Lok Sabha Election प्रेम प्रसंग के मामले में शिक्षामित्र का अपहरण कर उसकी हत्या करने के आरोपितों के विरुद्ध दोष सिद्ध होने पर मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एफटीसी द्वितीय) की अदालत ने सजा सुनाई। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी और दो चचेरे भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 60-60 हजार रुपये प्रत्येक को अर्थदंड लगाया है।
जागरण संवाददाता, हमीरपुर। प्रेम प्रसंग के मामले में शिक्षामित्र का अपहरण कर उसकी हत्या करने के आरोपितों के विरुद्ध दोष सिद्ध होने पर मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एफटीसी द्वितीय) की अदालत ने सजा सुनाई। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी और दो चचेरे भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 60-60 हजार रुपये प्रत्येक को अर्थदंड लगाया है।
इस प्रकरण में चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा था। इसमें एक की मौत हो चुकी है। वहीं उक्त तीन दोषियों को जिला कारागार ले जाया गया।
सहायक अधिवक्ता जगदीश अनुरागी ने बताया कि वादी रामसेवक ने कुरारा थाने में तहरीर दी थी कि उसका बेटा प्रमोद जो कि शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत था। वह 29 जून 2007 की रात अपने घर के बाहर खलिहान में सो रहा था। तभी दिनेश आया और उसे जगाकर अपने घर ले गया। बगल में सो रहे महेंद्र व धर्मेंद्र भी सो रहे थे।
अपहरण कर हुई थी हत्या
दिनेश प्रमोद को लेकर अपने घर में चला गया। तभी प्रमोद की मां दिनेश के घर पहुंची। जहां पर दिनेश व प्रह्लाद बाइक में बैठाकर उसके बेटे को कुरारा की तरफ ले जा रहे थे। पीछे से तत्कालीन ग्राम प्रधान व मौजूदा समय में सपा लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी और पूर्व सपा जिलाध्यक्ष राजबहादुर पाल व रमेश भी बाइक से पीछे गए। जहां उसकी हत्या कर दी गई।
अगले दिन 30 जून को झलोखर गांव के चौकीदार शिवकुमार के द्वारा झलोखर हार में प्रमोद का शव पेड़ की डाल पर फंदे से लटका मिलने की सूचना मिली। इस पर पिता की तहरीर पर कुरारा पुलिस ने दिनेश, प्रह्लाद, रमेश और राजबहादुर पाल के खिलाफ अपहरण कर हत्या करने का मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। विवेचना के दौरान रमेश की मौत हो गई।
मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एफटीसी द्वितीय) मनोज कुमार ने राजबहादुर पाल, दिनेश व प्रह्लाद को उम्रकैद की
सजा सुनाई। तीनों पर अर्थदंड लगाया। जो अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जुर्माने की धनराशि से 50 हजार रुपये पीड़ित को देने के भी आदेश किए गए हैं।
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