Hapur News: गंगानगरी का होगा चहुंमुखी विकास, PPP मॉडल के तहत होगा अंतरराज्यीय बस अड्डे का निर्माण
गंगानगरी के यात्रियों के लिए बड़ी खबर! उत्तर प्रदेश सरकार ने गढ़मुक्तेश्वर सहित 12 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित करने का निर्णय लिया है। इससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को आवागमन में होने वाली परेशानियों से निजात मिलेगी। बस अड्डे पर एसी हाल एटीएम बूथ आरओ पेयजल सुविधा डीलक्स शौचालय पार्किंग सुविधा कैफेटेरिया पूछताछ केंद्र आदि सुविधाएं मिलेंगी।
शुभम कौशिक, गढमुक्तेश्वर। उत्तर प्रदेश के बस अड्डों को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित करने की योजना के दूसरे चरण में गढ़मुक्तेश्वर सहित 12 बस अड्डों को चयनित कर लिया गया है। इससे गंगानगरी में दूरदराज से आवागमन करने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना नहीं पड़ेगा। इससे स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। पीपीपी मॉडल के तहत विकसित करने के लिए परिवहन निगम जल्द ही चयनित कंपनियों को लेटर ऑफ इंटेंट (कार्य करने का अनुबंध) जारी कर सकेगा।
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा यात्रियों को अच्छी सुविधाएं देने के लिए प्रदेश के सभी बस अड्डों को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित करने की योजना शुरु कर दी है। जिसमें पहले चरण में 11 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित करने की सूची में शामिल किया गया था।
लेटर ऑफ इंटेट जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी
वहीं दूसरे चरण में मंगलवार को कैबिनेट द्वारा पीपीपी मॉडल के तहत लेटर ऑफ इंटेट जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। उत्तर प्रदेश में 23 बस अड्डें का पीपीपी मॉडल पर विकसित होने के बाद पूरे देश में पीपीपी मॉडल बस अड्डों को विकसित करने की सूची में पहला स्थान प्राप्त कर लेगा। गुजरात में 14 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित किया गया है।गंगानगरी में हर 15 दिनों में लगता है मेला
ज्ञात हो कि गंगानगरी में हर 15 दिनों में लगने वाले अमावस्या और पूर्णिमा मेलों पर दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित अन्य जनपदों से लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए ब्रजघाट पहुंचते हैं। वहीं गढ़मुक्तेश्वर बस अड्डे पर यात्रियों को पूरी सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
लोगों में खुशी की लहर
वहीं यात्रियों को बस चालक द्वारा बीच रास्ते में उतार दिया जाता है और बीच रास्तें से ही बैठा लिया जाता है। गढ़ बस अड्डे को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित करने के बाद यात्रियों को बस अड्डे पर सुविधाओं के साथ दूरदराज को जाने वाली बसें आसानी से मिल सकेंगी। इससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना नहीं पड़ेगा। पीपीपी मॉडल सूची में गढ़मुक्तेश्वर का नाम आने पर स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है।एयरपोर्ट के तर्ज पर बनेगा बस स्टेंड
करीब तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से बस स्टेंड बनेगा। जहां से पूरे उत्तर प्रदेश समेत आसपास पड़ोसी राज्यों के लिए सीधे बसे मिल सकेंगी। बस स्टेंड में एसी हाल, एटीएम बूथ, आरओ पेयजल सुविधा, डीलक्स शौचालय, पार्किंग सुविधा, कैफेटेरिया, पूछताछ केंद्र आदि सुविधा मिलेंगी।यह भी पढ़ेंः Hapur News: हाथरस घटना का डर, पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा को नहीं मिली अनुमति; 10 लाख लोगों के पहुंचने की संभावना
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