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बुंदेलखंड में क्रांतिकारियों के गांव में युवा ग्राम प्रधान की सोच और लगन की बदौलत विकास की क्रांति

UP News क्रांतिकारियों के गांव जराखर के ग्रामीण नरेश ने बताया कि स्कूलों में बच्चों के बैठने की व्यवस्था खेल का मैदान कक्षाओं का सुंदरीकरण कराया गया। बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। शिक्षा में प्रोजेक्टर का प्रयोग किया जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Sanjay PokhriyalUpdated: Thu, 27 Oct 2022 09:30 AM (IST)
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UP News: युवा ग्राम प्रधान कमलेश ने एक वर्ष के कार्यकाल में पूर्ण कराए कई कार्य
वीरधनंजय, राठ (हमीरपुर) : क्रांतिकारियों के गांव जराखर में आज तमाम सार्वजनिक निर्माणों और सुविधाओं की तस्वीर यहां विकास की क्रांति की गवाही दे रही है। यह सब संभव हुआ युवा ग्राम प्रधान कमलेश की सोच और लगन की बदौलत। एक वर्ष के कार्यकाल में कई वर्षों से लंबित पड़ी योजनाओं को पूरा कराकर उन्होंने धरातल पर उतार दिया। अब आगे के विकास की रूपरेखा तैयार की है। ग्रामीण भी उनके कार्यों की प्रशंसा करते नहीं थकते।

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गोहांड ब्लाक में जराखर क्रांतिकारियों का गांव रहा है। यहां के 55 लोगों ने देश के लिए बलिदान दिया। उसी गांव की कमान प्रधान के रूप में कमलेश संभाल रहे हैं। 16 जुलाई 1988 को साधारण कृषक परिवार में जन्मे कमलेश ने पंडित दीनदयाल इंटर कालेज चिकासी से हाईस्कूल पास किया। शिक्षा में मन न लगने से बहुत कम उम्र से व्यापार करने लगे। निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने के चलते क्षेत्र के प्रधानों से उनका संपर्क हुआ। प्रधान के कार्यों को को समझने का अवसर मिला। शिक्षा के महत्व को समझते हुए कमलेश ने वर्ष 2015 में गांव में देशरानी महाविद्यालय का निर्माण कराया।

पंचायत घर को जाने वाली सड़क।

कमलेश के अनुसार वह अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली मानते हैं कि उनका जन्म बलिदानियों के गांव में हुआ। ऐसी पवित्र भूमि पर जब गांव के कुछ लोग अपनी समृद्ध विरासत को भूलकर ताश खेलना, शराब पीना आदि कार्य करने लगे, तब मन बहुत व्यथित हुआ। तभी निर्णय किया कि समाज को मुख्यधारा में वापस लाना है। यही से सपना शुरू हुआ ग्राम प्रधान बनने का। वर्ष 2010 में 22 वर्ष की उम्र में पहली बार चुनाव लड़ा, मगर 60 वोट से हार गए। 2015 से 2021 के बीच आरक्षित सीट पर युवा प्रधान के रूप में नरेश अनुरागी विजयी हुए। प्रधान प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए कमलेश ने ग्राम विकास संबंधी जो सुझाव दिए, वो सभी कार्य प्रधान ने पूरे कराए। इसके बाद वर्ष 2021 के ग्राम पंचायत चुनाव में कमलेश की जीत हुई।

उच्च प्राथमिक विद्यालय की दीवारों पर बनाए गए चित्र।

गांव में कराए गए कार्य

  • विशाल परिसर में बरातघर का निर्माण
  • स्वर्गधाम नाम से शवदाह गृह का निर्माण
  • संपूर्ण गांव में कुल 64 सीसी कैमरे लगवाए
  • जराखर को खुले में शौच मुक्त गांव घोषित किया गया
  • प्राचीन मंदिर की मरम्मत कराकर स्वच्छ एवं सुंदर बनाया
  • घर घर जाकर कूड़ा एकत्र कर निस्तारण करने की व्यवस्था
  • नौनिहालों के लिए नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था मंदिर परिसर में की
  • सभी सड़कों का पक्का निर्माण, जल निकासी के लिए नालियों का निर्माण
  • मिशन कायाकल्प के तहत स्कूलों की जर्जर व्यवस्था में सुधार। कान्वेंट की तर्ज पर माहौल तैयार किया
  • ग्राम पंचायत सचिवालय को सुविधाओं से युक्त किया। यहां नियमित ग्राम स्तर के अधिकारी बैठक करते हैं
  • गोशाला का निर्माण, जहां गायों की नस्ल सुधार कर दुधारू गोवंशी तैयार होते हैं। वर्मी कंपोस्ट खाद का निर्माण भी

गांव में स्थित गोशाला में पानी व भूसे का प्रबंध।

आगे की कार्य योजना

आभासी खगोलीय वेधशाला का निर्माण कराया जाएगा। अमृत सरोवर का काम चल रहा, जहां तालाब के चारों ओर बच्चों के लिए झूले, ओपन जिम, बैठने के लिए कुर्सियां, नौका संचालन, लाइटिंग, पुस्तकालय की सुविधा होगी। 65 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज लगाने के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मृति उपवन भी यहां आकर्षण होगा। लगभग 40 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।

ग्रामीण सोहन लाल ने बताया कि शवदाह गृह न होने से बारिश के दिनों में मुसीबतों का सामना करना पड़ता था। अब आपातकालीन स्थिति में शव को दो-तीन तक डीप फ्रीज कर संरक्षित भी किया जा सकता है।

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