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पाकिस्तानी जासूस सतेंद्र सिवाल के करीबियों पर ATS की नजर, करीबियों पर गिर सकती है गाज; डर के साये में परिवार

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आइएसआइ) को देश की गोपनीय जानकारी भेजने के आरोपित थाना देहात क्षेत्र के गांव श्यामपुर का सतेंद्र सिवाल रूस के मास्को स्थित भारतीय दूतावास में इंडिया बेस्ट सिक्योरिटी असिस्टेंट ( आइबीएसए ) के पद पर कार्यरत था। देश से गद्दारी करने पर एटीएस ने उसे गिरफ्तार किया है। ग्रामीणों ने बताया कि सतेंद्र के परिवार को बिल्कुल भी इसका अंदाजा नहीं था।

By Kesav Tyagi Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 06 Feb 2024 04:06 PM (IST)
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पाकिस्तानी जासूस सतेंद्र सिवाल के करीबियों पर ATS की नजर
जागरण संवाददाता, हापुड़। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को गोपनीय जानकारी भेजने के आरोपित सतेंद्र सिवाल के करीबी भी एटीएस की रडार पर हैं।

एटीएस उसके मोबाइल फोन के अलावा विदेश व देश में खुले बैंक अकाउंट की जानकारी खंगाल रही है। संभावना जताई जा रही है कि एटीएस उसके पैतृक गांव में पहुंचकर भी छानबीन कर सकती है। जिसके बाद कई बड़े राज से पर्दा भी हट सकता है।

देश से गद्दारी करने पर हुई गिरफ्तारी

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आइएसआइ) को देश की गोपनीय जानकारी भेजने के आरोपित थाना देहात क्षेत्र के गांव श्यामपुर का सतेंद्र सिवाल रूस के मास्को स्थित भारतीय दूतावास में इंडिया बेस्ट सिक्योरिटी असिस्टेंट ( आइबीएसए ) के पद पर कार्यरत था। देश से गद्दारी करने पर एटीएस ने उसे गिरफ्तार किया है।

गांव में उसके माता-पिता के अलावा भाई व चाचा का परिवार रहता है। उसकी गिरफ्तारी के बाद से वह गांव से चले गए हैं। उधर, एटीएस यह पता करने में जुटी है जासूसी के बदले मिलने वाले रुपयों से सतेंद्र ने कितनी संपत्ति अर्जित की है।

देश विदेश में खुले उसके बैंक खाते से किस-किस व्यक्ति को रुपये भेजे गए हैं। इतना ही नहीं कॉल या मैसेज के जरिए किस-किस के संपर्क में था। अगर स्वजन या अन्य किसी परिचित व आरोपित के बीच रुपयों के लेनदेन का इनपुट मिलता है तो निश्चित ही एटीएस कार्रवाई कर सकती है।

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पूछताछ में भी सतेंद्र उगल सकता है कई बड़े राज

सतेंद्र को रिमांड पर लेकर एटीएस पूछताछ भी करेगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि पूछताछ में वह कई राज उगल सकता है। जिसके बाद कुछ अन्य लोगों की भी धरपकड़ की जा सकती है।

हालांकि, स्थानीय अधिकारियों से भी अभी तक एटीएस ने कोई जानकारी साझा नहीं की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस सतेंद्र के परिवार पर नजर जमाए हुए है।

तीन साल बाद गांव आया था सतेंद्र

किशोर अवस्था से ही सतेंद्र गांव में नहीं रहा है। अधिकांश पढ़ाई उसने घर से बाहर रहकर ही की है। ऐसे में स्वजन या परिवार के अन्य सदस्यों के अलावा कोई खास दोस्त या परिचित नहीं है। नौकरी के दौरान वह कभी कभार ही गांव आ ता था। तीन साल बाद वह 28 जनवरी छुट्टी लेकर को अपने गांव आया था। जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई है।

भयभीत है सतेंद्र का परिवार

ग्रामीणों ने बताया कि सतेंद्र के परिवार को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वह पाकिस्तानी जासूस बनकर पूरे परिवार पर ऐसा बदनुमा धब्बा लगा देगा जिसे शायद ताउम्र वह हटा नहीं सकेंगे।

पिता खेती-बाड़ी कर सम्मान के साथ पूरे परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। मगर, सतेंद्र की गिरफ्तारी के बाद से पूरा परिवार भय के माहौल में जीने को मजबूर है। परिवार के सदस्यों ने ग्रामीणों से भी दूरी बनाई हुई है।

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