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ऑनर किलिंग: गोरखपुर में बेटी के प्रेमी की हत्‍या कर झाड़ी में छुपाया शव, शादी के बाद अफेयर से नाराज था परिवार

बेलीपार में एक प्रेमी की हत्या ने सनसनी फैला दी है। मृतक जयेश निषाद का शव बांसगांव-उरुवा थाना क्षेत्र के सीमा पर स्थित तुर्रा नाले के पास झाड़ी से बरामद हुआ। पुलिस ने 10 नामजद और 3 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मुख्य आरोपी सूर्यनाथ सोमनाथ अमन और रामप्रवेश को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या में प्रयुक्त गड़ासा और बोलेरो भी बरामद किया गया है।

By Jitendra Pandey Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 10 Oct 2024 09:07 AM (IST)
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युवक की हत्या करने के आरोपित थाने के लॉकअप में l सौ. पुलिस मीडिया सेल
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मायके आई बेटी को भगा ले जाने से नाराज पिता ने साथियों के साथ मिलकर मंगलवार की शाम को उसके प्रेमी का अपहरण किया और फिर गड़ासे से प्रहार कर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने बेलीपार के चंदौली बुजुर्ग के जयेश निषाद का शव देर रात बांसगांव-उरुवा थाना क्षेत्र के सीमा पर स्थित तुर्रा नाले के पास झाड़ी से बरामद किया।

पुलिस ने बुधवार को मां सलहंता देवी की तहरीर पर गांव के अखिलेश सिंह, सूर्यनाथ यादव, बैजनाथ यादव, रामप्रवेश, नन्ही, प्रदीप सिंह उर्फ पिंटू, बैजनाथ यादव, संगम यादव, अमन यादव, साेमनाथ यादव और तीन अज्ञात पर केस दर्ज किया। इसमें मुख्य आरोपित सूर्यनाथ, सोमनाथ, अमन और रामप्रवेश को गिरफ्तार कर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त गड़ासा और बोलेरो बरामद किया है।

चंदौली बुजुर्ग निवासी जयेश निषाद के पिता रामहजूर और छोटा भाई हैदाराबाद में रहकर काम करते है। गांव पर मां सलहंता देवी और जयेश रहते थे। 23 अगस्त, 2024 को जयेश गांव की एक शादीशुदा लड़की को भगा ले गया।

जयेश निषाद। फाइल फोटो

इसके बाद लड़की के पिता सूर्यनाथ यादव ने थाने में तहरीर देकर जयेश समेत उसके घरवालों पर केस दर्ज कराया। इसके बाद से उसकी मां गांव छोड़कर मायके चली गई और जयेश ने भी घर जाना बंद कर दिया। लेकिन, मंगलवार को वह किसी काम से बेलीपार स्थित एक दुकान पर गया था।

वहां से वह भीटी मार्ग पर जा रहा था। इसकी जानकारी सूर्यनाथ को हो गई। इसके बाद सूर्यनाथ अपनी बोलेरो से अन्य आरोपितों को लेकर जयेश को खोजते हुए भीटी मार्ग पहुंचा और उसके सिर पर गड़ासे से हमला कर दिया।

घायल होने पर जयेश को गाड़ी पर लादकर बांसगांव-उरुवा सीमा पर स्थित तुर्रा नाले के पास पहुंचा। यहां पर दोबारा उसके सिर और गले पर हमला किया। मरने के बाद उसे झाड़ी में फेंक कर चले गए।

इधर, मंगलवार की शाम साढ़े सात बजे पुलिस को सूचना मिली कि बोलेरो से एक युवक का अपहरण कर लिया गया है। सीसी कैमरे के फुटेज से पुलिस गाड़ी की पहचान करते हुए उसके नंबर के आधार पर गाड़ी मालिक सूर्यनाथ को हिरासत में लिया। पूछताछ करने पर सूर्यनाथ ने पूरे घटनाक्रम के बारे में पुलिस को बताया।

एसपी दक्षिणी जितेन्द्र कुमार ने बताया कि तहरीर के आधार पर 10 नामजद व तीन अज्ञात पर केस दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या में प्रयोग की गई गाड़ी व गड़ासा भी बरामद हो गया है। अन्य की तलाश चल रही है।

बेटी को भगाने से नाराज चल रहा था पिता

सूर्यनाथ यादव ने पुलिस को बताया कि वह राजकोट में काम करता था। जयेश और उसकी बेटी में बातचीत होती थी। जानकारी होने पर 26 फरवरी, 2024 को उसने पुत्री निशा की शादी खजनी के एक गांव निवासी चंदन यादव से कर दी। 27 फरवरी को वह अपने ससुराल पहुंच गई। इसके बाद वह फिर राजकोट चले गए।

पांच महीने बाद दो अगस्त को उनकी पुत्री ससुराल से गायब हो गई। उसके ससुर ने खोजबीन करते हुए खजनी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। इसी बीच तीन अगस्त को वह वापस आ गई। दो दिन बाद पांच अगस्त को ससुराल में विवाद करके वह मायके चली आई। जानकारी होने पर उन्हें जयेश पर संदेह हुआ तो वह भी राजकोट से सात अगस्त को घर आ गया।

पत्नी को धक्का देकर भगा ले गया था

सूर्यनाथ ने बताया कि 23 अगस्त को उसकी पत्नी व पुत्री सुबह पांच बजे घर से बाहर निकले। इसी बीच जयेश वहां पहुंचा और पत्नी को धक्का देकर पुत्री को भगा ले गया। तहरीर देकर बेलीपार थाने में जयेश पर अपहरण का केस दर्ज कराया।

इसी बीच उन्हें पता चला कि जयेश और उनकी पुत्री ने शहर के एक मंदिर में शादी कर ली। कोर्ट में प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि दोनों बालिग है, मंदिर में शादी की है, उसके ऊपर दर्ज मुकदमा समाप्त किया जाए। कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर स्टे दे दिया था। इसके बाद से ही वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगा था।

पंचायत चुनाव में प्रधान प्रत्याशी पर जयेश ने चलाई थी गोली

चंदौली बुजुर्ग निवासी जयेश निषाद भी मनबढ़ था। वर्ष 2021 में पंचायत चुनाव के दौरान इसने प्रधान प्रत्याशी अखिलेश सिंह पर गोली चला दी थी। चचेरे भाई राकेश सिंह ने तहरीर देकर जयेश पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। बाद में पुलिस ने जयेश निषाद, उसके पिता और संतोष पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज कर जेल भेजा था।

जयेश के घर पसरा सन्नाटा। जागरण

पुलिस के अनुसार पंचायत चुनाव में जयेश ने संतोष का समर्थन करते हुए प्रचार-प्रसार कर रहा था। किसी बात को लेकर उसकी बहस विपक्षी प्रत्याशी अखिलेश सिंह से बहस हो गई। इसके बाद उसने तमंचा निकालकर गोली चला दी थी। गले और सीने में छर्रे लगने से काफी दिनों तक अखिलेश का उपचार चला। इसके बाद से ही अखिलेश और जयेश के परिवार के बीच मनमुटाव चल रहा है। जयेश की हत्या करने के आरोप में मां ने अखिलेश सिंह को भी आरोपित बनाया है।

युवती के साथ शहर में रहता था जयेश

जयेश युवती से शादी करने के बाद शहर में किराए पर रहता था। वह गांव स्थित घर तो नहीं जाता था, लेकिन क्षेत्र में उसका आना-जाना लगा रहता था। इसकी जानकारी युवती के पिता सूर्यनाथ को थी। पुलिस का कहना है कि देरशाम को युवती का पता चल गया है। वह सुरक्षित है और सही है।

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