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दस दिन में पटरियों पर दौड़ेंगी अमेरिकी इंजन लगी मालगाड़ियां

माल से लदी मालगाड़ियों में अब अमेरिका के इंजन लगाए जाएंगे। दस दिन के भीतर मुरादाबाद मंडल से वाया हापुड़ के रास्ते चलने वाली दस मालगाड़ियों में इन इंजन को लगाने की हरी झंडी मिल गई है। इन इंजन के लगने के बाद मालगाड़ियों की रफ्तार भी सौ किमी प्रतिघंटा होगी। अभी तक मालगाड़ियां 50 से 60 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ रहीं हैं। इन इंजन के मिलने से मालगाड़ियों के समय से पहुंचने की संभावना भी बन गई है।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 04 Oct 2018 09:02 PM (IST)
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दस दिन में पटरियों पर दौड़ेंगी अमेरिकी इंजन लगी मालगाड़ियां

गौरव शर्मा, हापुड़

माल से लदी मालगाड़ियों में अब अमेरिका में बने इंजन लगाए जाएंगे। आगामी दस दिन में मुरादाबाद मंडल से हापुड़ के रास्ते चलने वाली दस मालगाड़ियों में ये इंजन को लगाने के लिए हरी झंडी मिल गई है। अमेरिकी इंजन के लगने के बाद मालगाड़ियों की रफ्तार सौ किमी प्रति घंटा तक हो जाएगी। अभी तक मालगाड़ियां केवल 50 से 60 किमी प्रति घंटा की गति से दौड़ रहीं हैं। इसके बाद मालगाड़ियों के समय से पहुंचने की संभावना बन गई है।

मालगाड़ियों में अभी तक वर्षों पुराने इंजन लगाए हुए है। इन इंजनों में अक्सर खराबी आती रहती है। परिणामस्वरूप मालगाड़ियों को बीच रास्ते में खड़ा कर दिया जाता है। इस कारण मालगाड़ियां तो अपने गंतव्य पर काफी देरी से पहुंच रही हैं, साथ ही रेलगाड़ियों का आवागमन भी प्रभावित होता है। मालगाड़ियों में अमेरिकी इंजन लगाने के लिए रेलवे अधिकारियों ने अमेरिकी कंपनी से करार किया था।

इस करार के बाद आए अमेरिका के इंजनों में से मुरादाबाद मंडल को तीस इंजन मिले हैं। इन इंजनों का मालगाड़ियों में लगाने के लिए पिछले दिनों ट्रायल किया गया था। ट्रायल काफी सफल साबित हुआ है। इसके बाद इन इंजनों को विभिन्न मार्ग पर संचालित होने वाली मालगाड़ियों में लगाने की तैयारी की जा रही है। अधिकारियों की मानें तो मुरादाबाद से दिल्ली के बीच चलने वाली करीब दस मालगाड़ियों में अमेरिकी इंजन लगाए जाएंगे। - क्या है विशेषता

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी इंजनों में सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इंजन में किसी भी पुर्जे में खराबी आते ही तुरंत चालक को जानकारी मिल जाएगी। खराबी आने पर चालक के केबिन में लगी लाल बत्ती जल जाएगी। चालक के साथ-साथ यह जानकारी उच्च अधिकारियों को भी मिल जाएगी। चालक का केबिन को एयरकंडीशन बनाया गया है और उसमें टॉयलेट की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

अमेरिका से खरीदे गए तीस इंजन मंडल में आ गए हैं। दस दिन में इन इंजनों को मालगाड़ियों में लगाकर पटरी पर दौड़ा दिया जाएगा। पिछले दिनों किए गए ट्रायल में ये इंजन सफल रहे थे।

-एके ¨सघल, मंडल रेल प्रबंधक।

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