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पहले बताया दुष्कर्मी, फिर बनाया पति...; अब अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में युवक को दुष्कर्मी बताने वाली युवती ने कुछ दिन बार उस युवक के साथ ही शादी कर अपना पति बना लिया। मां द्वारा थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे के आधार पर विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कीर्तिमाला सिंह ने आरोपित को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी। साथ ही आरोपित पर 26 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया।

By Rajeev Trivedi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 24 Jul 2024 09:43 AM (IST)
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पहले बताया दुष्कर्मी, फिर बनाया पति...; अब अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा

जागरण संवाददाता, हमीरपुर। युवक को दुष्कर्मी बताने वाली युवती ने कुछ दिन बाद उसीके साथ शादी कर उसे अपना पति बना लिया। लेकिन मां द्वारा थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे के आधार पर मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कीर्तिमाला सिंह ने आरोपित को दोषी मानते हुए उम्रकैद सुनाई है। सजा होते ही पत्नी समेत मासूम बच्चे रो-रोकर बिलखते नजर आए। इसके साथ ही आरोपित पर 26 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट अवध नरेश सिंह चंदेल ने बताया कि थाना मुस्करा के एक गांव निवासी नाबालिग लड़की की मां ने मुस्करा थाने में तहरीर दी थी कि 16 मई 2015 की रात 12 बजे घर में सोते समय उसकी पुत्री अचानक कहीं लापता हो गई। काफी तलाश के बाद जब वह नही मिली।

पहले बताई दुष्कर्म की बात

जिस पर गांव निवासी सुरेश द्वारा बेटी को फोन किए जाने की बात पर उसने सुरेश के खिलाफ बेटी को बहला कर ले जाने समेत एससी एसटी का मुकदमा दर्ज कराया गया। जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। वहीं बेटी की बरामदगी के बाद जब पुलिस ने कोर्ट में 164 के बयान कराएं तो उसमें बेटी ने सुरेश द्वारा दुष्कर्म करने की बात बताई।

जिस पर कोर्ट में हुए बयान के आधार पर आरोपित सुरेश के खिलाफ दुष्कर्म व 6 पाक्सो एक्ट की धारा और बढ़ गई। मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कीर्तिमाला सिंह ने आरोपित सुरेश को दोषी मानते हुए एससी, एसटी मामले में आजीवन कारावास सुनाया है। इसके साथ ही 26 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।

शादी के दो वर्ष बाद पति को छोड़कर आरोपित से की थी शादी

अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता ने अपनी शादी के दो वर्ष बाद पति को छोड़ दिया था और आरोपित सुरेश के साथ रिलेशनशिप में रहने लगी थी और बाद में इनकी शादी हुई और मौजूदा समय में इनके बच्चे भी हैं। शादी करने के बाद पीड़िता कोर्ट में दिए गए बयानों से भी मुकर गई थी। ताकि पति को सजा न हो। लेकिन दोष सिद्ध होने पर हुई सजा के बाद पत्नी व मासूम बच्चे व अन्य स्वजन रो-रोकर बेहाल थे।

पांच वर्ष पहले की थी शादी

विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट अवध नरेश सिंह चंदेल ने बताया कि युवती ने चार वर्ष पूर्व शादी हुई थी। वहीं मां के द्वारा मामला दर्ज कराए जाने पर वह करीब पांच महीने जेल में भी रहा था। इसके बाद छूटकर आने पर दोनों ने शादी कर ली थी।

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