाम करने की आवश्यकता है, इसके लिए उच्चाधिकारियों से शिकायत की जाएगी।

उपेंद्र यादव, ग्रामीण जंगल से सटे गांवों में आए दिन भेड़, बकरियां, बत्तख, मुर्गी व गोवंशीय पशु निवाला बनते आ रहे थे, लेकिन एक सप्ताह के भीतर दूसरी घटना से ग्रामीण भयभीत हैं। उनकी खेतीबाड़ी कैसे होगी, यह चिता की विषय है।

जमीउल्लाह खान, ग्रामीण जानवरों के संरक्षण के लिए सरकार तमाम इंतजाम करती है, लेकिन ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए जंगल के किनारे अभी तक न तो तार बाड़ लगा, न ही फसलों की सुरक्षा के लिए खाई की खोदाई की गई।

-महेंद्र राजभर, ग्रामीण तेंदुए के हमले से स्कूलों में बच्चों उपस्थिति कम हो रही है। जंगल से सटे गांव होने के नाते प्रशासन को कोई ठोस कदम उठाने चाहिए।

-विंजन सिंह, ग्रामीण जंगल किनारे बसे गांव की सुरक्षा व्यवस्था में वन विभाग की टीम सतर्क रहती है, सूचना मिलने पर तत्काल वनकर्मी पहुंच मामले को संभालते हैं। तेंदुए की तलाश में हर स्तर से जारी है, उन्होंने लोगों को सावधानी पूर्वक कार्य करने की अपील की है।

मोहन सिंह, वन क्षेत्राधिकारी, उत्तरी चौक रेंज

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