यूपी के इस लोकसभा सीट पर मुस्लिम वोटरों की भूमिका अहम, लेकिन टिकट देने में अनदेखी; 20 मई को होना मतदान
हमीरपुर महोबा तिंदवारी संसदीय सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका अहम रहेगी। संसदीय क्षेत्र में करीब 1.25 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। जिन पर सभी दलों की निगाहें टिकी हैं। जनसंपर्क अभियान भी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों मे अन्य के बजाय ज्यादा किया जा रह है। सपा-कांग्रेस गठबंधन इसका फायदा लेने के लिए कई हथकंडे अपना रहा है। वहीं मुस्लिम वोटों पर सभी की नजर तो रहती है लेकिन...
जागरण संवाददाता, हमीरपुर। मतदान का दिन करीब आ चुका है। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारी में जुटे हैं। कार्यकर्ता भी युद्धस्तर में अपने प्रत्याशी को जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं मुस्लिम मतदाता अभी पसोपेश में है क्योंकि आजतक प्रमुख पार्टियों ने कभी भी किसी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया है।
मुस्लिम प्रत्याशी न होने के कारण यह समुदाय इस लोकसभा चुनाव में शांत-शांत से बैठा हुआ है। वहीं मुस्लिम महिलाएं तो कुछ बोलने को भी तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि आजतक मुस्लिम वर्ग का कोई भी व्यक्ति संसद भवन पहुंचने में कामयाब नहीं हो सका।
हमीरपुर, महोबा तिंदवारी संसदीय सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका अहम रहेगी। संसदीय क्षेत्र में करीब 1.25 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। जिन पर सभी दलों की निगाहें टिकी हैं। जनसंपर्क अभियान भी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों मे अन्य के बजाय ज्यादा किया जा रह है।
सपा-कांग्रेस गठबंधन इसका फायदा लेने के लिए कई हथकंडे अपना रहा है। वहीं मुस्लिम वोटों पर सभी की नजर तो रहती है लेकिन टिकट देने में सभी दल पीछे दिखाई देते हैं। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता जलीस खान का मानना है कि संसदीय क्षेत्र में मुसलमानों की आबादी बहुत कम है।
इस कारण से उन्हें राजनीति में पर्याप्त भागीदारी नहीं मिल पाती है। यदि यहां की मुस्लिम आबादी 25 प्रतिशत से अधिक होती तो मुस्लिम प्रत्याशी को मौका दिया जाता।
मुस्लिम महिलाओं के वोट में सेंध
उधर, मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में तीन तलाक का मुद्दा उठाकर इन मतदाताओं में भी सेंध लगा दी। इसका असर हुआ कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य बूथों पर भी भाजपा प्रत्याशी को अधिक मत मिले थे। जबकि इससे पूर्व कुछ बूथों में तो स्थिति शून्य भी रहती थी। इसमें मौदहा क्षेत्र के कई कपास, कम्हरिया, गुसियारी क्षेत्र शामिल हैं।
वहीं 2024 के चुनाव में भाजपा से पुष्पेंद्र सिंह चंदेल तो सपा-कांग्रेस गठबंधन से अजेंद्र सिंह लोधी प्रत्याशी हैं। जबकि बसपा से निर्दोष कुमार दीक्षित को चुनावी मैदान में उतारा हैं। सभी प्रत्याशी जातिगत वोटों के अलावा मुस्लिम मतदाताओं पर भी भरोसा जा रहे हैं।गौरतलब है कि मुस्लिम मतदाता की ओर जाएगा अभी तक वह भी इसका फैसला नहीं कर सका है। इस क्षेत्र में 20 मई को मतदान होना है। जैसे-जैसे चुनावी तारीख नजदीक आती जाएगी तब मतदाताओं में जोश नजर आने लगेगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।लोकसभा वर्ष | पार्टी | प्रत्याशी नाम |
पहली 1952 | कांग्रेस | मन्नूलाल द्विवेदी |
दूसरी 1957 | कांग्रेस | मन्नूलाल द्विवेदी |
तीसरी 1962 | कांग्रेस | मन्नूलाल द्विवेदी |
चौथी 1967 | भारतीय जनसंघ | स्वामी ब्रह्मानंद |
पांचवीं 1971 | कांग्रेस | स्वामी ब्रह्मानंद 1 |
छठीं 1977 | भारतीय लोकदल | तेज प्रताप सिंह |
सातवीं 1980 | कांग्रेस | डूंगर सिंह |
आठवीं 1984 | कांग्रेस | स्वामी प्रसाद सिंह |
नौवीं 1989 | जनता दल | गंगाचरन राजपूत |
दसवीं 1991 | भाजपा | विश्वनाथ शर्मा |
ग्यारहवीं 1996 | भाजपा | गंगाचरन राजपूत |
बारहवीं 1998 | भाजपा | गंगाचरन राजपूत |
तेरहवीं 1999 | बसपा | अशोक कुमार सिंह |
चौदहवीं 2004 | सपा | राज नारायण बुधौलिया |
पंद्रहवीं 2009 | बसपा | विजय बहादुर सिंह |
सोलहवीं 2014 | भाजपा | पुष्पेंद्र सिंह |
सत्रहवीं 2019 | भाजपा | पुष्पेंद्र सिंह |