Earthquake Alert: 'कुछ देर में भूकंप आने वाला', समय से पहले लोगों को मिल जाएगा अलर्ट; विशेषज्ञों ने पूरी की तैयारी
लोगों को भूकंप का पहले से ही अलर्ट मिले सकेगा। अब दिल्ली नोएडा गाजियाबाद व गुरुग्राम की हाईराइज बिल्डिंग में भूकंप की पूर्व सूचना देने वाले संयंत्र लगाए गए हैं। जापान की तरह भारत के लोगों को भी दो साल में भूकंप का अलर्ट दिया जाना संभव हो सकेगा। इनके द्वारा 25 से 30 सेकेंड पहले भूकंप की जानकारी मिल पाना संभव हो सकेगा।
जागरण संवाददाता, हापुड़। लोगों को भूकंप का भी पहले से ही अलर्ट मिल सकेगा। विशेषज्ञों ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली है। जापान की तरह भारत के लोगों को भी दो साल में भूकंप का अलर्ट दिया जाना संभव हो सकेगा। इसके लिए गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली और गुरुग्राम की हाईराइज सोसाइटी पर संयंत्र लगाकर शोध किया जा रहा है।
आपदा के मुहाने पर बैठा है देश
इनसे 25-30 सेकेंड पहले अलर्ट मिल जाएगा, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थान पर शरण लेने का मौका मिल सकेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, देश में प्राकृतिक आपदाओं की आशंका ज्यादा है। सबसे ज्यादा खतरा भूकंप को लेकर है। दिल्ली के साथ ही एनसीआर, यूपी, बिहार और उत्तराखंड के क्षेत्रों में भूकंप आने की आशंका ज्यादा है।
क्षेत्र की स्थिति 6.5 तीव्रता तक के भूकंप को झेलने की क्षमता रखती है। इस तीव्रता पर नुकसान कम होगा। इससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर जानमाल की क्षति बहुत ज्यादा होगा। पूरे क्षेत्र में हाईराइज सोसायटियों की भरमार है। जबकि लोगों को भूकंप के दौरान व उसके तत्काल बाद बचाव की जानकारी नहीं है।
लगाए गए हैं मॉडल संयंत्र
भूकंप की पूर्व सूचना अभी तक जापान में ही संभव है। मॉडल के तौर पर इसका संयंत्र उत्तराखंड में लगाया गया था, जिसका परिणाम अपेक्षाओं के अनुरूप रहा था। अब दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद व गुरुग्राम की हाईराइज बिल्डिंग में भूकंप की पूर्व सूचना देने वाले संयंत्र लगाए गए हैं।
ऊंचे भवन होने पर इन यंत्रों को हल्का सा कंपन भी अनुभव हो सकता है। वहीं इनकी कनेक्टिविटी भूमि में गहराई तक हाेती है। ये संयंत्र अभी प्रशिक्षण की श्रेणी में हैं। इनके द्वारा 25 से 30 सेकेंड पहले भूकंप की जानकारी मिल पाना संभव हो सकेगा। ये संयंत्र दो साल में पूर्ण विकसित हो जाएंगे।
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मिल सकेगा बचाव का मौका
विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप का अलर्ट मिलने पर तत्काल बचाव का उपाय किया जा सकेगा। इसके लिए लोगों को प्रशिक्षित करना जरूरी होगा। कार आदि वाहनों को फ्लाईओवर से नीचे उतारकर सड़क किनारे रोका जा सकेगा। भवनों में काम कर रहे लोग दीवारों के पास सुरक्षा के साथ खड़े हो सकेंगे या तत्काल बाहर निकल सकेंगे। स्कूलों से बच्चों को बाहर निकाला जा सकेगा। बाजार आदि में लोग खुले स्थानों पर खड़े हो सकेंगे।
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हमको भूकंप के साथ रहने की आदत डालनी होगी। इसके साथ ही सुरक्षित भी रहना होगा। ऐसे में एक ओर जहां भूकंप का पूर्व अलर्ट पाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं, वहीं लोगों को जागरूक करने को भी अभियान शुरू किया जाना है। इससे जानमाल की हानि को कम करना संभव हो सकेगा। हमारे शोध और प्रशिक्षण अपेक्षित दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। - डॉ. आमिर अली खान, मुख्य प्रशिक्षण व प्रोफेसर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट-नई दिल्ली।