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सामूहिक हत्याकांड में पूर्व विधायक अशोक चंदेल को उम्रकैद की सजा की अपील पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला

हमीरपुर में 25 साल पहले पूर्व विधायक अशोक सिंह चंदेल और 11 अन्य आरोपितों ने 5 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हाई कोर्ट के दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Fri, 04 Nov 2022 02:17 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने हमरीपुर के 25 साल पुराने मर्डर केस में सुनाया फैसला।
हमीरपुर, जागरण संवाददाता। मुख्यालय में पांच लोगों की सामूहिक हत्या के मामले में हाईकोर्ट द्वारा सुनाए गए पूर्व विधायक अशोक चंदेल समेत नौ दोषियों को सुनाई गई उम्रकैद की सजा के आदेश के खिलाफ अपील में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की बात कही जा रही है। इसके बाद सभी अटकलों पर विराम लग गया है, पैरोकार अधिवक्ता वादी ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है।

भरे बाजार गोलीमार कर दी गई थी हत्या

26 जनवरी 1997 को देर शाम भरे बाजार भाजपा नेता राजीव शुक्ला के दो सगे भाइयों राकेश शुक्ला व राजेश शुक्ला और भतीज अंबुज उर्फ गुड्डा व निजी सुरक्षाकर्मी वेदनायक व श्रीकांत पांडे की गोलीमार हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद अधिवक्ता राजीव शुक्ला की ओर से पूर्व विधायक अशोक सिंह चंदेल उसके निजी सुरक्षाकर्मी समेत 12 नामजद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमे की सुनवाई के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार ने आरोपित विधायक समेत 10 लोगों को बरी कर दिया था।

22 साल तक न्याय के लिए चला संघर्ष

वादी एवं अधिवक्ता राजीव शुक्ला ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी और 22 साल तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद बड़ा फैसला सुनाया था। सामूहिक हत्याकांड में तत्कालीन भाजपा विधायक अशोक सिंह चंदेल समेत नौ लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। एक आरोपित की दौरान मुकदमा मौत हो गई। इसके बाद दोषी पक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी।

दोषी जिनको हुई थी सजा

सामूहिक हत्याकांड में पूर्व विधायक अशोक सिंह चंदेल, श्याम सिंह, निजी गनर साहब सिंह, झंडू अरख, पूर्व विधायक का ड्राइवर रुक्कू, शराब कारोबारी रघुवीर सिंह, आशुतोष सिंह उर्फ डब्बू सिंह पुत्र रघुवीर सिंह, प्रदीप सिंह, उत्तम सिंह, भान सिंह, नसीम व सरकारी गनर नामजद किए गए थे। पुलिस द्वारा चार्जशीट में 11 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था और सरकारी गनर का नाम हटाया गया था।

सेशन कार्ट ने सुनाई थी ड्राइवर को सजा

सेशन कोर्ट में मामले के विचारण दौरान आरोपित ड्राइवर रुक्कू फरार था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार ने पूर्व विधायक अशोक चंदेल समेत सभी को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया था। बाद में 12 मई 2003 को रुक्कू को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था और जनपद न्यायाधीश बीराम ने मामले की सुनवाई के बाद उसे उम्रकैद सुनाई थी।

11 में दो की हो चुकी मौत

सामूहिक हत्याकांड में सुनवाई के दौरान आरोपित झंडू सिंह की मौत हो गई थी। आरोपित शराब कारोबारी रघुवीर सिंह की 15 अगस्त 2022 को मौत हो गई। मामले में दोषी अशोक सिंह चंदेल, श्यामजी, साहब सिंह, रुक्कू, आशुतोष सिंह उर्फ डब्बू, प्रदीप सिंह, उत्तम सिंह, भान सिंह व नसीम समेत नौ लोग अलग-अलग जेलों में सजा काट रहे हैं।

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