World Schizophrenia Day 2022: अत्यधिक तनाव से हो सकते हैं गंभीर मानसिक बीमारी के शिकार
World Schizophrenia Day 2022 सिजोफ्रेनिया (गंभीर भ्रम की स्थिति) होने का मुख्य कारण अत्यधिक तनाव है। समय से इलाज कराने पर यह जड़ से खत्म हो सकता है। लापरवाही बरतने पर लोग गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं उन्हें पूरे जीवन दवा खानी पड़ती है।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 24 May 2022 09:01 AM (IST)
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सिजोफ्रेनिया (गंभीर भ्रम की स्थिति) होने का मुख्य कारण अत्यधिक तनाव है। विशेषज्ञों के अनुसार यह बीमारी शुरुआत में पता चल जाए कुछ माह या वर्ष उपचार के बाद पूरी तरह ठीक हो सकती है। लापरवाही बरतने पर पागलपन में बदल जाती है और जीवन भर दवा खानी पड़ सकती है। पिछले 10 वर्षों से इस बीमारी से पीड़ितों की संख्या में न तो बढ़ोत्तरी हुई है और न ही कमी आई है। प्रतिदिन जिला अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में 25 प्रतिशत रोगी पहुंचते हैं। इसमें महिला व पुरुषों की संख्या लगभग समान होती है। इस बीमारी बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 24 मई को विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस मनाया जाता है।
समय से उपचार होने पर पूरी तरह ठीक हो जाती है बीमारीजिला अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन लगभग सौ रोगी आते हैं। इनमें से लगभग 25 में सिजोफ्रेनिया होती है। विशेषज्ञाें के अनुसार इस बीमारी में रोगी संदेह से घिर जाता है। उसे लगता है कि हर व्यक्ति उसकी जासूसी कर रहा है। उसे कोई आवाज भी सुनाई पड़ सकती है जो वस्तुत: होती नहीं है। इसकी वजह से अपने को सबसे अलग-थलग कर लेता है। उसकी सोच विकृत होने लगती है। यदि समय से उपचार शुरू हो गया तो दवाओं से यह बीमारी ठीक हो जाती।
नजरअंदाज करने पर जीवन भर खानी पड़ सकती हैं दवाएंलापरवाही बरतने पर लोग गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं, उन्हें पूरे जीवन दवा खानी पड़ती है। सड़कों पर कई सेट कपड़ा पहनकर घूमने वाले, नाली का पानी पीने वाले लोग शुरुआत में इसी बीमारी की चपेट में होते हैं, बाद में उनकी स्थिति गंभीर हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार मुख्य रूप से इस बीमारी के दो कारण हैं- 1-यदि माता-पिता को यह बीमारी है तो बच्चे में हो सकती है। 2-अत्यधिक तनाव व कार्य का दबाव।
सिजोफ्रेनिया सोच को विकृत कर देती है। हर व्यक्ति पर संदेह होने लगता है। रोगी को लगता है कि सभी उसके खिलाफ हैं और साजिश कर रहे हैं। ऐसा महसूस होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इस बीमारी का उपचार संभव है। नजरअंदाज करने पर यह गंभीर हो सकती है। - डा. अमित कुमार शाही, मानसिक रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल।
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