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यूपी के इस लोकसभा सीट पर मुस्लिम वोटरों की भूमिका अहम, लेकिन टिकट देने में अनदेखी; 20 मई को होना मतदान

हमीरपुर महोबा तिंदवारी संसदीय सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका अहम रहेगी। संसदीय क्षेत्र में करीब 1.25 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। जिन पर सभी दलों की निगाहें टिकी हैं। जनसंपर्क अभियान भी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों मे अन्य के बजाय ज्यादा किया जा रह है। सपा-कांग्रेस गठबंधन इसका फायदा लेने के लिए कई हथकंडे अपना रहा है। वहीं मुस्लिम वोटों पर सभी की नजर तो रहती है लेकिन...

By Rajeev Trivedi Edited By: Riya Pandey Updated: Sat, 04 May 2024 05:04 PM (IST)
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यूपी के इस लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका अहम
जागरण संवाददाता, हमीरपुर। मतदान का दिन करीब आ चुका है। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारी में जुटे हैं। कार्यकर्ता भी युद्धस्तर में अपने प्रत्याशी को जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं मुस्लिम मतदाता अभी पसोपेश में है क्योंकि आजतक प्रमुख पार्टियों ने कभी भी किसी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया है।

मुस्लिम प्रत्याशी न होने के कारण यह समुदाय इस लोकसभा चुनाव में शांत-शांत से बैठा हुआ है। वहीं मुस्लिम महिलाएं तो कुछ बोलने को भी तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि आजतक मुस्लिम वर्ग का कोई भी व्यक्ति संसद भवन पहुंचने में कामयाब नहीं हो सका।

हमीरपुर, महोबा तिंदवारी संसदीय सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका अहम रहेगी। संसदीय क्षेत्र में करीब 1.25 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। जिन पर सभी दलों की निगाहें टिकी हैं। जनसंपर्क अभियान भी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों मे अन्य के बजाय ज्यादा किया जा रह है।

सपा-कांग्रेस गठबंधन इसका फायदा लेने के लिए कई हथकंडे अपना रहा है। वहीं मुस्लिम वोटों पर सभी की नजर तो रहती है लेकिन टिकट देने में सभी दल पीछे दिखाई देते हैं। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता जलीस खान का मानना है कि संसदीय क्षेत्र में मुसलमानों की आबादी बहुत कम है।

इस कारण से उन्हें राजनीति में पर्याप्त भागीदारी नहीं मिल पाती है। यदि यहां की मुस्लिम आबादी 25 प्रतिशत से अधिक होती तो मुस्लिम प्रत्याशी को मौका दिया जाता।

मुस्लिम महिलाओं के वोट में सेंध

उधर, मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में तीन तलाक का मुद्दा उठाकर इन मतदाताओं में भी सेंध लगा दी। इसका असर हुआ कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य बूथों पर भी भाजपा प्रत्याशी को अधिक मत मिले थे। जबकि इससे पूर्व कुछ बूथों में तो स्थिति शून्य भी रहती थी। इसमें मौदहा क्षेत्र के कई कपास, कम्हरिया, गुसियारी क्षेत्र शामिल हैं।

वहीं 2024 के चुनाव में भाजपा से पुष्पेंद्र सिंह चंदेल तो सपा-कांग्रेस गठबंधन से अजेंद्र सिंह लोधी प्रत्याशी हैं। जबकि बसपा से निर्दोष कुमार दीक्षित को चुनावी मैदान में उतारा हैं। सभी प्रत्याशी जातिगत वोटों के अलावा मुस्लिम मतदाताओं पर भी भरोसा जा रहे हैं।

गौरतलब है कि मुस्लिम मतदाता की ओर जाएगा अभी तक वह भी इसका फैसला नहीं कर सका है। इस क्षेत्र में 20 मई को मतदान होना है। जैसे-जैसे चुनावी तारीख नजदीक आती जाएगी तब मतदाताओं में जोश नजर आने लगेगा।

लोकसभा वर्ष  पार्टी  प्रत्याशी नाम
पहली 1952  कांग्रेस  मन्नूलाल द्विवेदी
दूसरी 1957  कांग्रेस  मन्नूलाल द्विवेदी
तीसरी 1962  कांग्रेस  मन्नूलाल द्विवेदी
चौथी 1967 भारतीय जनसंघ  स्वामी ब्रह्मानंद
पांचवीं 1971  कांग्रेस  स्वामी ब्रह्मानंद 1
छठीं 1977  भारतीय लोकदल  तेज प्रताप सिंह
सातवीं 1980  कांग्रेस  डूंगर सिंह
आठवीं 1984  कांग्रेस  स्वामी प्रसाद सिंह
नौवीं 1989  जनता दल  गंगाचरन राजपूत
दसवीं 1991  भाजपा  विश्वनाथ शर्मा
ग्यारहवीं 1996  भाजपा  गंगाचरन राजपूत
बारहवीं 1998  भाजपा  गंगाचरन राजपूत
तेरहवीं 1999  बसपा  अशोक कुमार सिंह
चौदहवीं 2004  सपा  राज नारायण बुधौलिया
पंद्रहवीं 2009  बसपा  विजय बहादुर सिंह
सोलहवीं 2014 भाजपा  पुष्पेंद्र सिंह
सत्रहवीं 2019 भाजपा पुष्पेंद्र सिंह
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