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फंदे से लटका मिला आठवीं क्लास का छात्र, पिता बोले- दिन-रात खेलता था गेम; पबजी कनेक्शन आया सामने

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में आठवीं कक्षा के एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किशोर के पिता ने बताया कि उनका बेटा दिन-रात पबजी खेलता था। बुखार आने के कारण वह पिछले कई दिनों से स्कूल भी नहीं जा रहा था। वहीं पुलिस ने बताया कि उन्हें मामला की जानकारी नहीं है। डॉक्टर का कहना है कि स्वजन ने किशोर का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 10 Nov 2024 11:04 AM (IST)
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राठ में छात्र के फंदा लगाने के बाद घर के बाहर एकत्र भीड़। जागरण
संवाद सूत्र, राठ। पबजी ने आठवीं कक्षा के छात्र की जान ले ली। तहसील में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पुत्र ने कमरे में पंखे के कुंडे के सहारे चादर से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। स्वजन बिना पोस्टमार्टम कराए शव को घर ले गए।

कस्बे के तहसील परिसर के पीछे पठानपुरा मुहल्ला निवासी राम प्रताप वर्मा ने बताया कि वह तहसील परिसर में संग्रह लेखक के पद पर कार्यरत हैं। उसके तीन पुत्र हनी, अभिषेक और 14 वर्षीय मनीष वर्मा हैं। उसका सबसे छोटा पुत्र मनीष कस्बे के एक इंग्लिश मीडियम में कक्षा आठवीं का छात्र था।

बताया कि वह दिन-रात पबजी खेलता रहता था। गुरुवार की रात में भी वह पबजी खेल रहा था। बताया चार दिनों से उसे बुखार आ रहा था। जिसके कारण वह स्कूल नहीं जा रहा था। शुक्रवार की सुबह करीब दस बजे उसने पुत्र को दवा खिलाई। इसके बाद मनीष दूसरी मंजिल पर जाकर कमरे में चला गया। जब वह कमरे में गया तो दरवाजा अंदर से बंद था। उसने आवाज लगाई लेकिन दरवाजा नहीं खुला।

जब उसकी मां ने खिड़की से देखा तो पुत्र चादर के सहारे फंदे से लटका हुआ था। वहीं पास में मोबाइल फोन भी पड़ा मिला। इसके बाद पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़कर उसे फंदे से उतारा गया और सीएचसी ले गए। जहां चिकित्सक डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुत्र की मौत पर मां उमा देवी का रो रोकर बुरा हाल है। डा. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि स्वजन बिना नाम पता लिखाएं शव को साथ ले गए। वहीं कोतवाल उमेश सिंह ने बताया कि उनके पास कोई जानकारी नहीं है।

झोलाछाप के इलाज से गई मासूम की जान

जागरण, राठ : एक सात माह की मासूम को गंभीर हालत में इलाज के लिए सीएचसी राठ लाया गया। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्वजन ने मृतक मासूम के शव का बगैर पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार कर दिया। कुर्रा गांव निवासी भूपेंद्र कुमार ने बताया कि उसके पारिवारिक चाचा मनीष कुमार के पुत्र निखिल (सात माह) की अचानक तबीयत खराब हो गई। जिसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बताया कि मृतक का एक झोलाछाप द्वारा दो दिन से इलाज किया जा रहा था। जहां हालात बिगड़ने पर उक्त चिकित्सक ने उसे सरकारी अस्पताल भेजा था। स्वजन ने थाने में शिकायत करने की बात कही है।

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