Ration Card बनवाने में हो रहा बड़ा खेल, पकड़े गए फर्जी दस्तावेज; सामने आई चौंकाने वाली बात
राशन कार्ड के लिए जांच के दौरान बड़ी संख्या में अपात्र मिल रहे हैं। श्रम कार्ड रखने वालों का पंजीकरण राशन कार्ड देने के लिए निकले अफसरों के सामने हैरान करने वाली जानकारी आ रही है। जिन लोगों के पास श्रम कार्ड हैं उनमें से कई कार-बंगलों के मालिक हैं। कई की सरकारी नौकरी भी हैं। वहीं सैकड़ों की संख्या में ऐसे नाम-पते हैं जो वास्तव में हैं ही नहीं।
ठाकुर डीपी आर्य, हापुड़। हापुड़ में आधे से ज्यादा श्रम कार्डधारक संपन्न परिवारों से मिल रहे हैं। श्रम कार्ड रखने वाले व्यक्तियों के पास कार और अच्छी नौकरी और कारोबार भी हैं। दरअसल प्रदेश में श्रम कार्ड कोविड के बाद बनाए गए थे।
उस समय लोगों को उम्मीद थी कि श्रम कार्ड बनवा लेने से उनको सरकार से पेंशन मिलेगी। इसी भ्रम में लोगों ने श्रम कार्ड बनवा लिए। अब राशन कार्ड के लिए जांच के दौरान वह अपात्र मिल रहे हैं।
वहीं कोविड के बाद ज्यादातर संख्या में कामगार जिले से पलायन कर गए। जिससे वह भी राशनकार्ड बनवाने को उपलब्ध नहीं हैं, जबकि उनके नाम जिले के श्रम कार्डधारकों में हैं।यही कारण है कि एक महीने की कड़ी मशक्कत के बाद 16 हजार में से मात्र तीन हजार परिवारों के राशन कार्ड ही बन सके हैं। इस अव्यवस्था से अभियान को धक्का लगा है।
यह है मामला
कोविड के बाद देशभर में कामगारों की पहचान के लिए उनका पंजीकरण किया गया था। पंजीकरण करने के साथ ही उनके श्रम कार्ड भी बनाए गए थे। शासन का मानना था कि कामगारों का सटीक डाटा उपलब्ध होना चाहिए।दरअसल कोविड में कामगारों को काम और राशन नहीं मिलने से बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा था। ऐसे में कैंप लगाकर श्रम कार्ड जारी करने का निर्णय लिया था। इसके साथ ही कामगारों को जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने की तैयारी की गई थी।अफवाहों से हो गई गड़बड़ी
कोविड के बाद अफवाह फैली कि शासन की ओर से लोगों को पेंशन दी जाएगी। इसके लिए पंजीकरण करने के साथ ही उनको कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। इस भ्रम में हजारों लोगों ने अपने श्रम कार्ड बनवा लिए। जबकि वह वास्तव में कामगार नहीं थे।ऐसे में उनका पंजीकरण सरकारी रिकॉर्ड में कामगार के रूप में हो गया। उनकी श्रम कार्ड संख्या के साथ ही नाम-पता व जरूरी जानकारी प्रशासन के पास उपलब्ध है। हापुड़ जिले में कामगारों की संख्या 96 हजार पंजीकृत हैं।सुप्रीम कोर्ट में दी गई जानकारी
एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि प्रदेश में कामगारों को दी जानी वाली सुविधाओं की क्या स्थिति है? क्या कामगारों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराने के लिए राशन कार्ड जारी किए गए हैं।उनको नियमित रूप से निशुल्क राशन का वितरण किया जा रहा है या नहीं। यह जानकारी सरकार को हर हाल में नवंबर के अंतिम सप्ताह तक जुटानी है। इसके लिए श्रम कार्ड रखने वालों के राशन कार्ड बनाने को अभियान चल रहा है।हकीकत देख अफसर हुए हैरान
दरअसल कोविड के समय जिले में रहने वाले सैकड़ों कामगारों के श्रम कार्ड बना दिए गए थे। अब तीन साल में उनमें से सैकड़ों अपने प्रदेश-जिले में चले गए। ऐसे में श्रम कार्ड धारक मिल ही नहीं पा रहे हैं।तत्काल मिलेगा राशन कार्ड
ज्यादातर कामगार पलायन कर गए हैं। जो भी कामगार श्रम कार्ड रखता हो। वह केवल आधार कार्ड लेकर तहसील में पहुंच जाएं। वहां पर फीड भी हम खुद करा लेंगे और तत्काल राशन भी उपलब्ध कराया जाने लगेगा। - डॉ. सीमा सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी।